प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स समिट में शिरकत करने के लिए रूस के कजान में हैं. इससे इतर पीएम मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ आज शाम साढ़े 5 बजे द्विपक्षीय बातचीत हुई. दोनों नेताओं के बीच करीब 5 साल बाद यह औपचारिक वार्ता हुई. दोनों नेताओं की बातचीत से पहले आजतक लद्दाख पहुंचा. ये वही इलाका है, जहां भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपने सैनिकों को पीछे हटाने और फिर से पेट्रोलिंग शुरू करने के लिए सहमति बनी है. ये समझौता देपसांग और डेमचोक इलाकों में पेट्रोलिंग को लेकर हुआ है. आइए जानते हैं कि इस इलाके में अब कैसा माहौल है....
ये समझौता भारत के लिए अहम जीत माना जा रहा है, क्योंकि पिछले साढ़े चार साल से लगातार LAC के इर्दगिर्द भारत और चीन की सेनाओं का बड़ा जमावड़ा रहा है, कई ऐसे पॉइंट हैं जहां तनाव बना हुआ था, लेकिन 21 राउंड की कोर कमांडर लेवल वार्ता और 31 राउंड की WMCC वार्ताओं के बाद भारत और चीन एक नतीजे पर पहुंच गए हैं, जिसके तहत पेट्रोलिंग की शुरुआत होगी.
'हमें इस वक्त सतर्क रहने की जरूरत'
इंडियन आर्मी के चीफ ने कहा कि हमें इस वक्त सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि चीन ने भरोसा खोया है, इसे वापस हासिल करने में उसे वक्त लग सकता है. हालांकि ये एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन हम ग्राउंड पर देखेंगे कि भारत की ओर से बनाए गए बफर जोन में चीन फिर से घुसपैठ की कोशिश तो नहीं कर रहा है.
दुनिया के सबसे ऊंचे एयरफील्ड से रिपोर्ट
आजतक दुनिया के सबसे ऊंचे एयरफील्ड न्योम एयरबेस पर भी पहुंचा. ये न्योम का एडवांस्ड एयरबेस है, जिस पर पिछले कुछ साल से विचार किया जा रहा है, माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक दुनिया का कोई भी बड़ा विमान इस ऊंचाई पर लैंड कर सकता है. बीआरओ कमांडर ने बताया कि ये 13700 फीट की ऊंचाई पर है, जो कि सबसे ऊंची एयरफील्ड होगी. इसका महत्व ये है कि यह LAC से सिर्फ 35 से 40 किलोमीटर के एरियल डिस्टेंस पर है.