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भारत ने ब्राजील को सौंपी जी-20 की अध्यक्षता, आखिरी सत्र में ये बोले पीएम मोदी

जी 20 सम्मेलन के अंतिम सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब हम हर देश की सुरक्षा, हर देश की संवेदना का ध्यान रखेंगे, तभी One Future का भाव सशक्त होगा. इस दौरान उन्होंने ब्राजील को अगले साल होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता भी सौंपी.

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प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति को जी20 की अध्यक्षता सौंपी
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति को जी20 की अध्यक्षता सौंपी

भारत की अध्यक्षता में हुए जी 20 शिखर सम्मेलन का सफल समापन हो गया है. समिट के पहले दिन ही सम्मेलन में घोषणापत्र जारी करने पर 100 फीसदी सहमति बन गई थी. रविवार को अंतिम सत्र को पीएम मोदी ने संबोधित किया और फिर अंत में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को जी20 की अध्यक्षता सौंपी. अंतिम सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने 'वन फ्यूचर' पर बात की. प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां हम ऐसे Future की बात कर रहे हैं, जिसमें हम Global विलेज से आगे बढ़कर Global Family को हकीकत बनता देखें. एक ऐसा फ्यूचर, जिसमें देशों के केवल हित ही नहीं जुड़े हों, बल्कि हृदय भी जुड़े हों.

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डिजिटल इंडिया का किया जिक्र

जी 20 देशों से आग्रह करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मैंने GDP सेंट्रिक अप्रोच के बजाय Human Centric Vision पर निरंतर आपका ध्यान आकर्षित किया है. आज भारत जैसे अनेक देशों के पास ऐसा कितना कुछ है, जो हम पूरे विश्व के साथ साझा कर रहे हैं. भारत ने चंद्रयान मिशन के डेटा को मानव हित में सबके साथ शेयर करने की बात की है. ये भी Human Centric ग्रोथ को लेकर हमारे कमिटमेंट का प्रमाण है.'

भारत की डिजिटल क्रांति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने टेक्नॉलॉजी को इंक्लूसिव डेवलपमेंट के लिए, लास्ट माइल डिलिवरी के लिए, उपयोग किया है. उन्होंने कहा कि हमारे छोटे से छोटे गांव में, छोटे से छोटा व्यापारी भी, डिजिटल पेमेंट्स कर रहा है और मुझे खुशी है कि भारत की अध्यक्षता में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्टक्चरके लिए मजबूत फ्रेमवर्क पर सहमति बनी है. आज हम न्यू जेनेरेशन टेक्नॉलॉजी में अकल्पनीय स्केल और स्पीड के गवाह बन रहे हैं। Artificial Intelligence का उदाहरण हमारे सामने है. 2019 में G20 ने "Principles on AI” अपनाये थे और आज हमें उससे एक कदम और आगे बढ़ने की जरूरत है.

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क्रिप्टो को लेकर उठाएं ठोस कदम

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'आज कुछ अन्य ज्वलंत समस्याएं भी हमारे विश्व के सामने हैं, जो हम सभी देशों के वर्तमान और भविष्य, दोनों को प्रभावित कर रही हैं।साइबर सिक्योरिटी और Crypto-currency की चुनौतियों से हम परिचित हैं. हमें Crypto-currencies को रेगुलेट करने के लिए ग्लोबल स्टैंडर्ड्स develop करने होंगे. हमारे सामने Basel standards on bank regulation एक मॉडल के रूप में है.इस दिशा में जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है. इसी प्रकार साइबर सिक्योरिटी के लिए भी वैश्विक सहयोग और फ्रेमवर्क की ज़रूरत है. साइबर जगत से आतंकवाद को नए माध्यम, फंडिंग के नए तौर-तरीके मिल रहे हैं. ये हर देश की सुरक्षा और समृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है.'

यूएन में सुधार की वकालत

संयुक्त राष्ट्र में फिर से सुधार की वकालत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'विश्व को एक बेहतर भविष्य की तरफ ले जाने के लिए ये जरूरी है कि वैश्विक व्यवस्थाएं वर्तमान की वास्तविकताओं के मुताबिक हों. आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भी इसका एक उदाहरण है. जब UN की स्थापना की गयी थी, उस समय का विश्व आज से बिलकुल अलग था. उस समय UN में 51 फाउंडिंग मेंबर्स थे. आज UN में शामिल देशों की संख्या करीब 200 हो चुकी है.बावजूद इसके, UNSC में स्थाई सदस्य आज भी उतने ही हैं. तब से आज तक दुनिया हर लिहाज़ से बहुत बदल चुकी है.' 

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पीएम मोदी ने आगे कहा, 'ट्रांसपोर्ट हो, कम्यूनिकेशन हो, हेल्थ, एजुकेशन, हर सेक्टर का कायाकल्प हो चुका है.ये प्रकृति का नियम है कि जो व्यक्ति और संस्था समय के साथ स्वयं में बदलाव नहीं लाती है, वो अपनी प्रासंगिकता खो देती है. हमें खुले मन से विचार करना होगा कि आखिर क्या कारण है कि बीते वर्षों में अनेक रीजनल फोरम्स अस्तित्व में आए हैं, और वो प्रभावी भी सिद्ध हो रहे हैं.'

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