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भारत-अमेरिका के अच्छे रिश्तों में चीन कैसे मदद कर रहा है?

क्यों अहम प्रधानमंत्री का अमेरिका दौरा,क्या आदिवासी वोटर्स शिवराज सिंह चौहान को संजीवनी देंगे,गुरबानी के फ्री टेलीकास्ट का विरोध क्यों और एवरेस्ट पर ग्लेशियर पिघलने से ख़तरे क्या?

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din bhar
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भारत से लेकर अमेरिका तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जिस दौरे की चर्चा कई दिनों से थी, उसकी शुरुआत आज हुई. भारतीय समय अनुसार सुबह सात बजे एक विशेष विमान से प्रधानमंत्री अमेरिका के लिए रवाना हुए. रात करीब डेढ़ बजे वो वॉशिंगटन के एंड्रूयज़ एयरफोर्स बेस पर उतरेंगे. ये दौरा 21 जून से 24 जून तक चलेगा जिसमें वो पहले तीन दिन अमेरिका में रहेंगे और फिर दौरे के आखिरी दिन ईजिप्ट जाएंगे. 2009 के बाद ये दूसरी बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री अमेरिका के न्यौते पर यात्रा कर रहा है. इस यात्रा पर रवाना होने से पहले पीएम ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को इंटरव्यू देते हुए कई अहम मुद्दों पर बयान दिए. रूस यूक्रेन युद्ध से लेकर भारत अमेरिका संबंधों पर उन्होंने खुल कर बातें रखीं. इस दौरे में प्रधानमंत्री की मेज़बानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन करेंगे। वो टेस्ला के सीईओ इलोन मस्क से भी मुलाकात करेंगे. प्रधानमंत्री के इस दौरे पर चीन की प्रतिक्रिया भी आई है. बीजिंग ने भारत को अमेरिका के साथ संबंधों को लेकर सावधान रहने को कहा है. तो प्रधानमंत्री की इस यात्रा का मेन एजेंडा क्या है.. किन मुद्दों पर बातचीत होने वाली है. सुनिए ‘दिन भर’ में.

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इस बरस कई चुनाव हुए, कई अभी बाकी हैं. दो प्रदेश हिमाचल और कर्नाटक में बीजेपी चुनाव हारी. एक्सपर्ट्स का निष्कर्ष रहा कि एन्टी इन कंबेंसी बड़ा फैक्टर थी.  साल के अंत में मध्यप्रदेश चुनावी माहौल में रंगेगा. अगर बीच के ढाई साल जिसमें कमलनाथ मुख्यमंत्री रहे वो छोड़ दिये जाएं तो लगभग दो दशको से बीजेपी भोपाल की सत्ता में है. ऐसे में एन्टी इनकम्बेंसी से यहां भी बीजेपी को दो चार होना पड़ेगा. कुछ राजनीतिक विश्लेषक कयास लगा रहे हैं कि सत्ताविरोधी लहर से बचाव के लिए बीजेपी बग़ैर सीएम चेहरे के इन चुनावों में उतरने की सोच सकती है. दूसरी चीज़ जो चर्चा में है वो है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आदिवासी सेंट्रिक राजनीति. चुनावों से ठीक पहले वो इस वर्ग के लिए ढेरों ऐलान कर चुके हैं. फिर भी राज्य में आदिवासी आरक्षण बढ़ाने की मांग भी तेज़ हुई है. शिवराज ने इसको लेकर खुला ऐलान तो नहीं किया लेकिन कई बार मंचों से आदिवासी सँगठनों की इस मांग पर सकारात्मक रुख ज़ाहिर कर चुके हैं. साफ है, बीजेपी एमपी में इस तबके के सहारे चुनावों में एज चाहती है. सुनिए ‘दिन भर’ में.

गुरबाणी का ब्रॉडकास्ट फ्री हो या नहीं, इसे लेकर कई दिनों से बहस तेज़ है. इन फैक्ट चर्चा तो पिछले साल से है जब से मान सरकार बनी है. अब आज पंजाब सरकार ने इस पर फैसला लिया है. सिख गुरुद्वारा संशोधन बिल पास हो गया है. बिल का कानून बनना इस बात की इजाज़त देगा कि हरमिंदर साहिब गुरुद्वारे से गुरुबानी के ब्रॉडकास्ट और टेलीकास्ट को फ्री टू एयर किया जाए. पिछले 11 सालों से इसे टेलीकास्ट करने के राइट्स सिर्फ पीटीसी चैनल के ही पास थे । पीटीसी एक प्राइवेट चैनल है जिसका मालिकाना हक अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के पास है. इस बिल का विरोध भी शुरू हो गया है. अकाली दल, कांग्रेस दोनों इस के विरोध में है. ये विरोध क्यों हो रहा है? सुनिए ‘दिन भर’ में. 

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आपके घर में अगर एक दिन के लिए पानी न आए तो कितनी दिक्कत हो जाती है? अब एक ऐसी धरती की कल्पना करें जहां दुनिया भर के प्रदूषण के साथ पानी की भयानक कमी हो.  हो सकता है कुछ सालों बाद ये सिर्फ कल्पना न रहे बल्कि आने वाली पीढ़ियों का सच बन जाए। ऐसा ही कुछ कहती है काठमांडू की एक संस्था इंटरनैशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट. इसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि हिमालय के ग्लेशियर पिछले दस सालों की तुलना में 65 फीसदी ज्यादा तेजी से पिघल रहे हैं. साल 2100 तक 75 से 80% ग्लेशियर पिघल जाएंगे. हिमालय पर मौजूद इन ग्लेशियरों से 200 करोड़ लोगों को पीने और सिंचाई के लिए पानी मिलता है. स्टडी करने वाली टीम के प्रमुख शोधकर्ता फिलिप्स वेस्टर ने बताया कि गर्मी बढ़ रही है, बर्फ पिघल रही है लेकिन इतनी तेज गति से पिघलेगी, ये अंदाजा किसी को नहीं था.  सुनिए ‘दिन भर’ में.

 

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