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रामेश्वरम पहुंचे पीएम मोदी ने समुद्र में लगाई डुबकी, Video

प्रधानमंत्री मोदी इन दिनों तमिलनाडु के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने रामेश्वरम में समुद्र में पवित्र डुबकी लगाई. इससे पहले वह त्रिची में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर पहुंचे और दर्शन पूजन किया था.

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PM मोदी ने रामेश्वरम में समुद्र में पवित्र डुबकी लगाई
PM मोदी ने रामेश्वरम में समुद्र में पवित्र डुबकी लगाई

अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह होना है. इससे पहले पीएम मोदी देश के कई मंदिरों में जाकर दर्शन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी इन दिनों तमिलनाडु के दौरे पर हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रामेश्वरम में 'अंगी तीर्थ' समुद्र तट पर पवित्र स्नान किए. समुद्र में डुबकी लगाने के बाद भगवान रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा की. रुद्राक्ष की माला पहने नजर आए पीएम मोदी ने तमिलनाडु के प्राचीन शिव मंदिर रामनाथस्वामी मंदिर में प्रार्थना की. पुजारियों द्वारा उन्हें पारंपरिक सम्मान दिया गया. उन्होंने मंदिर में आयोजित भजनों में भी हिस्सा लिया.

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तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के रामेश्वरम द्वीप में स्थित शिव मंदिर का संबंध रामायण से भी है, क्योंकि यहां का शिवलिंग श्री राम द्वारा स्थापित किया गया था. भगवान राम और सीता देवी ने यहां प्रार्थना की थी. तिरुचिरापल्ली जिले में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में पूजा करने के बाद पीएम मोदी वायुसेना के हेलिकॉप्टर से यहां पहुंचे और भाजपा कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया.
 

रामेश्वरम जाने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने तिरुचिरापल्ली के श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में दर्शन-पूजन किए. श्री रंगनाथस्वामी मंदिर अपनी स्थापत्य कला, भव्यता और अपने असंख्य प्रतिष्ठित गोपुरमों के लिए प्रसिद्ध है. मंदिर में पूजे जाने वाले मुख्य देवता श्री रंगनाथ स्वामी हैं, जो भगवान विष्णु का लेटे हुए रूप हैं. वैष्णव धर्मग्रंथों में इस मंदिर में पूजी जाने वाली मूर्ति और अयोध्या के बीच संबंध का उल्लेख है.

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ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु की जिस मूर्ति की पूजा श्रीराम और उनके पूर्वज करते थे, उसे उन्होंने लंका ले जाने के लिए विभीषण को दे दी थी. रास्ते में यह मूर्ति श्रीरंगम में स्थापित कर दी गई. महान दार्शनिक और संत श्री रामानुजाचार्य भी इस मंदिर के इतिहास से गहराई से जुड़े हुए हैं. इसके अलावा, इस मंदिर में कई महत्वपूर्ण स्थान हैं . उदाहरण के लिए, प्रसिद्ध कंबां रामायणम को पहली बार तमिल कवि कंबन ने इस परिसर में एक विशेष स्थान पर सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत किया था.

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