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भारत से क्या चाहते हैं ट्रंप, PM मोदी से बातचीत में जिस 'Fair' रिलेशनशिप की बात रखी वो क्या है?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शपथ लेने से पहले ही दो टूक कह चुके थे कि उनके कार्यकाल में अमेरिका उन देशों पर भारी-भरकम टैरिफ लगाएगा, जिससे देश के हित बाधितो हंगे. इनमें चीन, ब्राजील और मेक्सिको जैसे देश शामिल हैं. 

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अमेरिका राष्ट्रपति के साथ पीएम नरेंद्र मोदी
अमेरिका राष्ट्रपति के साथ पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच सोमवार को फोन पर बातचीत हुई. ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बातचीत थी. लेकिन इस बातचीत में सबसे ज्यादा फोकस रहा Fair Bilateral Trading Relationship पर. आइए, जानते हैं ट्रंप के लिए इसके क्या मायने हैं?

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राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी से बातचीत के दौरान वैश्विक शांति, समृद्धि और सुरक्षा के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई.  भारत पर अमेरिका की ओर से टैरिफ लगाए जाने की चिंताओं के बीच पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि दोनों पक्ष आपसी लाभ और साझेदारी को लेकर काम करेंगे.

व्हाइट हाउस ने क्या कहा?

दोनों नेताओं की बातचीत के बाद व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर बताया कि पीएम मोदी से बातचीत के दौरान ट्रंप ने इस बात पर महत्व दिया कि भारत अमेरिका में बने सुरक्षा उपकरणों की खरीद की संख्या बढ़ाएं ताकि इससे दोनों देशों के बीच उचित द्विपक्षीय कारोबारी संबंध बन सकें. पीएम मोदी के साथ बातचीत में ट्रंप ने फेयर बाइलेट्रल ट्रेड का हवाला दिया. 

व्हाइट हाउस का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रपति ट्रंप की बातचीत प्रोडक्टिव रही और इस दौरान राष्ट्रपति ने भारत के साथ उचित द्विपक्षीय कारोबारी संबंधों की दिशा में आगे बढ़ने की मांग की ताकि दोनों देशों के संबंध और गहरा हो सके.

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ट्रंप के इस बयान के क्या हैं मायने?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शपथ लेने से पहले ही दो टूक कह चुके थे कि उनके कार्यकाल में अमेरिका उन देशों पर भारी-भरकम टैरिफ लगाएगा, जिससे देश के हित बाधितो हंगे. इनमें चीन, ब्राजील और मेक्सिको जैसे देश शामिल हैं. 

ट्रंप ने इससे पहले फ्लोरिडा रिट्रीट में कहा था कि हम उन देशों पर टैरिफ लगाने जा रहे हैं, जिनसे हमें नुकसान हो रहा है. अमेरिका एक ऐसा निष्पक्ष सिस्टम तैयार करेगा, जहां देश में भारी-भरकम पैसे का निवेश होगा और अमेरिका एक बार फिर समृद्ध बन सकेगा. 

ट्रंप ने इसके बाद राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले संबोधन में कहा था कि हमारे नागरिकों पर टैक्स लगाने के बजाए हमें अन्य देशों पर टैरिफ लगाना चाहिए ताकि इससे हमारे लोग समृद्ध हो सकें.

ट्रंप के इस बयान से साफ है कि अब अमेरिका अपने खजाने का इस्तेमाल सोच-समझकर देश के फायदे में करने की स्ट्रैटेजी में है. इसी रणनीति के तहत पहले ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से अलग होकर भारी-भरकम धनराशि बचाने की कवायद शुरू की. इसके बाद मदद के नाम पर कई देशों को दी जा रही अमेरिकी मदद को भी रोकने पर काम किया जा रहा है.

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रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप चाहते हैं कि अन्य देशों के साथ अमेरिका का कारोबार संतुलित रहे. दोनों देशों को समान लाभ मिले. 

मोदी और ट्रंप के बीच किन-किन मुद्दों पर हुई चर्चा?

पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की फोन कॉल के दौरान इंडो पैसिफिक, मिडिल ईस्ट और यूरोप सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई. मोदी और ट्रंप दोनों ने सहमति जताई कि दोनों देशों के रिश्तों में और मजबूती आनी चाहिए.

इस बातचीत के बाद पीएम मोदी ने पोस्ट कर बताया कि मेरे प्यारे दोस्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात कर खुशी हुई. दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति बनने पर उन्हें बधाई दी. हम आपसी लाभप्रद और दीर्घकालीन पार्टनरशिप को लेकर प्रतिबद्ध हैं. हम हमारे लोगों के कल्याण के साथ-साथ वैश्विक शांति, समृद्धि और सुरक्षा के लिए मिलकर काम करेंगे.

इस साल के अंत में भारत की मेजबानी में पहली बार क्वाड शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा, जो इंडो-पैसिफिक क्वाड पार्टनरशिप को और मजबूत करने का अवसर देगा. 

बता दें कि पीएम मोदी ने इससे पहले 7 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव जीतने के तुरंत बाद ट्रंप से बात की थी. बातचीत के दौरान ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें 'शानदार इंसान' बताया था और कहा था कि 'पूरी दुनिया उन्हें प्यार करती है'. 

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