राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला परिसर में 'सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य महामंचन' ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है. इस भव्य आयोजन और इससे जुड़ी प्रदर्शनियों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहना की है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पीएम मोदी की शुभकामनाओं के लिए आभार व्यक्त किया है.
मुख्यमंत्री यादव ने कहा, "प्रधानमंत्री श्री मोदी की शुभकामनाएं मध्य प्रदेश सरकार और कलाकारों के लिए अमूल्य हैं. उनके मार्गदर्शन में हम भारतीय संस्कृति और सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण के लिए निरंतर कार्यरत हैं. यह महानाट्य सम्राट विक्रमादित्य के सुशासन और आदर्श जीवन को दर्शाकर देशवासियों में सांस्कृतिक गौरव जागृत करेगा."
प्रधानमंत्री मोदी ने 11 अप्रैल को अपने शुभकामना संदेश में कहा, "उज्जैन के महान सम्राट विक्रमादित्य के गौरव को जन-जन तक पहुंचाने का यह प्रयास सराहनीय है. उनका शासन जन-कल्याण, सुशासन और सांस्कृतिक पुनरुत्थान के लिए जाना जाता है. डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में यह आयोजन युवा पीढ़ी को गौरवशाली अतीत से जोड़ेगा और आत्मविश्वास से परिपूर्ण नागरिक बनाएगा." इस संदेश ने आयोजकों और 250 से अधिक कलाकारों में नई ऊर्जा का संचार किया है.
महानाट्य का मंचन देखेंगे अमित शाह
विक्रमोत्सव के तहत आज यानी 14 अप्रैल को महानाट्य का समापन केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह के मुख्य आतिथ्य में होगा. इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी उपस्थित रहेंगी. महानाट्य का मंचन शाम 7 से 9 बजे तक माधव दास पार्क में होगा. आयोजन में पालकी, रथ, घोड़े, और एलईडी ग्राफिक्स के विशेष प्रभावों ने सम्राट विक्रमादित्य की जीवन गाथा को जीवंत कर दिया है.
प्रदर्शनियों ने बढ़ाया आकर्षण
महानाट्य के साथ-साथ महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा 'विक्रमादित्यकालीन मुद्रा और मुद्रांक' प्रदर्शनी, भारतीय ऋषि परंपरा पर 'आर्ष भारत' प्रदर्शनी, और मध्य प्रदेश के पर्यटन, व्यंजनों, और विकास उपलब्धियों पर प्रदर्शनियां आकर्षण का केंद्र रही हैं. 'आर्ष भारत' में 100 से अधिक ऋषियों के योगदान को दर्शाया गया है, जो दर्शकों को भारतीय संस्कृति की गहराई से परिचित करा रहा है.
सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक
12 अप्रैल को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आयोजन का शुभारंभ किया था, जिसमें मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, और अन्य गणमान्य उपस्थित थे. इस ऐतिहासिक मंचन को देखने हजारों दर्शक उमड़े, जिन्होंने इसे भारतीय संस्कृति के उत्थान का नया आयाम बताया.