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PM मोदी से मिले नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड, बातचीत से सीमा विवाद को हल करने की अपील की

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड चार दिवसीय भारत दौरे पर आए हैं. प्रचंड ने आज पीएम मोदी से दिल्ली में मुलाकात की. इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई. दोनों नेताओं ने बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड तक भारतीय रेल कार्गो ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया.

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पीएम मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड
पीएम मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड चार दिवसीय भारत के दौरे पर हैं. उन्होंने गुरुवार को नई दिल्ली में स्थित हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी से मुलाकात की. इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई. इस वार्ता में भारत और नेपाल के बीच ऊर्जा, व्यापार और सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई. इस दौरान पीएम मोदी और प्रधानमंत्री पुष्प कमल की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए. 

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पीएम मोदी और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने संयुक्त रूप से रेलवे के कुर्था-बीजलपुरा खंड की ई-योजना का अनावरण किया. दोनों नेताओं ने बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड तक भारतीय रेल कार्गो ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया. दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से भारत और नेपाल के बीच मोतिहारी-अमलेखगंज तेल पाइपलाइन के फेज-2 का शिलान्यास किया. 

द्विपक्षीय वार्ता के बाद क्या बोले मोदी और प्रचंड

- इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, मुझे याद है कि 9 साल पहले 2014 में कार्यभार संभालने के तीन महीने के भीतर मैंने नेपाल की अपनी पहली यात्रा की थी.  उस समय मैंने भारत-नेपाल संबंधों के लिए एक हिट फार्मूला दिया था- हाईवेस, आई-वे, और ट्रांस-वे.

- पीएम मोदी ने कहा, आज मैंने और प्रधानमंत्री प्रचंड ने भविष्य में अपनी पार्टनरशिप को सुपरहिट बनाने के लिए बहुत से महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. आज ट्रांजिट अग्रीमेंट संपन्न किया गया है. ज भारत और नेपाल के बीच 'लॉन्ग टर्म पावर ट्रेड एग्रीमेंट' संपन्न हुआ है. इसमें हमने आने वाले 10 सालों में नेपाल से 10 हजार मेगावाट बिजली आयात करने का लक्ष्य रखा है. 

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- वहीं,  नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने कहा, यह मेरी चौथी भारत यात्रा है. भारत और नेपाल के बीच संबंध सदियों पुराने हैं. आज हमने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के कदमों पर चर्चा की. हमने संयुक्त रूप से कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की भी शुरुआत की.

- उन्होंने कहा, मैंने प्रधानमंत्री मोदी को नेपाल आने का आमंत्रण दिया है, मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी जल्द नेपाल का दौरा करेंगे. 

500 करोड़ की लागत से बनेगा लैंडपोर्ट

भारत-नेपाल की सोनौली सीमा (महराजगंज) पर बहुप्रतीक्षित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट लैंडपोर्ट का आज शिलान्यास किया गया. सोनौली सीमा के पास नो मेंस लैंड के पास केवटलिया गांव में 100 एकड़ से ज्यादा की जमीन पर 500 करोड़ की लागत से इस लैंडपोर्ट का निर्माण किया जाएगा, जिसमें कस्टम, एसएसबी, पुलिस, इमीग्रेशन सहित सभी एजेंसियां एक ही परिसर में होंगी. इंडो नेपाल सीमा पर लैंडपोर्ट का निर्माण हो जाने से जहां एक तरफ दोनों देशों के व्यापार में तेजी आएगी. वहीं पर्यटकों को भी बहुद्देशीय हब बन जाने से कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी.  

 

इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट के निर्माण के लिए करीब 150 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है. इसके बाउंड्री वाल का काम भी तेजी से चल रहा है. चेक पोस्ट परिसर में करीब 21 तरह के अलग-अलग कार्यस्थल भी बनाए जाएंगे. इसमें टर्मिनल बिल्डिंग, एंट्रेंस गेट भारत-नेपाल, कार्गो टर्मिनल, क्वारंटाइन बिल्डिंग, वेयर हाउस ईंपोर्ट व एक्सपोर्ट, कार्गो पार्किंग, स्टाफ बैरक, रेस्ट रूम, फायर स्टेशन व कार्गो यार्ड प्रमुख कार्यक्रम में शामिल हैं.  

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प्रचंड से मुलाकात कर चुके हैं अजीत डोभाल 

इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी प्रचंड से मुलाकात कर चुके हैं. उन्होंने भारत-नेपाल संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की है. दिसंबर 2022 में पीएम बनने के बाद प्रचंड की यह पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा है. नेपाली प्रधानमंत्री ने दूतावास में एक कार्यक्रम में कहा, "हम दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं." 

भारत के लिए महत्वपूर्ण है नेपाल 

भारत के रणनीतिक हितों के लिए नेपाल बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पांच भारतीय राज्यों - सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1,850 किमी से अधिक की सीमा साझा करता है. लैंड-लॉक राष्ट्र माल और सेवाओं के परिवहन के लिए भारत पर बहुत अधिक निर्भर करता है. नेपाल की समुद्र तक पहुंच भारत के माध्यम से है और यह अपनी आवश्यकताओं का एक प्रमुख अनुपात भारत से और उसके माध्यम से आयात करता है. 1950 की भारत-नेपाल शांति और मित्रता संधि दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों का आधार बनाती है.  

दोनों देशों के बीच रोटी-बेटी का संबंध 

दोनों देशों के नेताओं अकसर सदियों पुराने रोटी-बेटी संबंध को नोट किया है.  नेपाल को इस द्विपक्षीय वार्ता से उम्मीद है कि भारत कनेक्टिविटी, इकोनॉमी, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में मजबूत सहयोग करेगा.  

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भारत को 450 मेगावाट से अधिक बिजली देता है नेपाल 

बीते साल अप्रैल में बिजली क्षेत्र में सहयोग पर भारत-नेपाल के संयुक्त विजन स्टेटमेंट को मील का पत्थर माना जाता है. दरअसल नेपाल भारत को 450 मेगावाट से अधिक बिजली निर्यात करता है. पिछले साल अप्रैल में तत्कालीन नेपाली पीएम शेर बहादुर देउबा की भारत यात्रा के दौरान नेपाल में RuPay कार्ड लॉन्च किया गया था. 

मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली में किया था स्वागत 

प्रचंड का दिल्ली में हवाईअड्डे पर विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने स्वागत किया था. इससे पहले, उन्होंने 2008 और 2016 में नेपाली प्रधान मंत्री के रूप में भारत का दौरा किया था. नेपाल के प्रधानमंत्री का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मिलने का कार्यक्रम है. 

 

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