प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं. उन्होंने बुधवार को वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के 20 साल होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, भूकंप से पहले गुजरात अकाल की समस्या से जूझ रहा था. इसके बाद भूकंप आया, इसमें हजारों लोगों की मौत हो गई. लाखों लोग इससे प्रभावित हुए. अकाली और भूकंप के दौरान बैंक कोलॉप्स हो गया. इसके चलते गुजरात आर्थिक संकट में आ गया था.
पीएम मोदी ने कहा, उस समय में मैं पहली बार विधायक बना था. उस समय मेरे पास प्रशासन चलाने का अनुभव नहीं था. इसी दौरान गोधरा में हुई घटना के बाद गुजरात हिंसा की चपेट में आ गया. लेकिन मुझे गुजरात के लोगों पर अटूट भरोसा था. हालांकि, जो लोग एजेंडा लेकर चलते हैं, वो उस समय भी घटनाओं का अपने तरीके से एनालिसिस करने में लगे हुए थे. ये कहा गया कि गुजरात के युवा, उद्योग, व्यापारी सब पलायन कर जाएंगे, गुजरात बर्बाद हो जाएगा. दुनिया में गुजरात को बदनाम करने की साजिश रची गई. कहा गया गुजरात कभी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाएगा.
विदेशी निवेशकों को धमकाया जाता था- पीएम
पीएम मोदी ने कहा, UPA शासन में जो विदेशी निवेशक गुजरात समिट में हिस्सा लेने आते थे, उन्हें धमकाया जाता था. इसके बावजूद विदेशी निवेशकों ने आकर गुजरात में निवेश किया.
पीएम मोदी ने कहा, उस समय मैंने संकल्प लिया कि चाहें परिस्थितियां जैसी भी हों, गुजरात को इससे बाहर निकालकर ही रहूंगा. जब गुजरात के पुनर्निमाण की ही नहीं, बल्कि आगे की भी सोच रहे थे. तब हमने इसका माध्यम बनाया गुजरात वाइव्रेंट समिट को. गुजरात के फोकस एप्रोच को दुनिया को दिखाने का माध्यम बना.
पीएम मोदी ने कहा, गुजरात वाइब्रेंट के आइडिया की बात करूं तो यह ऐसा कॉन्सेप्ट था, जिसके बारे में कम लोगों ने ही सुना था. लेकिन इसकी सफलता के बाद दूसरे राज्यों ने भी अपने तरह के बिजनेस समिट का आयोजन करना शुरू कर दिया. हम उस समय कुछ बड़ा करने की सोच रहे थे, जैसा देश में कभी न हुआ हो. हमने एक देश को पार्टनर देश बनाने का फैसला किया. उस समय इस बारे में सोचना, कल्पना कीजिए क्या रहा होगा. आईडिया और इमेजिनेशन जितने भी अच्छे हों, इनके लिए बड़ी प्लानिंग हर डिटेल पर नजर और अथक परिश्रम की जरूरत होती है. मैंने पहले भी कहा है कि सेम ऑफिसर, सेम रिसॉर्सेस और सेम रेगुलेशन के साथ हमने कुछ ऐसा किया, जिसके बारे में कभी किसी ने कुछ सोचा नहीं था.
पीएम मोदी ने कहा , इस समिट की एक और पहचान नोट करने वाली है. आज ये वन टाइम इवेंट से एक इंस्टीट्यूट बन गया है. मुख्यमंत्री बदले, पुराने अधिकारी रिटायर हो गए, जो 2001 में पहली बार गुजरात आए थे, वे आज गुजरात संभाल रहे हैं, समय बदला लेकिन एक चीज नहीं बदली, हर बार गुजरात समिट नई ऊंचाई तक पहुंचता रहा.
प्रधानमंत्री ने कहा, जिस भावना के साथ हमने वाइब्रेंट समिट को आगे बढ़ाया, वैसा आमतौर पर कम देखने को मिलता है. अब इसके जरिए हम हर राज्य को फायदा पहुंचाना चाहता था. मैं दूसरे राज्यों के सीएम से कहता था कि आप भी आइए, अपना स्टाल लगाइए, फायदा उठाइए. हमने स्टेट समिट का आयोजन किया. उसमें कई राज्य आते थे. इसके अलावा गुजरात में आयुर्वेद का समिट, फॉर्मर्स का समिट और कई तरह के वर्टिकल हम लगातार बनाते जाते थे. हम गुजरात का विकास भी नेशनल विजन के साथ कर रहे थे.
पीएम ने कहा, गुजरात की पहचान ट्रेडर्स के रूप में होती थी. एक जगह से लेते थे, दूसरे जगह देते थे, जो दलाली मिलती थी, उससे हम अपना गुजारा करते थे. लेकिन बदलाव के बाद गुजरात एग्रीकल्चर स्टेट बना और मैन्युफैक्चरिंग हब बना.
पीएम मोदी ने कहा, आज भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है. आप अपने आंखों के सामने देखेंगे, भारत दुनिया की टॉप थ्री अर्थव्यवस्था में होगा. ये मोदी की गारंटी है. इसलिए मैं यहां मौजूद मेहमानों से, उद्योगजगत से अपील करना चाहता हूं, आप ऐसे सेक्टर के बारे में सोचिए, जहां भारत अपनी बेहतर स्थिति बना सकता हो. हमें ये भी सोचना है कि वाइब्रेंट गुजरात इस दिशा में कैसे काम कर सकता है.