मध्य प्रदेश के ग्वालियर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी दलों पर जमकर गरजे. उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार 9 साल में काम करके दिखा सकती है तो बीते 60 साल में कितना काम हो सकता था. उनके (विपक्ष) के पास भी मौका था लेकिन नहीं कर पाए. यह उनकी नाकामी है. वो तब भी गरीबों की भावानाओं से खेलते थे, आज भी वहीं खेल खेल रहे हैं. वो तब भी जात-पात नाम पर समाज को बांटते थे, आज भी वही पाप कर रहे हैं. वो तब भी आतंक भ्रष्टाचार में डूबे रहते थे, आज तो एक से बढ़कर एक घोर भ्रष्टाचारी हो गए हैं. वो तब भी सिर्फ और सिर्फ एक परिवार का गौरवगान करते थे, आज भी वही करने में अपना भविष्य देखते थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने ग्वालियर के मेला ग्राउंड पर सोमवार दोपहर 19,260 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस दौरान पूरे ग्वालियर-चंबल संभाग से आई जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, एक साल में कोई सरकार जितने लोकार्पण और शिलान्यास का काम नहीं कर सकती, आज एक दिन में हमारी सरकार ने उतने विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया और लोग ताली बजाते थक गए. हमारी सरकार इतना सामर्थ्य रखती है.
'भारत की योजनाओं से नफरत'
मध्य प्रदेश का विकास वो लोग नहीं कर सकते, जिनके पास न तो नई सोच है और न ही विकास का रोड मैप है. इनका तो बस एक ही काम है... देश की प्रगति से नफरत, भारत की योजनाओं से नफरत. अपनी नफरत में ये देश की उपलब्धियों को भी भूल जाते हैं.
'कुर्सी के सिवाय कुछ नहीं दिखता'
उन्होंने आगे कहा कि आज पूरी दुनिया, भारत का गौरवगान कर रही है. आज दुनिया को भारत में अपना भविष्य दिखता है. लेकिन जो लोग राजनीति में उलझे हुए हैं, जिन्हें कुर्सी के सिवाय कुछ नहीं दिखता है उन्हें दुनिया में भारत का डंका बजना अच्छा नहीं लगता.
'मोदी की गारंटी से सत्ता के भूखे लोगों के पेट में दर्द'
पीएम मोदी ने गारंटी दी है कि अगले कार्यकाल में दुनिया की टॉप इकोनॉमी में एक नाम हमारे हिंदुस्तान का होगा. इससे भी सत्ता के भूखे कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है. विकास विरोधी इन लोगों को देश ने 6 दशक दिए थे, 60 साल कोई कम समय नहीं होता है. अगर 9 वर्षों में इतना काम हो सकता है, तो 60 साल में कितना हो सकता है. उनके पास भी मौका था, लेकिन वो नहीं कर पाए, ये उनकी नाकामी है.
साजिश करके महिला आरक्षण कानून बनाने से रोका
अनेक सरकारें आईं गईं, हमारी बहनों को लोकसभा और विधानसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण देने के झूठे वादे कर बार-बार वोट मांगे गए. लेकिन ससंद में साजिश करके कानून बनाने से रोका गया. मोदी ने गारंटी दी थी और आज 'नारी शक्ति अधिनियम' एक सच्चाई बन चुका है.
जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी
समाज को जात-पात में बांटने को लेकर प्रधानमंत्री का बयान बिहार में हुई जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद आया है. बता दें कि सोमवार को ही बिहार सरकार की बहुप्रतीक्षित जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी की गई. खुलासा हुआ कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) राज्य की कुल आबादी का 63 फीसदी हैं. राज्य की कुल जनसंख्या 13.07 करोड़ से कुछ अधिक है, जिसमें से 36 प्रतिशत के साथ ईबीसी सबसे बड़ा सामाजिक वर्ग है. इसके बाद ओबीसी 27.13 प्रतिशत हैं.
राहुल गांधी ने किया समर्थन
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बिहार में जाति आधारित गणना के आंकड़े सामने आने के बाद अपना बयान जारी किया. कांग्रेस नेता ने 'X' पर लिखा, देश को जातिगत आंकड़े जानना जरूरी है और जिनकी जितनी आबादी है, उन्हें उनका उतना हक मिलना चाहिए. बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहां ओबीसी, एससी और एसटी 84 फीसदी हैं. केंद्र सरकार के 90 सचिवों में से सिर्फ़ 3 ओबीसी हैं, जो भारत का मात्र 5 प्रतिशत बजट संभालते हैं.''