प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के मशहूर पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन (Lex Fridman) के साथ बातचीत की. तीन घंटे से ज्यादा देर तक चली इस बातचीत में पीएम मोदी ने AI (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) पर भी अपने विचार रखे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दुनिया AI के लिए कुछ भी कर ले, लेकिन भारत के बिना AI अधूरा है. उन्होंने कहा कि यहां सभी एक-दूसरे की अपने अनुभव और ज्ञान से मदद कर सकता है. भारत सिर्फ इसका मॉडल नहीं बना रहा है, बल्कि विशेष उपयोग के मामलों के हिसाब से एआई बेस्ड एप्लीकेशन को भी डेवलप कर रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि जीपीयू को समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाने के लिए हमारे पास एक अलग मार्केटप्लेस आधारित मॉडल पहले से मौजूद है. भारत में सोच में बदलाव आ रहा है, ऐतिहासिक कारण, सरकारी कार्यशैली, या अच्छे सपोर्ट सिस्टम के कारण औरों को देर लगती होगी. पीएम मोदी ने कहा कि जब 5G आया तो दुनिया को लगता था कि 5G में हम काफी पीछे हैं, लेकिन एक बार हमने शुरू किया तो आज हम दुनिया में सबसे तेज गति से 5जी पहुंचाने वाले देशों में से एक बन गए हैं.
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प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर से कहा कि मुझे याद है अमेरिका की एक कंपनी के मालिक मेरे पास आए थे, वे अपना एक्सपीरियंस शेयर कर रहे थे. वे कह रहे थे कि मैं अमेरिका में विज्ञापन दूं कि इंजीनियरों की जरूरत है, तो मेरे पास जो इंजीनियर आएंगे वो ज्यादा से ज्यादा इतने होंगे कि एक कमरा भर जाए, लेकिन मैं भारत में ऐसा विज्ञापन दूं तो इतने इंजीनियर आते हैं कि एक फुटबॉल का मैदान भी छोटा पड़ जाए. यानी भारत के पास इतनी बड़ी मात्रा में प्रतिभा का भंडार है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी इंसानी इंटेलिजेंस के सहारे ही आगे बढ़ती है.
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पीएम मोदी ने कहा कि इंसानी इंटेलिजेंस के बिना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का फ्यूचर नहीं हो सकता और वो इंसानी इंटेलिजेंस भारत की युवा प्रतिभा में हैं. मैं समझता हूं कि इसकी बहुत बड़ी ताकत है. अमेरिका में टेक लीडर भारतीय मूल के हैं, जैसे सुंदर पिचाई, सत्या नडेला और अरविंद श्रीनिवास तो उनकी भारतीय पृष्ठभूमि की कौन सी ऐसी बात है जो उन्हें इतना सफल बनाती है इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि भारत के संस्कार ही ऐसे हैं कि जन्मभूमि और कर्मभूमि दोनों का सम्मान करना चाहिए.