प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के पहले सौ दिन खास होते हैं. 2014 के चुनाव जीतकर सत्ता में आई मोदी सरकार ने पहले सौ दिन में ही काला धन को लेकर एसआईटी बनाने जैसे बड़े फैसले लिए तो वहीं अपने दूसरे कार्यकाल के पहले सौ दिन में सरकार ने तीन तलाक, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जैसे बड़े फैसले लिए. पीएम मोदी की अगुवाई में अब तीसरी बार सरकार बन चुकी है, मंत्रिमंडल का गठन हो चुका है और मंत्रियों ने आवंटित मंत्रालयों का चार्ज संभाल लिया है.
ऐसे में अब चर्चा मोदी सरकार के शुरुआती सौ दिन के एजेंडे को लेकर भी हो रही है. जानकार किसान कल्याण से गरीब कल्याण तक, सरकार के शुरुआती 125 दिनों में बड़े फैसलों की उम्मीद जता रहे हैं तो वहीं मंत्रियों ने भी चार्ज लेने के बाद अपनी प्राथमिकताएं बताई हैं. मोदी कैबिनेट के 30 मंत्रियों की पहली प्राथमिकता क्या होगी?
यहां पढ़ें मोदी कैबिनेट के मंत्रियों की क्या रहेंगी प्राथमिकताएं-
अमित शाह (गृह मंत्री): गृह मंत्रालय राष्ट्र और उसके लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहेगा. मोदी 3.0 में भारत की सुरक्षा के लिए अपने प्रयासों को अगले स्तर पर ले जाएंगे. आतंकवाद, उग्रवाद और नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी.
राजनाथ सिंह (रक्षा मंत्री): रक्षा मंत्रालय का चार्ज संभालने के बाद राजनाथ सिंह ने सीमा सुरक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताया. उन्होंने ये भी कहा कि हम 'मेक इन इंडिया' को मजबूत करने और रक्षा विनिर्माण और निर्यात को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.
निर्मला सीतारमण (वित्त मंत्री): वित्त मंत्रालय का कार्यभार ग्रहण करने के बाद निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2014 से किए गए सुधार जारी रहेंगे जिससे भारत व्यापक आर्थिक स्थिरता और वृद्धि हासिल करेगा. विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए नीति निर्माण सुनिश्चित किया जाएगा.
एस जयशंकर (विदेश मंत्री): पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को मजबूत बनाना प्राथमिकता होगी. चीन और पाकिस्तान के साथ रिश्ते सामान्य बनाने की राह में जो समस्याएं हैं, उनका समाधान निकालना होगा.
नितिन गडकरी (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत में तेजी से विश्वस्तरीय और आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास होगा.
जेपी नड्डा (स्वास्थ्य मंत्री): स्वास्थ्य मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद जेपी नड्डा ने अधिकारियों के साथ बैठक की और 100 दिन के एजेंडे पर फोकस करने के निर्देश दिए. 70 साल से अधिक उम्र के लोगों को आयुष्मान योजना के दायरे में लाना सरकार की प्राथमिकता में है.
शिवराज सिंह चौहान (कृषि मंत्री): कृषि मंत्रालय का कार्यभार ग्रहण करने के बाद शिवराज ने किसान कल्याण को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताया. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास किसानों को पर्याप्त एवं गुणवत्तापूर्ण खाद-बीज सहज तरीके से उपलब्ध कराना है.
मनोहर लाल खट्टर (आवास एवं शहरी कार्य, ऊर्जा मंत्री): मनोहर लाल ने बारिश में जलभराव के कारण शहरों में जनजीवन ठप हो जाने की समस्या के समाधान को अपना प्रमुख एजेंडा बताया है. उन्होंने विभाग का कार्यभार संभालने के बाद अफसरों से इस समस्या के समाधान के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा है.
पीयूष गोयल (वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय): वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद पीयूष गोयल ने कीमतों को नियंत्रण में रखने को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताया है.
एचडी कुमारस्वामी (भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम, इस्पात मंत्रालय): पदभार संभालने के बाद इस्पात मंत्री ने भारत को इस्पात की तरह एक मजबूत, शक्तिशाली राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया. उन्होंने कहा कि मैं देश भर में औद्योगिक उत्पादन बढ़ाने और व्यापक रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सक्रिय रूप से काम करूंगा.
धर्मेंद्र प्रधान (शिक्षा मंत्रालय): शिक्षा मंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मैं और मेरी टीम, NEP के कार्यान्वयन में नई जमीन तोड़ने, हमारे शिक्षण परिदृश्य को भविष्य के लिए तैयार करने, लोगों को सशक्त बनाने और भारत को 21वीं सदी की ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने का काम करेंगे.
जीतनराम मांझी (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय): जीतनराम मांझी ने मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए एमएसएमई को आत्मनिर्भर बनाने और जीडीपी में उनकी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाएंगे. दोनों मंत्रियों ने मंत्रालय के अधिकारियों से एमएसएमई के सशक्तिकरण के लिए अपने-अपने क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ने को कहा.
राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह (पंचायती राज, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन): ललन सिंह ने कार्यभार संभालने के बाद प्राथमिकताओं के बारे में पूछे जाने पर कहा, "पिछले 10 साल से काम हो रहा है. जो प्राथमिकताएं पहले से तय हैं, जो कार्यक्रम चल रहे हैं, उसमें निरंतरता रहेगी. कोई व्यक्तिगत प्राथमिकता नहीं होगी."
सर्बानंद सोनोवाल (पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री): कार्यभार संभालने के बाद सोनोवाल ने कहा कि इस नई सरकार में हम पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की नई गति को आगे बढ़ाएंगे और भारत को अग्रणी वैश्विक समुद्री शक्ति के रूप में स्थापित करेंगे.
डॉक्टर वीरेंद्र कुमार (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री): वीरेंद्र कुमार ने कार्यभार संभालने के बाद कहा कि हमारा लक्ष्य अपनी 100 दिवसीय कार्ययोजना को जल्द से जल्द पूरा करना होना चाहिए. हमारा उद्देश्य यह होना चाहिए कि हम जो भी काम करें, वह समाज और राष्ट्र की प्रगति में योगदान दे. हमारा काम ऐसा होना चाहिए कि उसे न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता मिले. उन्होंने नशा मुक्त भारत अभियान को और मजबूत करने की भी बात कही.
किंजरापु राम मोहन नायडू (नागरिक विमानन मंत्री): मोदी सरकार 3.0 में सबसे युवा मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू (36) टीडीपी के सांसद हैं. उन्होंने कार्यभार संभालने के बाद कहा कि मैं इस कार्यकाल में भारतीय विमानन क्षेत्र को उड़ान की सुगमता के उद्देश्य से वैश्विक नेताओं में से एक बनाने का इरादा रखता हूं. मैं भारतीय विमानन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने, प्रगति, नवाचार और उत्कृष्टता सुनिश्चित करने के लिए उत्साहित और प्रतिबद्ध हूं. भारतीय विमानन के लिए आने वाला समय रोमांचक है.
प्रह्लाद जोशी (उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय): प्रह्लाद जोशी ने कार्यभार संभालने के बाद कहा कि 2047 तक भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में काम करना हमारा संकल्प होगा. हम भारत को नवीकरणीय ऊर्जा में वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ेंगे.
जुएल ओराम (जनजातीय कार्य मंत्रालय): ओराम ने कार्यभार संभालने के बाद अपनी प्राथमिकताओं का जिक्र तो नहीं किया लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो उनके सामने आदिवासी क्षेत्रों के विकास की बड़ी चुनौती है. खासकर अपने लोकसभा क्षेत्र के विकास की चुनौती रहेगी.
गिरिराज सिंह (कपड़ा मंत्री): कपड़ा मंत्री ने कहा कि हम एक ऐसा भविष्य बुनेंगे जो न केवल आर्थिक रूप से मजबूत होगा बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से भी जिम्मेदार होगा. हमारी आगे की यात्रा अवसरों से भरी हुई है, और मुझे विश्वास है कि सामूहिक प्रयास से हम उल्लेखनीय मील के पत्थर हासिल करेंगे.
अश्विनी वैष्णव (रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स सूचना प्रौद्योगिकी): कार्यभार संभालने के बाद वैष्णव ने अपने विजन में रेलवे के बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण और पुनरोद्धार को शामिल बताया, जिसमें स्टेशनों का परिवर्तन, नई ट्रेनों की शुरूआत, व्यापक स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम, नई रेल लाइनों की शुरुआत और व्यापक विद्युतीकरण प्रयास शामिल हैं.
ज्योतिरादित्य एम सिंधिया (संचार मंत्रालय, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय): सिंधिया ने कार्यभार संभालने के बाद कहा कि मेरा संकल्प है कि हम इस क्षेत्र के विकास की गति को कई गुना बढ़ाएंगे और क्षेत्र में आधुनिक विकास के नए मापदंड स्थापित करेंगे.
भूपेंद्र यादव (पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन): नए पर्यावरण मंत्री ने कार्यभार संभालने के बाद कहा कि सरकार विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखेगी. भारत ने पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय जलवायु योजना - राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के तहत निर्धारित मात्रात्मक और गुणात्मक लक्ष्यों को निर्धारित समय से नौ साल पहले पूरा कर लिया है.
गजेंद्र सिंह शेखावत (संस्कृति, पर्यटन मंत्रालय): कार्यभार संभालने के बाद शेखावत ने कहा कि हमारे देश की बढ़ती सॉफ्ट पावर इसकी समृद्ध सांस्कृतिक संरचना और कला, संगीत, नृत्य, वस्त्र आदि के रूप में इसकी असंख्य अभिव्यक्तियों में निहित है. इसे मजबूत करने के लिए मिलकर काम करेंगे और संस्कृति को को बुनने के लिए एक मजबूत धागा बनाएंगे. हम कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हमारे विभिन्न प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत स्थलों को उजागर करते हुए इसे बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे.
अन्नपूर्णा देवी (महिला एवं बाल विकास): मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि मेरा प्रयास रहेगा कि मेरा प्रयास होगा कि देश विमेन डेवलेपमेंट के स्थान पर विमेन लेड डेवलेपमेंट की उपलब्धि प्राप्त करे.
किरेन रिजिजू (संसदीय कार्य, अल्पसंख्यक कार्य): किरेन रिजिजू ने कहा कि हम समावेशी राजनीति और शासन करके इस देश के सभी छह अल्पसंख्यक समूहों को मुख्यधारा में लाने का काम करेंगे. हमें सबका साथ, सबका विकास' के मंत्र के साथ काम करना होगा और आगे बढ़ना होगा. हम किसी भी समुदाय को पीछे नहीं छोड़ेंगे, हम एक साथ आगे बढ़ेंगे.
हरदीप सिंह पुरी (पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय): पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि ईएंडपी, ग्रीन हाइड्रोजन और इथेनॉल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भारत उनके दूरदर्शी मार्गदर्शन में ऊर्जा उपलब्धता, सामर्थ्य और स्थिरता की त्रिविध चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करता रहे.
मनसुख मंडाविया (श्रम एवं रोजगार,युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय): मंडाविया ने कहा कि हमारे श्रमिक भाइयों-बहनों की नये भारत के निर्माण में भूमिका को सुदृढ़ करने हेतु पूरी ईमानदारी से कार्य करेगी. हम सब पूरी प्रतिबद्धता के साथ मिलकर इन क्षेत्रों को मजबूत करने हेतु कार्य करेंगे.
जी किशन रेड्डी (कोयला, खान): किशन रेड्डी ने कार्यभार संभालने के बाद कहा कि मैं कोयला उत्पादकता वृद्धि, टिकाऊ प्रथाओं और उद्योग नवाचार पर जोर देकर कोयला और खनन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए समर्पित हूं. मैं देश के विकास और ऊर्जा सुरक्षा में योगदान देने के लिए काम करूंगा.
चिराग पासवान (खाद्य प्रसंस्करण उद्योग): पासवान ने कहा कि भविष्य खाद्य प्रसंस्करण का है और इसमें असीमित संभावनाएं हैं. आने वाले समय में इस विभाग में भारत की भागीदारी बढ़ेगी. इस विभाग में वृद्धि से किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. हमें इस विभाग को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है.
सीआर पाटिल (जलशक्ति मंत्रालय): कार्यभार संभालने के बाद सीआर पाटिल ने कहा कि मैं संकल्पित हूं कि जल शक्ति मंत्रालय के माध्यम से, हम जल संरक्षण, स्वच्छता और प्रबंधन में नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे. इस दिशा में, हम सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देंगे और नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके जल संपत्ति का संरक्षण करेंगे.