प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की देश सेवा में समर्पित योगदान की सराहना की. आरएसएस अपने 100वें साल में प्रवेश कर रहा है और प्रधानमंत्री ने संगठन के स्वयंसेवकों को इसकी शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा, "मां भारती के लिए यह संकल्प और समर्पण देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करने के साथ ही ‘विकसित भारत’ को साकार करने में भी नई ऊर्जा भरने वाला है."
प्रधानमंत्री मोदी ने `X` पर एक पोस्ट में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के विजयादशमी संबोधन का लिंक शेयर किया और इसे सुनने की सिफारिश की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि आरएसएस का मां भारती के प्रति संकल्प और समर्पण हर पीढ़ी को प्रेरित करता है और एक 'विकसित भारत' के लक्ष्य को साकार करने के लिए नई ऊर्जा का काम करेगा.
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1925 में हुई थी आरएसएस की स्थापना
आरएसएस की स्थापना 1925 में हुई थी और इसे बीजेपी का वैचारिक मार्गदर्शक माना जाता है. दशकों से, इसके स्वयंसेवकों ने बीजेपी की संगठनात्मक बढ़ोतरी में अहम भूमिका निभाई है. आरएसएस के कार्यकर्ता बीजेपी के राष्ट्रीय और राज्य संगठनों में संगठनात्मक महासचिव पद पर रहते हैं, जिससे पार्टी के संगठनात्मक कार्य वैचारिक तालमेल और अनुशासन के साथ होते हैं.
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मोदी भी रहे हैं आरएसएस के प्रचारक
प्रधानमंत्री मोदी बीजेपी में शामिल होने से पहले खुद एक आरएसएस प्रचारक थे. उन्होंने कहा कि आरएसएस का हिंदुत्व के प्रति समर्पण हर नागरिक को यह सिखाता है कि कैसे समाज के भले के लिए खड़ा रहा जाए. पीएम ने आरएसएस की परंपराओं को बनाए रखते हुए उसके समाज सेवा की कोशिशों की सराहना की. यह संगठन अपने स्वयंसेवकों के द्वारा जाति, धर्म, और विभिन्न सामाजिक बंधनों से ऊपर उठकर समाज की सेवा करता रहा है.