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कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने में पूरी दुनिया से संसाधन जुटाए गएः पीएम मोदी

कोरोना संकट से जूझते देश के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने दुनियाभर से महामारी के दौरान भारत को मिली मदद का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा है कि देश कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से लड़ रहा है. कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने में पूरी दुनिया से संसाधन जुटाए गए.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना संकट पर पीएम मोदी का संबोधन
  • देश के सामने आई चुनौतियों का किया जिक्र
  • वैक्सीनेशन पर पीएम मोदी ने दिया जोर

कोरोना संकट से जूझते देश के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने दुनियाभर से महामारी के दौरान भारत को मिली मदद का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा है कि देश कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से लड़ रहा है. कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने में पूरी दुनिया से संसाधन जुटाए गए.

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पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अप्रैल और मई के महीने में भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई थी. भारत के इतिहास में कभी भी इतनी मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत महसूस नहीं की गई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैक्सीन हमारे लिए सुरक्षा कवच की तरह है. आज पूरे विश्व में वैक्सीन के लिए जो मांग है, उसकी तुलना में उत्पादन करने वाले देश और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां बहुत कम हैं. कल्पना करिए कि अभी हमारे पास भारत में बनी वैक्सीन नहीं होती तो आज भारत जैसे विशाल देश में क्या होता?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते 100 वर्षों में आई ये सबसे बड़ी महामारी है. ऐसी महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी और न अनुभव की थी. इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है.

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वैक्सीन हमारे लिए सुरक्षा कवच!

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में जब देशवासियों ने हमें सेवा का अवसर दिया तो भारत में वैक्सीनेशन का कवरेज सिर्फ 60 प्रतिशत के आसपास था. 2014 में जब देशवासियों ने हमें सेवा का अवसर दिया तो भारत में वैक्सीनेशन का कवरेज सिर्फ 60 प्रतिशत के आसपास था. वैक्सीन हमारे लिए सुरक्षा कवच की तरह है.

वैक्सीन की अचानक बढ़ी डिमांड!

पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरे विश्व में वैक्सीन के लिए जो मांग है, उसकी तुलना में उत्पादन करने वाले देश और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां बहुत कम हैं. कल्पना करिए कि अभी हमारे पास भारत में बनी वैक्सीन नहीं होती तो आज भारत जैसे विशाल देश में क्या होता? कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अप्रैल और मई के महीने में भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई थी.

100 वर्षों में आई सबसे बड़ी महामारी!

पीएम मोदी ने कहा कि भारत के इतिहास में कभी भी इतनी मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत महसूस नहीं की गई. बीते 100 वर्षों में आई ये सबसे बड़ी महामारी है. ऐसी महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी और न अनुभव की थी. इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है.

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