प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. इसमें कम से कम 14 मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों ने बैठक में हिस्सा लिया. बैठक वाराणसी में हुई थी. यह लगभग 4.5 घंटे तक चली और सभी मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों के बारे में प्रजेंटेशन दिया.
सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि सुशासन को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है. कार्यों का एजेंडा, विकास कार्यों, उनकी वर्तमान स्थिति और पाइपलाइन में कौन सी नई परियोजनाएं हैं, इसकी जानकारी दी.
सूत्रों ने कहा कि केंद्र की योजनाओं और उनके कार्यान्वयन और संभावित अतिरिक्त संसाधन जरूरतों पर भी चर्चा हुई. इसके अलावा राज्यों और केंद्र के बीच तालमेल को बेहतर कैसे बनाया जाए, इस पर भी चर्चा की गई. आगामी चुनावों पर राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि चुनावों में उनके काम को ठीक से किया जाए.
इन राज्यों के सीएम थे शामिल
दोपहर 12:15 बजे शुरू हुए सम्मेलन में असम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ बिहार और नगालैंड के डिप्टी सीएम भी शामिल हुए. दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "यह एक रुटीन मीटिंग थी, जिसे प्रधानमंत्री ने विभिन्न राज्यों में किए जा रहे कार्यों को समझने के लिए लिया गया था.
पीएम मोदी ने कहा कि प्रत्येक बीजेपी शासित राज्य को शासन के किसी न किसी क्षेत्र में अपनी एक पहचान बनानी चाहिए. शासन के आंकड़ों को सामने रखें. पीएम मोदी ने राज्यों से पुराने कानूनों को हटाने को कहा. उन्होंने कहा कि बीजेपी का लक्ष्य विकास, 'ईज ऑफ लिविंग' में सुधार पर फोकस होना चाहिए.
मोदी के साथ हुई बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों की प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया. पीएम को राज्यों में शुरू की गई New Governance Policy के बारे में विस्तार से बताया. इनमें क्लाइमेट रेजिलिएंट इंफ्रा परियोजनाएं, पारिवारिक पहचान पत्र, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, स्वंय सहायता समूहों के साथ ग्रामीण आजीविका कार्यक्रम आदि शामिल थे.
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने शासन के विभिन्न आयामों से संबंधित कई बिंदु रखे. उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली प्रत्येक सरकार से शासन के किसी न किसी क्षेत्र में अपने लिए एक जगह बनाने का आह्वान किया. उन्होंने सरकारों से 'ईज ऑफ लिविंग' को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आग्रह किया. 'न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' के सिद्धांत को लेकर प्रधानमंत्री ने राज्यों से पुराने कानूनों को हटाने का आग्रह किया. पीएम मोदी ने Govt IT के महत्व पर कहा कि सामग्री वितरण, गति और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए शासन को डेटा पर ध्यान देना चाहिए.
'आर्थिक अवसरों को बढ़ावा दें सरकारें'
पीएम मोदी ने राज्यों से आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर बनने के प्रयासों को मजबूत करने में 'एक जिला, एक उत्पाद' पर काम करने को कहा. पीएम मोदी ने सरकार के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में युवा विकास और महिला सशक्तिकरण का महत्व बताया. उन्होंने पोषण अभियान को मजबूत करने और कुपोषण के खतरे से लड़ने की आवश्यकता का उल्लेख किया. उन्होंने युवाओं के बीच खेल और फिटनेस की संस्कृति को लोकप्रिय बनाने पर भी जोर दिया.
बीजेपी और सुशासन पर्याय बन गए हैं: जेपी नड्डा
पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री मोदी की सफलता की सराहना की, क्योंकि उन्होंने सरकार के प्रमुख के रूप में दो दशक पूरे किए. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी और सुशासन पर्याय बन गए हैं. भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो अपने प्रदर्शन के आधार पर जनादेश चाहती है.