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'महिला आरक्षण बिल एकात्म मानववाद की विचारधारा का विस्तार', बोले PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक उपाध्याय की एकात्म मानववाद की विचारधारा का विस्तार है, उन्होंने व्यक्तिगत, पारिवारिक जिम्मेदारियों से ऊपर राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को चुनने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय की सराहना की.

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PM मोदी ने महिला आरक्षण बिल पारित होने को लोकतंत्र की जीत बताया (फोटो- PTI)
PM मोदी ने महिला आरक्षण बिल पारित होने को लोकतंत्र की जीत बताया (फोटो- PTI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक का पारित होना न केवल लोकतंत्र की जीत है, बल्कि भाजपा की विचारधारा की भी जीत है. उन्होंने कहा कि राजनीति में उनकी उचित भागीदारी के बिना कोई भी समाज समावेशी की बात नहीं कर सकता. 

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दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के मौके पर उनकी 72 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पार्टी विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के "एकात्म मानववाद" और "अंत्योदय" के दर्शन पर काम किया है. साथ ही ये भी सुनिश्चित किया है कि सरकार की कल्याणकारी योजनाएं बिना किसी भेदभाव के सभी तक पहुंचें.

पीएम मोदी ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक उपाध्याय की एकात्म मानववाद की विचारधारा का विस्तार है, उन्होंने व्यक्तिगत, पारिवारिक जिम्मेदारियों से ऊपर राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को चुनने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय की सराहना की. उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी तुष्टिकरण और स्वार्थ को खारिज करते हुए अपनी कल्याणकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है.  पहुंच के संदर्भ में पूर्ण संतृप्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रही है।

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प्रधान मंत्री ने कहा कि हमारा "सेवा अभियान" सामाजिक न्याय का एक प्रमुख साधन है और यही सच्ची धर्मनिरपेक्षता है. पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि लंबे समय तक सार्वजनिक संसाधनों का उपयोग व्यक्तिगत हितों के लिए किया जाता था, लेकिन संसाधनों का उपयोग देश के विकास के द्वार खोलने के लिए किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि देश ने अपने मूल्यों को बदले बिना ऐसा किया कि सभी को गर्व की अनुभूति हो रही है. उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने इसी बारे में बात की थी. पीएम मोदी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने अपना सब कुछ बलिदान कर दिया, अगर रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी अचानक मृत्यु नहीं हुई होती, तो देश की किस्मत दशकों पहले ही बेहतर हो गई होती.

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