प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘ओडिशा इतिहास’ नाम की किताब के हिन्दी वर्जन विमोचन किया. ये किताब ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री हरे कृष्ण महताब द्वारा लिखी गई थी. इस मौके पर पीएम मोदी ने हरे कृष्ण महताब की तारीफ की और उनसे जुड़े किस्से साझा किए.
पीएम मोदी ने कहा कि करीब डेढ़ वर्ष पहले हम सब ने ‘उत्कल केसरी’ हरेकृष्ण महताब जी की एक सौ बीसवीं जन्मजयंती मनाई थी. आज हम उनकी प्रसिद्ध किताब ‘ओडिशा इतिहास’ के हिन्दी संस्करण का लोकार्पण कर रहे हैं. ओडिशा का व्यापक और विविधताओं से भरा इतिहास देश के लोगों तक पहुंचे, ये बहुत आवश्यक है.
Launching Hindi version of ‘Odisha Itihaas.’ https://t.co/3nWAqOYMby
— Narendra Modi (@narendramodi) April 9, 2021
पीएम मोदी बोले कि महताब जी ने आज़ादी की लड़ाई में अपना जीवन समर्पित किया, उन्होंने जेल की सजा काटी थी. लेकिन महत्वपूर्ण ये रहा कि आज़ादी की लड़ाई के साथ-साथ वो समाज के लिए भी लड़े. ये बात आज के जनप्रतिनिधियों को हैरत में डाल सकती है कि जिस पार्टी से वो मुख्यमंत्री बने थे, आपातकाल में उसी पार्टी का विरोध करते हुए वो जेल गए थे. यानी वो ऐसे विरले नेता थे जो देश की आज़ादी के लिए भी जेल गए और देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए भी जेल गए थे.
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि इतिहास केवल अतीत का अध्याय ही नहीं होता, बल्कि भविष्य का आईना भी होता है. इसी विचार को सामने रखकर आज देश अमृत महोत्सव में आज़ादी के इतिहास को फिर से जीवंत कर रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि ओडिशा के हमारे आदिवासी समाज के योगदान को कौन भुला सकता है? हमारे आदिवासियों ने अपने शौर्य और देशप्रेम से कभी भी विदेशी हुकूमत को चैन से बैठने नहीं दिया. ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ आंदोलन के महान आदिवासी नायक लक्ष्मण नायक जी को हमे जरूर याद करना चाहिए.
पीएम ने कहा कि ओडिशा के अतीत को आप खंगालें, आप देखेंगे कि उसमें हमें ओडिशा के साथ साथ पूरे भारत की ऐतिहासिक सामर्थ्य के भी दर्शन होते हैं. इतिहास में लिखित ये सामर्थ्य वर्तमान और भविष्य की संभावनाओं से जुड़ा हुआ है, भविष्य के लिए हमारा पथप्रदर्शन करता है.