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पीएम मोदी ने 'गति शक्ति राष्ट्रीय मिशन' को किया लॉन्च, बोले - पहले वर्क इन प्रोग्रेस का बोर्ड अविश्वास का प्रतीक था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान' (Gati Shakti Master Plan) की शुरुआत की. इससे करीब 100 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास को गति मिलेगी.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पीएम मोदी ने गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को लॉन्च किया
  • पीएम ने कहा कि देश पहले की तुलना में तेजी से काम कर रहा है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 'प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान' (Gati Shakti Master Plan) की शुरुआत की. इससे करीब 100 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास को गति मिलेगी. पीएम मोदी स्वतंत्रता दिवस 2021 के मौके पर लाल किले से ही इस प्लान का ऐलान किया था. कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि सरकारी विभागों में तालमेल की कमी है, जिसे दूर करने की दिशा में काम होगा.

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सबसे पहले पीएम मोदी ने पहले प्रगति मैदान के नए कॉम्पलेक्स का उद्घाटन किया. इसमें चार हॉल बनकर तैयार हो चुके हैं. हॉल एसी युक्त हैं. इनको पूरी तरह से बदल दिया गया है. पार्किंग में 4800 कार पार्क करने की जगह है. बड़ी संख्या में लोग इन हॉल्स में बैठ सकते हैं. फिलहाल कुछ अंडरपास और टनल बन रही हैं, जिससे बाहर की सड़कों का ट्रैफिक कंट्रोल किया जा सकेगा.

मोदी बोले - मिशन भारत के विकास को गति देगा

'गति शक्ति राष्ट्रीय मिशन' को लॉन्च करने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि आज दुर्गाअष्टमी है. पूरे देश में आज कन्या पूजन हो रहा है. आज देश की प्रगति को शक्ति देने का शुभकार्य हो रहा है. यह 21वीं सदी के भारत के निर्माण को नई ऊर्जा देगा. उनके रास्ते की रुकावटों को दूर करेगा. भारत के विकास को गति देगा.

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मोदी ने कहा कि आज 21वीं सदी का भारत सरकारी व्यवस्थाओं की पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है. हमने ना सिर्फ़ परियोजनाओं को तय सीमा में पूरा करने का 'वर्क कल्चर' विकसित किया बल्कि आज समय से पहले परियोजनाएं पूरा करने का प्रयास हो रहा है.

वर्क इन प्रोग्रेस का बोर्ड अविश्वास का प्रतीक बन गया था - मोदी

टैक्स के पैसे को इस्तेमाल करते वक्त सरकार में भावना नहीं होती थी कि उसको बर्बाद ना होने दिया जाए. लोगों को भी लगने लगा कि ऐसा ही चलता रहेगा. हर जगह वर्क इन प्रोग्रेस लिखा दिखता था. लेकिन वह काम पूरा होगा या नहीं, समय पर होगा या नहीं. इसको लेकर कोई भरोसा नहीं था. वर्क इन प्रोग्रेस का बोर्ड अविश्वास का प्रतीक बन गया था.

पीएम बोले कि हमने देखा है कि कहीं सड़क बनती है. बनने के बाद पानी विभाग के लोग पाइपलाइन डालने के लिए उसे खोद डालते हैं. कहीं सड़क विभाग डायवर्जन बना देता है, ट्रैफिक पुलिस कहती है उससे जाम लग रहा है. ऐसे कई उदाहरण हैं. इनका समन्वय करने में दिक्कत आती थी. इससे बजट की भी बर्बादी होती है. सबसे बड़ा नुकसान है कि शक्ति जुड़ने की जगह शक्ति विभाजित हो जाती है. उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों के बीच आपसी तालमेल की कमी है.

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मोदी ने कहा कि अबतक कहीं पोर्ट होते थे तो उनको कनेक्ट करने वाले रेल-सड़क मार्ग नहीं होते थे. इससे एक्सपोर्ट, लॉजिस्टिक कॉस्ट बढ़ी. ये आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में रुकावट है. एक स्टडी के मुताबिक, भारत में लॉजिस्टिक कॉस्ट जीडीपी का करीब 13 फीसदी है. दुनिया के बड़े देशों में ऐसी स्थिति नहीं.

पिछली सरकारों की तुलना में तेजी से हो रहा काम - मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 70 वर्षों की तुलना में भारत स्पीड से काम कर रहा है. पहली नेचुरल गेस पाइपलाइन 1987 में कमीशन हुई थी. फिर साल 2014 तक 27 साल में देश में 15 हजार किलोमीटर नेचुरल गैस पाइपलाइन बनी. आज देशभर में 16 हजार किलोमीटर से ज्यादा गैस पाइपलाइन पर काम चल रहा है. जितना काम 27 वर्षों में हुआ. उससे ज्यादा काम हम उसके आधे समय में करने वाले हैं.

पीएम ने यह भी बताया कि आने वाले 4-5 साल में देश में 200 से ज्यादा नए एयरपोर्ट, हेलिपैड और वाटर एयरडोम बनने जा रहे हैं. देश के किसानों, मछुआरों की आय बढ़ाने पर काम चल रहा है. वह बोले कि अब काम की रफ्तार भारत की पहचान बन रहा है. जिससे देश को विश्वास है कि भारत तेजी से काम करत सकता है

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क्या है गति शक्ति- नेशनल मास्टर प्लान

प्रधानमंत्री गति शक्ति- नेशनल मास्टर प्लान (Gati Shakti Master Plan) औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ एयरपोर्ट, नई सड़कों और रेल योजनाओं सहित यातायात की व्यवस्था को दुरूस्त. नेशनल मास्टर प्लान से यह भी पता चलेगा कि कहां सड़क बनी है, कहां सड़क बनने की जरूरत है. इसके जरिए युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. 

इस डिजिटल मंच की मदद से विकास कार्यों को स्पीड देने की कोशिश होगी. इससे उद्योगों की कार्य क्षमता बढ़ाने में मदद होगी, स्थानीय विनिर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा. 

इसके तहत 16 मंत्रालयों और विभागों ने उन सभी परियोजनाओं को Geographic information system (GIS) मोड में डाल दिया है, जिन्हें 2024-25 तक पूरा किया जाना है.

विकास में इस तरह से आएगी तेजी 

  • गतिशक्ति योजना के द्वारा देश में UDAN के तहत रीजनल कनेक्ट‍िविटी में तेजी आएगी. साल 2024-25 तक एयरपोर्ट/हेलीपोर्ट/वाटरएयरोड्रम्स की संख्या बढ़कर 220 हो जाएगी. इसमें 109 नए एयरपोर्ट होंगे. इसके तहत देश में मौजूद 51 एयरस्ट्र‍िप के विकास का काम, 18 नए प्रोजेक्ट, 12 वाटर एयरोड्रम और 28 हेलीपोर्ट का निर्माण शामिल होगा. 
  •  इसी तरह साल 2024-25 तक NHAI के द्वारा संचालित राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार कर 2 लाख किमी लंबाई तक किया जाएगा. साल 2014 में यह सिर्फ 91,000 किमी था और इसी नवंबर यानी 2021 के अंत में यह 1.3 लाख किमी हो जाएगा. 
  • इससे डिफेंस उत्पादन में भी काफी तेजी आएगी. करीब 20,000 करोड़ रुपये के निवेश से उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में 2 डिफेंस कॉरिडोर बनाने की योजना है. इसकी वजह से भारत में करीब 1.7 लाख करोड़ रुपये के डिफेंस उत्पादों का उत्पादन होगा और इनका करीब 25 फीसदी हिस्सा निर्यात किया जाएगा. 
  • GATI SHAKTI योजना से साल 2024-25 तक देश में रेलवे की कार्गो हैंडलिंग क्षमता को मौजूदा 1200 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 1600 MT तक किया जाएगा. इससे दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में भी तेजी आएगी. 
  • इसी तरह सरकार की योजना साल 2024-25 तक देश में गैस पाइपलाइन नेटवर्क को दोगुना कर 34,500 किमी तक करने की है. साल 2027 तक हर राज्य को नेचुरल गैस पाइपलाइन से जोड़ने की सरकार की योजना में गति शक्ति की अहम भूमिका होगी. 
  • सरकार की योजना गंगा नदी में 29 MMT क्षमता का और अन्य नदियों में 95 MMT क्षमता का कार्गो ढुलाई करने की है. वाराणसी से असम में तिनसुख‍िया जिले के सादिया तक साल भर बड़ी नौकाएं (फेरी) चलने की शुरुआत की जाएगी. इसी तरह समुद्री बंदरगाहों से साल 2024-25 तक 1,759 एमएमटी प्रति साल की ढुलाई का लक्ष्य है. 
  • साल 2024 तक दूरसंचार विभाग द्वारा 35 लाख किमी का ऑप्ट‍िकल फाइबर नेटवर्क बिछाने का प्लान है. इसी तरह ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा ट्रांसमिशन नेटवर्क बढ़ाकर 4.52 लाख किमी सर्किट तक किया जाएगा. 
  • फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री द्वारा देश में करीब 200 मेगा फूड पार्क बनाने, फिश‍िंग क्लस्टर बढ़ाकर 202 तक करने, 15 लाख करोड़ के टर्नओवर वाले 38 इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर बनाने, 90 टेक्सटाइल क्लस्टर बनाने और 110 फार्मा एवं मेडिकल डिवाइस क्लस्टर बनाने का लक्ष्य है.        .             
  • मास्टर प्लान के तहत 4 इंडस्ट्रि‍यल नॉड बनाने का प्रस्ताव है. ऐसा एक इंडिस्ट्रियल नॉड यूपी के दादरी में, एक कर्नाटक के तुमुकुर में और महाराष्ट्र के शेंद्र बिडकिन में होगा. 
  • नेशनल इंडस्ट्र‍ियल कॉरिडोर  डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत देश भर में 2024-25 तक 11 इंडस्ट्रि‍यल कॉरिडोर बनाने की योजना है. 

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