प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2024 के ग्रैंड फिनाले के मंच से संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने इस दौरान अपने सरकार की उपलब्धियां गिनाई और बताया कि कैसे उनकी सरकार विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं 2029 की तैयारी नहीं बल्कि 2047 (विकसित भारत का लक्ष्य) के लिए लगा हुआ हूं.
पीएम मोदी ने कहा, 'पिछले 10 साल में 1500 से ज्यादा पुराने कानून समाप्त किए हैं, इनमें से कितने कानून अंग्रेजों के समय में बने हुए थे, लोगों के जीवन में सरकार का दबाव भी नहीं और अभाव भी नहीं होना चाहिए. 2047 तक मैं हर एक की जिंदगी से सरकार को बाहर निकाल दूंगा. सामान्य नागरिक को अपनी जिंदगी को जीने के लिए खुला आसमान मिलना चाहिए.'
पीएम मोदी ने कहा, 'जहां पूरी दुनिया अनिश्चिता के भंवर में फंसी हैं, उसमें एक भाव साफ है कि भारत तेज गति से विकास करता रहेगा. आज मूड ऑफ द नेशन विकसित भारत के निर्माण का है. जब भी मैं इस तरह के कॉन्क्लेव में आता हूं तो आपकी उम्मीद होती है कि खूब सारी हेडलाइन देकर जाऊं, मैं हेडलाइन पर नहीं बल्कि डेडलाइन पर काम करने वाला आदमी हूं. '
पीएसयू को हुए फायदे गिनाए
पीएम मोदी ने कहा, 'कुछ ही दिन पहले हमने पीएम-सूर्य घर योजना चालू की. सरकार लोगों को अपने घरों में सोलर पैनल लगाने के लिए 78000 हजार रुपये दे रही है, अब तक 1 करोड़ से ज्यादा लोग इससे जुड़ चुके हैं. इससे तीन सौ यूनिट बिजली मुफ्त मिलनी शुरू हो जाएगी. इससे अगर कोई ज्यादा बिजली पैदा करेगा तो सरकार उसे खरीद लेगी. '
पीएम मोदी ने कहा,'मैं मक्खन पर लकीर करने नहीं बल्कि पत्थर पर लकीर करने आया हूं. मैं आपके बच्चों के हाथों में एक समृद्ध हिंदुस्तान देना चाहता हूं. हमारी सरकार के गवर्नेंस मॉडल को समझना है तो पीएसयू को देखिए. बहुत कम पीएसयू होते हैं जो देश के काम आते हैं, वरना बर्बादी लाते हैं. पहले सरकारों के चलते बीएसएनल और एमटीएनल बर्बाद हो गए. बीएचएल और एलआईसी क्या है आज देखिए. आज HAL के पास एशिया के पास सबसे बड़ी हेलिकॉप्टर बनाने वाली फैक्ट्री है. हमारे सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की बदौलत आज पीएसयू के प्रॉफिट लगातार बढ़ रहे हैं. दस वर्षों में पीएसयू की नेटवर्थ 9.5 लाख से बढ़कर 78 लाख करोड़ तक पहुंच गई है.'
स्टार्ट अप का किया जिक्र
स्टार्ट अप का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, '10 साल पहले तक कुछ सौ ही स्टार्टअप्स होते थे और आज करीब सवा लाख रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स हैं, लेकिन भारत की स्टार्टअप क्रांति की पहचान सिर्फ इतनी ही नहीं होती थी. स्टार्ट अप मतलब बेंगलुरु 600 जिलों में स्टार्टअप होना, यानि टीयर 2 और 3 शहरों के नौजवान स्टार्ट अप क्रांति की अगुवाई कर रहे हैं. छोटे शहरों के युवाओं ने भारत की स्टार्ट अप क्रांति को नई गति दी. जिस दल ने कभी स्टार्ट अप की बात नहीं की उसे भी स्टार्ट अप की बात करने को मजबूर होना पड़ा है. जमीन पर रोजगार और स्वरोजगार से बहुत बड़ा बदलाव आ रहा है और ये योजना है मुद्रा योजना. हमारे युवाओं को लोन लेने के गांरटी देनी पड़ती है. लेकिन हमारी योजना से उन युवाओं को गारंटी दी जिनके पास कुछ देने को नहीं होता था. 26 लाख करोड़ के मुद्रा लोन इस योजना में दिए जा चुके हैं.'
बताई पीएम स्वनिधि योजना को लागू करने के पीछे की कहानी
पीएम स्वनिधि योजना का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'ऐसी ही एक और योजना है- पीएम स्वनिधि, इस योजना से स्ट्रीट वेंडर को सस्ता और आसान लोन बिना गारंटी के मिला है. इसके पीछे का कारण है कि मेरी जिंदगी का जो तजुर्बा है, मैंने गरीबों की अमीरी भी देखी है और अमीरों की गरीबी भी देखी है. मेरा सपना था कि स्ट्रीट वेंडर को मदद करेंगे... पीएम मोदी ने कोविड के दौर का जिक्र करते हुए कहा, 'मैंने कोविड का वह दौर देखा जब इन स्ट्रीट वेंडर को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था. तब मैंने तय किया था कि मैं इनकी जरूर मदद करूंगा. भारत की डिजिटल क्रांति में ये रेहड़ी पटरी वाले अहम भूमिका निभा रहे हैं. '
कॉन्क्लेव के पहले दिन शुक्रवार को कई दिग्गज हस्तियों ने शिरकत की जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति और उनकी लेखक पत्नी सुधा मूर्ति, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, इंद्राणी मुखर्जी, अभिनेता सामंथा प्रभु शामिल थे.
हेल्थ क्रांति का किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा, 'आयुष्मान भारत योजना के बारे में आपने सुना होगा. गांवों में आपने सुना होगा कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर. हमने देश के गांवों में डेढ़ लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए हैं. कुछ लोगों की सारी परेशानी ये मंदिर में अटक जाएगी. ये मेरी परेशानी नहीं है. ये काम लगातार चल रहा है लेकिन इनकी हेडलाइन नहीं बनती है. इन मंदिरों में सामान्य टेस्ट तो होते ही हैं साथ ही डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियों की शुरूआती जांच होती है. हम देश के गांव गरीब तक इस सेवा को पहुंचा रहे हैं.'
पीएम मोदी ने कहा, 'ई संजीवनी ऐप के माध्यम से 24 करोड़ लोग घर बैठे परामर्श ले चुके हैं.. बीते 10 वर्षों में हमने गवर्नेंस का नया मॉडल विकसित किया है. हमने फोकस किया है जो प्राथमिकता में सबसे पीछे रहता है. आकांक्षी जिलों का जो कार्यक्रम हमने चलाया उसमें वो जिले कई जिलों से आगे निकल चुके हैं.हमने अब आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम भी शुरू कर दिया है.'
पीएम मोदी ने कहा कि वो गांव जिन्हें पहले आखिरी गांव कहा जाता था, हमने मानसिकता बदली, मैंने कहा कि वो हिंदुस्तान के पहले गांव हैं. पूर्वोत्तर में है तो पहली किरण वहां आती है..
सहकारिता मंत्रालय की उपलब्धियां
पीएम मोदी ने कहा, 'सहकारिता मंत्रालय का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, इस मंत्रालय ने दुनिया की सबसे बड़ी स्टोरेज स्कीम शुरू किए. 2 लाख नए गोदाम बनेंगे, उसका किसान को फायदा ये होगा कि वो गोदाम में अपना माल रख सकता है और जिस दिन बाजार तेज होगा उस दिन वह अपना माल बेच सकेगा और उसे फायदा होगा.'
ईज ऑफ लिविंग से लोगों को हुआ फायदा
अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'पहले की सरकार के समय आपने ईज ऑफ लिविंग जैसे शब्द सुने ही नहीं होंगे. जो उस दौर में सक्षम थे वो सुविधाओं के सबसे बड़े हकदार बन गए थे... बीच में पिसता कौन था वो देश का सामान्य नागरिक जो आरके लक्ष्मण के कार्टूनों में झलकता है. इस कॉमन मैन की ईज ऑफ लिविंग को भी हमारी सरकार ने प्राथमिकता में रखा. पहले पासपोर्ट बनवाना हो तो औसतन पचास दिन लगते थे. इन पचास दिनों में भी लोगों को पचास फोन करने पड़ते थे और सिफारिश लगानी पड़ती है. आज एक पासपोर्ट औसतन 5-6 दिन में आपके घर पहुंच जाता है. सब कुछ वहीं है लेकिन बदलाव कैसे आया, लेकिन सरकार ने जैसे ही ईज ऑफ लिविंग पर ध्यान देना शुरू किया तो सिस्टम में खुद बदलाव आ गया पहले 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे आज तकरीबन सवा पांच सौ पासपोर्ट सेवा केंद्र हैं. ऐसे और भी कई बदलाव हैं.'
स्वच्छ भारत से बचे लोगों के पैसे
पीएम मोदी ने कहा, '2014 में दो लाख की सालाना आय पर इनकम टैक्स देना होता था, आज सात लाख की सालाना इनकम पाने वाले को एक रुपये का भी टैक्स नहीं देना पड़ता है.हमारी सरकार ने जो कदम उठाए हैं उसमें से देश के नागरिकों के ढाई लाख करोड़ रुपये बचे हैं. आप कल्पना कर सकते हैं कि पिछले 10 साल में रेलवे टिकटों में भी लाखों करोड़ का डिस्काउंट दिया. स्वच्छ भारत अभियान भी गरीब और मध्यम वर्ग के पैसे बचाने में सहायक हुआ है. यह गरीबों के हर साल 60 हजार करोड़ रुपये बचा रहा है. '
संकल्पों की सिद्धी के लिए कर रहा हूं काम
पीएम मोदी ने कहा, 'ये चुनाव का समय है. हमारी विपक्ष के साथी भी कागजों पर सपने बुन रहे हैं. मोदी सपनों से आगे संकल्प लेकर चलता है, मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि आने वाले पांच वर्ष भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने वाले होंगे. आने वाले पांच साल भारत के इंफ्रास्क्ट्रचर को नई दिशा देने वाले होंगे.. आने वाले पांच साल आप भारत के डिफेंस सेक्टर की नई ऊंचाइयां देखेंगे, आने वाले पांच साल में आप भारत मे सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में क्रांति देखेंगे.. इन संकल्पों की सिद्धि के लिए मैं बहुत पहले ही काम कर चुका हूं. मैं इंडिया टुडे के कॉन्क्लेव में फिर आऊंगा और इन संकल्पों पर फिर से बात करूंगा. '
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कॉन्क्लेव के पहले दिन का समापन अमित शाह के भाषण से हुआ और इस दौरान उन्होंने तमाम सवालों के बेबाकी से जवाब दिए. अमित शाह ने चुनावी बांड योजना की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि इसे "काले धन को खत्म करने" के लिए लागू किया गया था. इसे लेकर उन्होंने विपक्ष को भी चुनौती दी. सीएए लागू होने के बाद नागरिकता संशोधन अधिनियम पर अपनी पहली टिप्पणी करते हुए अमित शाह ने कहा कि "पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुस्लिम और हिंदू दोनों हमारे अपने हैं."
बता दें कि इंडिया टुडे कॉन्क्लेव विभिन्न क्षेत्रों से एकत्रित प्रभावशाली आवाजों का एक मंच है, जो वैश्विक चुनौतियों की बदलती धाराओं के बीच भारत के गतिशील विकास को व्यक्त करता है. इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में केवल राजनीति ही नहीं बल्कि मनोरंजन, खेल, बिजनेस और वैश्विक जगत के तमाम दिग्गज शिरकत करते रहे हैं.
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इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन अरुण पुरी ने शुक्रवार को इस दो दिवसीय कॉन्क्लेव का शुभारंभ किया. उन्होंने कॉन्क्लेव के 21वें संस्करण में पहुंचे सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि पिछले साल हमारे कॉन्क्लेव की थीम 'इंडिया मोमेंट' थी. मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि 'इंडिया मोमेंट' का लगातार विस्तार हुआ है और इसका दायरा लगातार बढ़ा है.