प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाए जाने के ऐलान के बाद देशभर के नेताओं की इस पर प्रतिक्रिया आई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संवेदनशील निर्णय पर मैं पीएम नरेंद्र मोदी का अभिनंदन करता हूं. यह स्मृति दिवस समाज से भेदभाव व द्वेष की दुर्भावना को खत्म कर शांति, प्रेम व एकता को बल देगा.
अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, 'देश के विभाजन के समय हिंसा व घृणा के साये में विस्थापित हुए हमारे असंख्य बहनों व भाइयों के त्याग, संघर्ष व बलिदान की याद में मोदी जी ने 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. इस संवेदनशील निर्णय पर मैं नरेंद्र मोदी जी का अभिनंदन करता हूं.'
देश के विभाजन के समय हिंसा व घृणा के साये में विस्थापित हुए हमारे असंख्य बहनों व भाइयों के त्याग, संघर्ष व बलिदान की याद में मोदीजी ने 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस संवेदनशील निर्णय पर मैं @narendramodi जी का अभिनंदन करता हूँ।
— Amit Shah (@AmitShah) August 14, 2021
उन्होंने यह भी कहा कि देश के विभाजन का घाव व अपनों को खोने के दुःख को शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता. मुझे विश्वास है कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस समाज से भेदभाव व द्वेष की दुर्भावना को खत्म कर शांति, प्रेम व एकता को बल देगा.
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PM मोदी के फैसले की तारीफ करते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि विभाजन के दंश से प्रभावित लोगों के संघर्ष व बलिदान की स्मृति में आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 14 अगस्त को “विभाजन स्मृति दिवस” के रूप में मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लेने के लिए दिल से धन्यवाद है.
विभाजन के दंश से प्रभावित लोगों के संघर्ष व बलिदान की स्मृति में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @NarendraModi जी द्वारा 14 अगस्त को “विभाजन स्मृति दिवस” के रूप में मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लेने के लिए ह्रदय से धन्यवाद है। #PartitionHorrorsRemembranceDay
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) August 14, 2021
उन्होंने आगे कहा कि विभाजन से उत्पन्न परिस्थितियों ने तुष्टिकरण की राजनीति और नकारात्मक शक्तियों को हावी होने का मौका दिया. हमें इतिहास से सीख लेकर यह सुनिश्चित करना चाहिये कि यह गलती कभी दोहरायी न जाए. क्योंकि जो इतिहास से नहीं सीखते है, उन्हें बार-बार कष्ट सहने के लिए मजबूर होना पड़ता है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर कहा कि 1947 में हुए देश के विभाजन के बाद जो भाई-बंधु हिंसा, उत्पीड़न और विस्थापन के शिकार हुए उनकी स्मृति में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्णय, उनकी संवेदनशीलता का परिचायक है. इसके लिए प्रधानमंत्री जी को बहुत धन्यवाद.
१९४७ में हुए देश के विभाजन के बाद जो भाई-बंधु हिंसा, उत्पीड़न और विस्थापन के शिकार हुए उनकी स्मृति में १४ अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने का प्रधानमंत्री श्री @narendramodi का निर्णय, उनकी संवेदनशीलता का परिचायक है। इसके लिए प्रधानमंत्रीजी को बहुत धन्यवाद। https://t.co/HBdb7Yfsvk
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 14, 2021
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'पीएम मोदी का यह कदम स्वागत योग्य है. यह सच सामने आना बहुत जरूरी है कि इस विभाजन के लिए कौन लोग जिम्मेदार हैं. लाखों बहनें अपने भाईयों को राखी नहीं बांध पाई, कितनी ही माओं ने अपने बेटों को खोया. कितने ही हमेशा के लिए बिछड़ गए. विभाजन एक ऐसा घाव है जो अभी भी रिस रहा है.'