चंद्रमा के जिस दक्षिणी ध्रुव पर दुनिया की महाशक्तियां नहीं पहुंच सकीं, वहां हिंदुस्तान पहुंचा है. पहली बार चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास तक कोई देश पहुंचा है. भारत के चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम चांद की सतह पर सफल लैंडिंग कर चुका है. चांद पर सफलतापूर्वक पहुंचने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन चुका है. इसको लेकर देश खुशियों से झूम रहा है. बधाइयों का तांता लग गया. इस बीच ब्रिक्स सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ISRO के वैज्ञानिकों और देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अब सूर्य और शुक्र से जुड़े मिशन की बारी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो जीवन धन्य हो जाता है. ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्रीय जीवन की चिरनजीव चेतना बन जाती हैं. ये पल अविश्वसनीय है. ये क्षण अद्भुत है. ये क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है. ये क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है. ये क्षण जीत के चंद्र पथ पर चलने का है. ये क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है. ये क्षण भारत में नई ऊर्जा, नया विश्वास, नई चेतना का है. ये क्षण भारत के उदयमान भाग्य के आह्वान का है.
यह भी पढ़ें: चांद पर जब पहली बार इंसान ने रखा था कदम, देखें दुर्लभ तस्वीरें
उन्होंने कहा कि अमृतकाल की प्रथम प्रवाह में सफलता की अमृत वर्षा हुई है. हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया. हमारे वैज्ञानिक साथियों ने भी कहा, इंडिया इज नाउ ऑन द मून. आज हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने. मैं इस समय ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका में हूं, लेकिन हर देशवासी की तरह मेरा मन चंद्रयान महाभियान पर भी लगा हुआ था. नया इतिहास बनते हुए हर भारतीय जश्न डूब गया. हर घर में उत्सव शुरू हो गया है. ह्रदय से मैं भी अपने देशवासियों के साथ अपने परिवार जनों के साथ इस उमंग और उल्लास से जुड़ा हुआ हूं.
'आज के बाद से चांद से जुड़े मिथक बदल जाएंगे'
पीएम मोदी ने कहा कि टीम चंद्रयान, इसरो और देश के सभी वैज्ञानिकों को जी-जान से बहुत-बहुत बधाई देता हूं. जिन्होंने इस पल के लिए वर्षों तक इतना परिश्रम किया है. उत्साह, उमंग, आनंद और भावुकता से भरे इस अद्भुत पल के लिए मैं 140 करोड़ देशवासियों को भी कोटि-कोटि बधाइयां देता हूं. हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम और प्रतिभा से भारत चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रूव पर पहुंचा है, जहां आज तक दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका है. अब आज के बाद से चांद से जुड़े मिथक बदल जाएंगे. नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएंगी. भारत में तो हम सभी लोग धरती को मां कहते हैं और चांद को मामा बुलाते हैं. कभी कहा जाता था चंदा मामा बहुत दूर के हैं. अब एक दिन वो भी आएगा जब बच्चे कहा करेंगे चंदा मामा बस एक टूर के हैं.
'ये मानवता की सफलता है'
प्रधानमंत्री ने सभी देशों के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इंडिया का सफलतापूर्वक मून मिशन सिर्फ भारत का नहीं है. ये मानवता की सफलता है. चंद्रयान महाभियान की ये उपलब्धि भारत की उड़ान को चंद्रमा की कक्षाओं से आगे लेकर जाएगी. हम हमारे सौर मंडल की सीमाओं को समार्थ्य परखेंगे और मानव के लिए ब्रह्मांड की अनेक संभावनाओं को साकार करने के लिए भी जरूर काम करेंगे. हमने भविष्य के लिए कई बड़े और महत्वकांक्षी लक्ष्य तक किए थे. जल्द ही सूर्य के विस्तरित अध्ययन के लिए इसरो आदित्य एल1 मिशन लॉन्च करने जा रहा है. इसके बाद शुक्र भी इसरो के लक्ष्यों में से एक है. गगनयान के जरिए देश अपने पहले ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन के लिए भी पूरी तैयारी के साथ जुटा है.
यह भी पढ़ें: Chandrayaan-3: लैंडिंग से पहले कहां है चंद्रयान-3, Live Tracker में देखें पल-पल की लोकेशन
'साइंस और टेक्नोलॉजी देश के उज्जवल भविष्य का आधार'
उन्होंने कहा कि भारत बार-बार ये साबित कर रहा है स्काई इज नोट द लिमिट. साइंस और टेक्नोलॉजी देश के उज्जवल भविष्य का आधार है. इसलिए आज के इस दिन को देश हमेशा-हमेशा के लिए याद रखेगा. ये दिन हम सभी को एक उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा. ये दिन हमें अपने संकल्पों की सिद्धि का रास्ता दिखाएगा. ये दिन इस बात का प्रतीक है कि हार से सबक लेकर जीत कैसे हासिल की जाती है.
पीएम मोदी ने इसरो चीफ को किया फोन
पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो चीफ एस सोमनाथ को फोन कर बधाई दी. इसका वीडियो भी सामने आया है. फोन पर पीएम मोदी ने कहा, "आपका नाम सोमनाथ. सोमनाथ नाम तो चंद्र से भी जुड़ा है. और इसलिए आपके परिवार जन भी बहुत आनंदित होंगे. मेरी तरफ से आपको और आपकी पूरी टीम को बहुत बहुत बधाई. जल्द ही आप सबको रूबरू भी बधाई दूंगा. बहुत बहुत शुभकामनाएं और बहुत बहुत बधाई."