प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2022 तक देश के सभी बेघर परिवारों को पक्का आवास मुहैया कराने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अहम कदम उठाया है. इस दिशा में पीएम मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लाइट हाउस प्रोजेक्ट का उदघाटन किया. नए साल में यह प्रधानमंत्री मोदी का पहला कार्यक्रम है.
पीएम मोदी का ये कार्यक्रम शहरी भारत में लोगों को आवास मुहैया कराने में अहम साबित होंगे. इस प्रोजेक्ट के तहत केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड और तमिलनाडु में गरीब लोगों को सरकार सस्ते, भूकंप रोधी और मजबूत मकान मुहैया कराएगी.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा आज मध्यम वर्ग के लिए घर बनाने के लिए देश को नई तकनीक मिल रही है. ये 6 लाइट हाउस प्रोजेक्ट देश को आवास निर्माण की दिशा में राह दिखाएंगे. पीएम ने कहा कि ये को ऑपरेटिव फेडरलिज्म की मिसाल है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये लाइट हाउट प्रोजेक्ट आधुनिक तकनीक से बनेंगे. ये ज्यादा मजबूत होंगे और गरीबों को सुविधाजनक और आरामदायक घर मिलेगा.
पीएम ने कहा था कि एक समय था जब निर्माण सरकार की प्राथमिकता में नहीं था, लेकिन इसे बदला गया. पीएम ने कहा कि आवास निर्माण को भी स्टार्ट अप की तरह चुस्त दुरूस्त रहेंगे.
रोजाना बनेंगे ढाई से तीन घर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत देश के 6 शहरों में 365 दिनों में 1 हजार मकान बनेंगे. पीएम ने कहा कि इसका मतलब ये है कि रोजाना ढाई से तीन मकान बनेंगे. उन्होंने इंजीनियर, विद्यार्थियों और प्रोफेसरों से अपील की कि वे इन साइटों पर जाएं और इन प्रोजेक्ट का अध्ययन करें. पीएम ने इन सभी प्रोजेक्ट के लिए विदेशी तकनीक का सहारा लिया गया है, आप इसका अध्ययन करें और ये देखें कि क्या ये भारत के लिए सही है या फिर इसमें कुछ सुधार की गुंजाइश है.
पैसे देने पर भी नहीं मिलता था मकान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ साल पहले तक घर खरीदने वालों की बुरी हालत हुआ करती थी. घर के सपने को साकार करना मुश्किल काम था. पैसा दे देने पर भी मकान नहीं मिलता था. मकान खरीदने वाला पैसा चुका देता था और घर मिलने का इंतजार करता रहता था. मगर हमारी सरकार ने इस रवैये को बदल दिया है.
घर की चाभी दिमाग के द्वार खोल देती है
पीएम ने कहा कि घर की चाभी मिलना सिर्फ दरवाजा या दीवार का मालिकाना हक मिलना नहीं होता है. ये चाभी लोगों के विकास और उनकी प्रगति का द्वार खोल देती है. पीएम ने कहा कि ये घर की चाभी दिमाग के द्वार खोल देती है, इससे लोगों के सपनों को पंख लग जाता है. इससे व्यक्ति को अपने समाज में सम्मान मिलता है.
प्रवासी मजदूरों के लिए घर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लोगों ने प्रवासी मजदूरों की दुश्वारियां देखी, शहरों में कई बार उन्हें उचित सम्मान नहीं मिलता था, लेकिन जब ये श्रमिक अपने गांव चले गए तो इनके महत्व का पता चला. उन्होंने कहा कि सरकार अब इन मजबूरों के लिए वहीं पर घर बनाने जा रही है यहां पर ये काम करते थे. कोशिश की जा रही है कि जहां मजबूर काम करते हैं वहीं पर बनाकर इन्हें घर दिया जाए.
क्या है लाइट हाउस प्रोजेक्ट?
लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लिए जिन राज्यों को चुना गया है उनमें त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, झारखंड और गुजरात हैं. लाइट हाउस प्रोजेक्ट केंद्रीय शहरी मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत लोगों को स्थानीय जलवायु और इकोलॉजी का ध्यान रखते हुए टिकाऊ आवास प्रदान किए जाते हैं.
Chief Ministers of Uttar Pradesh, Madhya Pradesh, Gujarat, Tripura, Andhra Pradesh take part in foundation stone laying ceremony of Light House Projects (LHPs) under Global Housing Technology Challenge-India . https://t.co/DDuauu55NY pic.twitter.com/XqlwybtOWc
— ANI (@ANI) January 1, 2021
इस प्रोजेक्ट में खास तकनीक का इस्तेमाल कर सस्ते और मजबूत मकान बनाए जाते हैं. इस प्रोजेक्ट में फैक्टरी से ही बीम-कॉलम और पैनल तैयार कर घर बनाने के स्थान पर लाया जाता है, इसका फायदा ये होता है कि निर्माण की अवधि और लागत कम हो जाती है. इसलिए प्रोजेक्ट में खर्च कम आता है. इस प्रोजेक्ट के तहत बने मकान पूरी तरह से भूकंपरोधी होंगे.
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लाइट हाउस प्रोजेक्ट में तकनीक का सर्वोत्तम रूप दिखेगा, जिसका इस्तेमाल जनकल्याण के लिए किया जाता है. इस कार्यक्रम को त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, झारखंड और गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने भी संबोधित किया.