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ईंट-गारे की जरूरत नहीं, खिलौने जैसे जोड़े जाएंगे ब्लॉक, PM मोदी ने बताया कैसे होंगे न्यू इंडिया के घर

पीएम ने कहा कि इन घरों को बनाने में कम समय लगेगा. ये घर हवादार, आरामदायक और सुरक्षित होंगे. लखनऊ में बनने वाले घर में कनाडा की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, इसमें पहले से दीवारें बनी होंगी, इन दीवारों को प्लास्टर और पेंट करने की भी जरूरत नहीं है. अगरतला में स्टील फ्रेम में तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, इस तकनीक को न्यूजीलैंड से मंगाया गया है.

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पीएम नरेंद्र मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एक साल में 6 हजार घर का निर्माण
  • अमेरिका, जर्मनी, कनाडा से आई तकनीक
  • मिट्टी गारे की नहीं होगी जरूरत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल के पहले दिन 6 शहरों के लिए लाइट हाउस प्रोजेक्ट की शुरुआत की. इस प्रोजेक्ट के तहत देश के 6 शहरों में अगले एक साल में एक-एक हजार घर बनाएंगे जाएंगे. जर्मनी, अमेरिका, फिनलैंड, न्यूजीलैंड जैसे विकसित देशों के तकनीक से बनने वाले ये घर सस्ते, मजबूत भूकंपरोधी तो होंगे ही, इसके बनने में भी कम समय लगेगा. इन घरों के निर्माण खिलौने जैसे ब्लॉक को जोड़कर किया जाएगा, इसे बनाने के लिए दीवार में ईंट गारे का इस्तेमाल भी नहीं होगा. 

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365 दिन में बनेंगे 6 हजार मकान

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, झारखंड, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के सीएम की वर्चुअल मौजूदगी में पीएम मोदी ने इस परियोजना का उद्घाटन किया. प्रोजेक्ट के तहत एमपी के इंदौर, गुजरात के राजकोट, तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई, झारखंड की राजधानी रांची, त्रिपुरा की राजधानी अगरतला और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अगले साल तक एक-एक हजार घर बनाएंगे. इस तरह से मात्र एक साल में 6 हजार मकान बनाए जा सकेंगे.

पहले घर को लेकर भरोसा टूटता जा रहा था

पीएम ने कहा कि उनकी सरकार के 6 साल ने आम जनता में ये विश्वास भर दिया है कि उसके पास अब अपना घर हो सकता है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कभी आवासीय प्रोजेक्ट सरकार की प्राथमिकता में शामिल नहीं थे, लेकिन हमने इस कल्चर को बदल दिया.

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उन्होंने कहा कि पैसे देने के बावजूद पहले खरीदार अपने आशियाने के लिए इंतजार करता रहता था.  उसके पास कानूनी ताकत नहीं थी, घर खरीद पर बैंक लोन की दरें ऊंची थी. पीएम मोदी ने कहा कि शहर में रहने वाले गरीब हों या मध्यम वर्ग, इन सबका सबसे बड़ा सपना होता है, अपना घर. वो घर जिसमें उनकी खुशियां, सुख-दुख, बच्चों की परवरिश जुड़ी होती हैं. लेकिन बीते वर्षों में लोगों का अपने घर को लेकर भरोसा टूटता जा रहा था. हमारी सरकार ने इस धारणा को बदल दिया. 

ईंट और गारे की दीवारें नहीं

प्रधानमंत्री ने कहा ये प्रोजेक्ट आधुनिक तकनीक और इनोवेटिव प्रोसेस से बनेगा. इसमें कंस्ट्रक्शन का समय कम होगा और गरीबों के लिए ज्यादा सस्ते और कम्फ़र्टेबल घर तैयार होंगे. इन घरों की खासियत बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, "इंदौर में जो घर बन रहे हैं उनमें ईंट और गारे की दीवारे नहीं होंगी, बल्कि प्री फेबरिकेटेड सैंडविच पैनल सिस्टम इसमें इस्तेमाल किया जाएगा.

राजकोट में बनने वाले घर में टनल के जरिए मोनोलिथिक कंक्रीट का इस्तेमाल होगा, फ्रांस की इस तकनीकी से हमें गति मिलेगी और बनने वाला नया ज्यादा आपदा को झेलने में सक्षम होगा."

दीवारों को प्लास्टर और पेंट करने की जरूरत नहीं

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पीएम ने कहा कि इन घरों को बनाने में कम समय लगेगा. ये घर हवादार, आरामदायक और सुरक्षित होंगे. लखनऊ में बनने वाले घर में कनाडा की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, इसमें पहले से दीवारें बनी होंगी, इन दीवारों को प्लास्टर और पेंट करने की भी जरूरत नहीं है. अगरतला में स्टील फ्रेम में तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, इस तकनीक को न्यूजीलैंड से मंगाया गया है. इन घरों को भूकंप का कम से कम खतरा रहेगा. 

खिलौने जैसे जोड़कर बनाए जाएंगे घर

चेन्नई में अमेरिका और फिनलैंड की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. यहां पर प्री कास्ट कंक्रीट सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे घर तेजी से बनेगा और सस्ता भी होगा. रांची में जर्मनी के थ्री डी कंस्ट्रक्शन सिस्टम से घर बनाया जाएगा. इसमें हर कमरा अलग से बनेगा और फिर पूरे स्ट्रक्चर को वैसे ही जोड़ा जाएगा, जैसे लेगो ब्लॉक के खिलौने को जोड़ते हैं. 

पीएम निर्माण क्षेत्र के प्रोफेशनल से अपील की है कि वे अपने करियर का कुछ हिस्सा इन जगहों पर गुजारें और इन नई तकनीक से कुछ सीखें फिर इस तकनीक में भारत के माहौल के मुताबिक बदलाव का सुझाव दें.  
 

 

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