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आरजे गंगा, मधुबनी का सुखेत मॉडल और विदेशी भक्त जानें मोदी के मन की 10 बड़ी बातें

पीएम मोदी (PM Modi) ने रविवार को मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के जरिए कई मु्द्दों पर बातचीत की. उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद (Major Dhyanchand) की जयंती पर उन्हें याद कर की.

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पीएम नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो-PTI)
पीएम नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मेजर ध्यानचंद को दी श्रद्धांजलि 
  • गुजरात के रेडियो जॉकी ग्रुप की तारीफ
  • खेलों को बढ़ावा देने से ही भारत नई ऊंचाई हासिल करेगा: PM

पीएम मोदी (PM Modi) ने रविवार को मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के जरिए कई मु्द्दों पर बातचीत की. उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती पर उन्हें याद कर की. पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि भारतीय हॉकी टीम का प्रदर्शन देखकर मेजर ध्यानचंद की आत्मा आज जहां भी होगी प्रसन्न होगी. 

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इस दौरान पीएम मोदी ने खेलों को लेकर युवाओं के बढ़ते  रुझानों और नई सोच और कुछ नया करने की युवाओं की ललक का भी जिक्र किया. साथ ही उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान को हमें कभी भी मंद नहीं पड़ने देना है. जानिए पीएम मोदी की मन की बात की 10 बड़ी बातें.

मेजर ध्यानचंद को दी श्रद्धांजलि 

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के शुरुआत में राष्ट्रीय खेल दिवस व मेजर ध्यानचंद की जयंती के मौके पर, हॉकी के जादूगर को श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने कहा कि मेजर ध्यानचंद की आत्मा जहां भी होगी, प्रसन्न होगी क्योंकि दुनिया में भारत की हॉकी डंका ध्यानचंद की हॉकी स्टिक से बजा था और एक बार फिर भारतीय हॉकी खिलाड़ियों ने 41 साल बाद हॉकी में देश का नाम ऊंचा किया. उन्होंने कहा कि कितने ही पदक क्यों न मिल जाएं, लेकिन जब तक हॉकी में पदक नहीं मिलता भारत का कोई भी नागरिक विजय का आनंद नहीं ले सकता है और इस बार ओलंपिक में हॉकी का पदक मिला, चार दशक के बाद मिला.

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मधुबनी के सुखेत मॉडल का जिक्र

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान बिहार के मधुबनी के सुखेत मॉडल का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बिहार के मधुबनी में डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय और वहां के स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र ने मिलकर के एक अच्छा प्रयास किया है. इसका लाभ किसानों को तो हो ही रहा है, इससे स्वच्छ भारत अभियान को भी नई ताकत मिल रही है. विश्वविद्यालय की इस पहल का नाम है – “सुखेत मॉडल”. सुखेत मॉडल का मकसद है गांवों में प्रदूषण को कम करना. इस मॉडल के तहत गांव के किसानों से गोबर और खेतों–घरों से निकलने वाला अन्य कचरा इकट्ठा किया जाता है और बदले में गांव वालों को रसोई गैस सिलेंडर के लिए पैसे दिये जाते हैं. जो कचरा गाँव से एकत्रित होता है उसके निपटारे के लिए वर्मी कम्पोस्ट बनाने का भी काम किया जा रहा है. 

विदेशी भक्त की पीएम मोदी ने की चर्चा

पीएम मोदी ने संबोधन के दौरान बताया कि उनकी  मुलाकात जदुरानी दासी से हुई थी. पीएम मोदी ने बताया कि वे अमेरिकी हैं, उनका जन्म अमेरिका में हुआ. जदुरानी दासी ISKCON से जुड़ी हैं, हरे कृष्णा मूवमेंट से जुड़ी हुई हैं और उनकी एक बहुत बड़ी विशेषता है भक्ति आर्ट्स  में वो निपुण हैं. आप जानते हैं अभी दो दिन बाद ही एक सितंबर को  ISKCON के संस्थापक श्रील प्रभुपाद स्वामी जी की 125वीं जयंती है. जदुरानी दासी जी इसी सिलसिले में भारत आई थीं.  प्रधानमंत्री ने कहा कि साथियों दुनिया के लोग जब आज भारतीय अध्यात्म और दर्शन के बारे में इतना कुछ सोचते हैं, तो हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम अपनी इन महान परम्पराओं को आगे लेकर जाएं.

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स्वच्छता अभियान पर जोर

पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छता अभियान को हमें मंद नहीं पड़ने देना है. उन्होंने कहा, “मेरे प्यारे देशवासियों, इस कोरोना कालखंड में स्वच्छता के विषय में मुझे जितनी बातें करनी चाहिए थी लगता है शायद उसमें कुछ कमी आ गई थीं. स्वच्छता का नाम आने पर इंदौर का नाम जरूर आता है. क्योंकि इंदौर ने स्वच्छता के संबंध में अपनी एक विशेष पहचान बनाई है और इंदौर के नागरिक इसके अभिनन्दन के अधिकारी भी हैं.”पीएम मोदी ने कहा कि इंदौर के नागरिकों ने नालियों को सीवर लाइंस से जोड़ा है. स्वच्छता अभियान भी चलाया है. इस वजह से सरस्वती और कान नदी में गिरने वाला गंदा पानी काफी कम हुआ है.

गुजरात के रेडियो जॉकी ग्रुप की तारीफ

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृत भाषा सरस भी है, सरल भी है. संस्कृत अपने विचारों, अपने साहित्य के माध्यम से ये ज्ञान विज्ञान और राष्ट्र की एकता का भी पोषण करती है, उसे मजबूत करती है. संस्कृत साहित्य में मानवता और ज्ञान का ऐसा ही दिव्य दर्शन है जो किसी को भी आकर्षित कर सकता है. इस दौरान उन्होंने गुजरात के रेडियो जॉकी ग्रुप की सदस्य आरजे गंगा, आरजे हेतल, आरजे गुरु व अन्य लोगों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि  केवड़िया की RJ गंगा, गुजरात के रेडियो जॉकी के ग्रुप की एक सदस्य हैं. उनके और भी साथी हैं, जैसे RJ नीलम, RJ गुरु और RJ हेतल. ये सभी लोग मिलकर गुजरात में, केवड़िया में इस समय संस्कृत भाषा का मान बढ़ाने में जुटे हुए हैं.

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खेलों को बढ़ावा देने से ही भारत नई ऊंचाई हासिल करेगा

पीएम मोदी ने कहा कि अब देश में खेल, खेल-कूद को लेकर खेल भावना अब रुकना नहीं है. इस मोमेंटम  को पारिवारिक जीवन में, सामाजिक जीवन में, राष्ट्र जीवन में स्थाई बनाना है, ऊर्जा से भर देना है, निरंतर नई ऊर्जा से भरना है. सबके प्रयास से ही भारत खेलों में वो ऊंचाई प्राप्त कर सकेगा, जिसका वो हकदार है. मेरे प्यारे नौजवानों, हमें इस अवसर का फायदा उठाते हुए अलग-अलग प्रकार के Sports में महारत भी हासिल करनी चाहिए. गांव-गांव खेलों की स्पर्धाएं निरंतर चलती रहनी चाहिए.

युवाओं का मन बदल रहा है- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि जब खेल-कूद की बात होती है न, तो स्वाभाविक है हमारे सामने पूरी युवा पीढ़ी नजर आती है. और जब युवा पीढ़ी की तरफ गौर से देखते हैं कितना बड़ा बदलाव नजर आ रहा है. युवा का मन बदल चुका है. पीएम मोदी ने कहा कि आज का युवा मन बने बनाए रास्तों पर चलना नहीं चाहता है. वो नए रास्ते बनाना चाहता है. unknown जगह पर कदम रखना चाहता है. मंजिल भी नयी, लक्ष्य भी नए, राह भी नयी और चाह भी नयी, अरे एक बार मन में ठान लेता हैं न युवा, जी-जान से जुट जाता है. दिन-रात मेहनत कर रहा है.

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विश्वकर्मा जयंती का भी जिक्र किया

पीएम मोदी ने कहा कि अगले कुछ दिनों में ही ‘विश्वकर्मा जयंती' भी आने वाली है. भगवान विश्वकर्मा को हमारे यहां विश्व की सृजन शक्ति का प्रतीक माना गया है. जो भी अपने कौशल से किसी वस्तु का निर्माण करता है, सृजन करता है, चाहे वो सिलाई-कढ़ाई हो, सॉफ्टवेयर हो या फिर सैटेलाइट, ये सब भगवान विश्वकर्मा का प्रगटीकरण है. दुनिया में भले स्किल की पहचान आज नए तरीके से हो रही है, लेकिन हमारे ऋषियों ने तो हजारों सालों से स्किल और स्केल पर बल दिया है. 
 

तमिलनाडु में कचरे से बन रही बिजली

पीएम मोदी ने बताया कि तमिलनाडु के शिवगंगा जिले की काजिरंगा पंचायत ने  वेस्ट से वेल्थ के मॉडल का उदाहरण पेश किया है. यहां पंचायत ने स्थानीय लोगों के साथ कचरे से बिजली बनाने का एक लोकल प्रोजेक्ट अपने गांव में लगाया है. पूरे गांव से कचरा एकत्रित होता है. उससे बिजली बनती है. बाद में बचे हुए प्रोडक्ट को कीटनाशक के तौर पर बेच दिया जाता है. यह हमारे देशवासियों को प्रेरित करता है.

दवाई भी, कड़ाई भी का अब भी रखें ख्याल- पीएम मोदी

अपने संबोधन के अंत में  प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें एक बात और याद रखनी है. दवाई भी, कड़ाई भी. देश में 62 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है, लेकिन फिर भी हमें सावधानी रखनी है, सतर्कता रखनी है. इसी कामना के साथ, आप सभी को आने वाले पर्वों की एक बार फिर ढेरों बधाइयां."
 

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