साइक्लोन यास (Cyclone Yaas) के मद्देनजर तैयारियों की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी रविवार को शीर्ष अधिकारियों संग बैठक की. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह समेत कई अन्य मंत्री भी मौजूद रहे. पीएम मोदी की इस बैठक में साइक्लोन यास के खतरों के मद्देनजर तैयारियों की समीक्षा की जा रही है. इस बैठक में एनएमडीए, टेलीकॉम,पावर, सिविल एविएशन, अर्थ साइंसेज विभाग के सचिव भी मौजूद रहे.
पीएम मोदी ने बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के साथ निकटता से काम किया जाए. उन्होंने सभी संबंधित विभागों से तट पर कार्यरत लोगों की समय पर निकासी सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति और संचार नेटवर्क के आउटेज की समय अवधि न्यूनतम है और इसे तेजी से बहाल किया जाता है. पीएम ने अधिकारियों से राज्य सरकारों के साथ उचित समन्वय और योजना सुनिश्चित करने के लिए भी कहा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अस्पतालों में कोविड के उपचार और टीकाकरण में कोई व्यवधान न हो.
बता दें कि बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान यास के 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तट से टकराने की संभावना है. तूफान के खतरे को ध्यान में रखते हुए तैयारियां तेज कर दी गई हैं. पीएम मोदी की बैठक से पहले चक्रवाती तूफान यास से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की भी बैठक हुई.
इस बैठक की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने की. मीटिंग के दौरान यास से निपटने के लिए केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों, एजेंसियों की तैयारियों के बारे में जानकारी ली गई थी. भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक ने इस समिति को चक्रवाती तूफान के ताजा हालात के बारे में जानकारी से भी अवगत कराया.
इस बैठक में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार, पुडुचेरी के मुख्य सचिव और अधिकारियों ने भाग लिया. बैठक में गृह, विद्युत, शिपिंग, दूरसंचार, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, नागरिक उड्डयन एवं मत्स्य पालन मंत्रालयों के सचिव, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, एनडीएमए के सदस्य सचिव, आईडीएस के प्रमुख और तटरक्षक बल, एनडीआरएफ और आईएमडी के महानिदेशक शामिल हुए थे.
आईएमडी के मुताबिक इस चक्रवाती तूफान के 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल और समीपवर्ती उत्तरी ओडिशा के तट तक पहुंचने की संभावना है. इस दौरान 155 से लेकर 165 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से हवा चलने के साथ ही कई राज्यों के तटीय जिलों में भारी बारिश और तूफानी लहरें की संभावना जताई गई है.ऐसे में तैयारियां तेज कर दी गई हैं.