प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज गुजरात के लोगों से संवाद किया. विजयादशमी के इस मौके पर मोदी ने कहा कि गुजरात की धरती से बापू ने रामराज्य के आदर्शों पर चलने वाले समाज की कल्पना की थी. उन्होंने सेवा का मौका देने के लिए गुजरात की जनता का शु्क्रिया भी कहा. पीएम मोदी सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा बनाए जा रहे होस्टल फेज -1 (कुमार छात्रावास) के भूमिपूजन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए थे.
पीएम मोदी ने सबसे पहले सबको विजयादशमी की बधाई दी. वह बोले कि भगवान राम के अनुसरण का अर्थ है- मानवता का और ज्ञान का अनुसरण. पीएम ने कहा कि गुजरात की धरती से बापू ने रामराज्य के आदर्शों पर चलने वाले समाज की कल्पना की थी, जिसके मूल्यों पर गुजरात मजबूती से आगे बढ़ रहा है.
मोदी बोले कि सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में आज की गई एक पहल भी इसी कड़ी का एक हिस्सा है. पीएम ने बताया कि आज फेज-1 हॉस्टेल का भूमिपूजन हुआ है और 2024 तक दोनों फेज का कार्य पूरा कर लिया जाएगा.
आपके आशीर्वाद की ताकत इतनी बड़ी है कि आज 20 वर्ष से अधिक समय हो गया, पहले गुजरात की और आज पूरे देश की सेवा करने का सौभाग्य मिला है. आप सभी के आशीर्वाद से मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति को जिसका कोई पारिवारिक या राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था, जिसके पास जातिवादी राजनीति का कोई आधार नहीं था, ऐसे मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति को आपने आशीर्वाद देकर गुजरात की सेवा का मौका 2001 में दिया था.
आजादी के 75वें वर्ष का किया जिक्र
पीएम ने कहा कि भारत इस समय अपनी आजादी के 75वें वर्ष में है. ये अमृतकाल हमें नए संकल्पों के साथ ही, उन व्यक्तित्वों को याद करने की भी प्रेरणा देता है, जिन्होंने जनचेतना जागृत करने में बड़ी भूमिका निभाई. आज की पीढ़ी को उनके बारे में जानना बहुत आवश्यक है.
गुजरात के नए सीएम भूपेंद्र पटेल की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वह ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो टेक्नोलॉजी के भी जानकार हैं और जमीन से भी उतना ही जुड़े हुए हैं. पीएम ने कहा, 'अलग-अलग स्तर पर काम करने का उनका अनुभव, गुजरात के विकास में बहुत काम आने वाला है.'
अब पढ़ाई का मतलब डिग्री तक सीमित नहीं - मोदी
मोदी ने कहा कि अब पढ़ाई का मतलब डिग्री तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पढ़ाई को स्किल के साथ जोड़ा जा रहा है. देश अपने पारंपरिक स्किल्स को भी अब आधुनिक संभावनाओं से जोड़ रहा है. पीएम आगे बोले कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रोफेशनल कोर्सेस की पढ़ाई स्थानीय भाषा में कराए जाने का विकल्प भी दिया गया है.