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मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा- किसानों को थोड़ा गाइड करने की जरूरत

शनिवार को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की छठी बैठक को संबोधित किया.

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नीति आयोग की बैठक की अध्यक्षता कर रहे पीएम मोदी
नीति आयोग की बैठक की अध्यक्षता कर रहे पीएम मोदी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक
  • मीटिंग की अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी ने की

नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की शनिवार को बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की छठी बैठक को संबोधित किया. इस बैठक में 6 चीजों पर फोकस किया गया, जिसमें भारत को एक विनिर्माण हब बनाना, कृषि में सुधार, भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार, मानव संसाधन विकास में तेजी लाना, जमीनी स्तर पर सेवाएं उपलब्ध कराना, स्वास्थ्य और पोषण शामिल हैं. 

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इससे पहले बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है तब गवर्निंग काउंसिल की बैठक और महत्वपूर्ण हो गई है. मैं राज्यों से आग्रह करूंगा कि आजादी के 75 वर्ष के लिए अपने-अपने राज्यों में समाज के सभी लोगों को जोड़कर समितियों का निर्माण हो.

पीएम ने कहा कि हमने कोरोना के दौरान देखा है कि कैसे केंद्र और राज्य सरकारों ने राष्ट्र को सफल बनाने में एक साथ काम किया है. इससे विश्व स्तर पर देश की सकारात्मक छवि बनी है. कई राज्यों ने तेज गति से विकास का काम किया है. केंद्र-राज्य साथ मिलकर काम करें, विकास प्राइम एजेंडा होना चाहिए.

मोदी ने कहा कि को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म को और अधिक सार्थक बनाना और यही नहीं हमें प्रयत्न पूर्वक कम्पटेटिव को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म को न सिर्फ राज्यों के बीच, बल्कि डिस्ट्रिक्ट लेवल तक ले जाना ही होगा ताकि विकास की स्पर्धा निरंतर चलती रहे.

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पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से, ग्रामीण और शहरी भारत में 2.4 करोड़ से अधिक घर बनाए गए हैं. एक और पहल चल रही है जिसमें भारत में छह राज्यों में आधुनिक तकनीक से मकान बनाए जा रहे हैं. कुछ महीनों में, नए मॉडल के साथ मजबूत घर बनाए जाएंगे.

प्राइवेट सेक्टर पर जोर

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम ये भी देख रहे हैं कि कैसे देश का प्राइवेट सेक्टर, देश की इस विकास यात्रा में और ज्यादा उत्साह से आगे आ रहा है. सरकार के नाते हमें इस उत्साह का, प्राइवेट सेक्टर की ऊर्जा का सम्मान भी करना है और उसे आत्मनिर्भर भारत अभियान में उतना ही अवसर भी देना है.

कृषि में निवेश पर जोरः पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में कृषि से लेकर, पशुपालन और मत्स्यपालन तक एक होलिस्टिक अप्रोच अपनाई गई है. इसका नतीजा है कि कोरोना संकट के दौर में भी देश के कृषि निर्यात में काफी बढ़ोतरी हुई है. भारत ने कृषि क्षेत्र में निर्यात में वृद्धि देखी. हमारे पास इस क्षेत्र में बहुत अधिक क्षमता है. पीएम ने कहा कि कृषि उत्पादों के नुकसान को यथासंभव कम करना चाहिए और हमें भंडारण और प्रसंस्करण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. हमें निवेश के सभी स्रोतों को इस क्षेत्र से जोड़ना होगा.

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प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के बजट पर जिस तरह की सकारात्मक ​प्रतिक्रिया आई उसने जता दिया कि 'मूड ऑफ द नेशन' क्या है. देश मन बना चुका है, देश तेजी से आगे बढ़ना चाहता है, देश अब समय नहीं गंवाना चाहता. देश के मन को बनाने में देश का युवा मन बहुत बड़ी भूमिका अदा कर रहा है. केंद्र सरकार ने विभिन्न सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम शुरू की हैं. ये देश में मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ाने का बेहतरीन अवसर है, राज्यों को इस स्कीम का पूरा लाभ लेते हुए अपने यहां ज़्यादा से ज़्यादा निवेश आकर्षित करना चाहिए. कॉरपोरेट टैक्स की दरें कम करने का लाभ भी राज्यों को उठाना चाहिए.

किसानों को गाइड करने की जरूरत

पीएम मोदी ने कहा, 'हमें कृषि प्रधान देश कहे जाने के बावजूद भी आज 65,000-70,000 करोड़ का खाद्य तेल हम बाहर से लाते हैं. हम ये बंद कर सकते हैं, हमारे किसानों के खाते में पैसा जा सकता है. इन पैसों का हकदार हमारा किसान है लेकिन इसके लिए हमें अपनी योजनाएं उस तरह से बनानी होंगी. हमने पिछले दिनों दालों में प्रयोग किया, उसमें सफलता मिली, दालों को बाहर से लाने में हमारा खर्चा काफी कम हुआ है. कई चीजें आसान से हमारी टेबल पर पहुंचने लगी हैं. ऐसी चीजों के उत्पादन में कोई मुश्किल नहीं है. इसके लिए किसानों को गाइड करने की जरूरत है.'

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बिजली के रेट पर वन नेशन वन रेट की मांग

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक में बिजली के रेट पर वन नेशन वन रेट की मांग की. उन्होंने कहा कि पूरे देश मे केंद्र सरकार बिजली की आपूर्ति करती है, ऐसे में सभी जगहों पर बिजली की दर समान हो, इसके लिए नीति बननी चाहिए.
 

अरविंद केजरीवाल क्या मुख्य बातें कहीं...

1. 70 साल में हमने मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान नहीं दिया. देश को मैन्युफैक्चरिंग पर युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत है.
2. मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भारत चीन को पीछे छोड़ सकता है. 
3. देश भर में बड़े स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग हब बनाए जाएं, जहां सस्ता माल बनाने के लिए सारी सुविधाएं और टैक्स में राहत दी जाए.
4. खासकर छोटे और मंझले उद्योगों को तवज्जो दी जाए. 
5. हमारे युवाओं के पास नए आइडिया हैं, भरपूर ऊर्जा है. उन्हें नए बिजनेस शुरू करने के लिए सभी सुविधाएं और कैपिटल दी जाए.

क्या है बैठक के एजेंडे में?

बैठक के एजेंडे में कृषि, बुनियादी ढांचे, विनिर्माण, मानव संसाधन विकास, जमीनी स्तर पर सेवा वितरण और स्वास्थ्य और पोषण पर विचार-विमर्श शामिल है. इस दौरान पिछली बैठक के एजेंडे पर उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की जाना है.

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नीति आयोग की इस बैठक में केंद्र सरकार बुनियादी ढांचे, निर्यात,स्वास्थ्य, शिक्षा समेत हाल में ही पेश किए गए आम बजट को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा करेगी. सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास संबंधी तमाम मु्द्दों पर चर्चा करेंगे.

नीति आयोग की इस बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की जानी है, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बैठक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. सूत्रों ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आज NITI आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे. वह अस्वस्थ हैं. उनकी जगह पर पंजाब के वित्त मंत्री बैठक में भाग लेंगे. राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल उनके स्थान पर बैठक में भाग लेंगे. 

वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भी नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने की बात कही जा रही है. एक समाचार एजेंसी के मुताबिक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भी बैठक शामिल नहीं होने की संभावना हैं. 

बता दें कि नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल नियमित रूप से बैठक करती है. यह सरकार की छठी बैठक होगी, जिसमें सरकार के शीर्ष थिंक टैंक हिस्सा लेंगे. नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल में सभी मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर, कई केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल होते हैं.

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नीति आयोग की छठी बैठक में पहली बार लद्दाख भी हिस्सा लेगा जिसमें केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर की भागीदारी भी शामिल है. इस बार, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुखों को भी इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है.


 

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