प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव (PM Modi Lok Sabha speech) की चर्चा का जवाब दिया. पीएम मोदी ने रोजगार से लेकर महंगाई तक के मुद्दे पर अपनी बात रखी, साथ ही विपक्ष के कई आरोपों के जवाब भी दिए.
अगर कांग्रेस न होती...
पीएम मोदी ने संसद में कहा कि अगर महात्मा गांधी की इच्छानुसार कांग्रेस न होती तो क्या होता. मोदी ने कहा, ''अगर कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता, अगर कांग्रेस न होती तो भारत विदेशी चस्पे के बजाय स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता, अगर कांग्रेस न होती तो देश पर इमरजेंसी का कलंक नहीं होता, दशकों तक करप्शन को संस्थागत न बनाकर रखा होता, जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी नहीं होती, अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता, सालों-साल पंजाब आतंक की आग में न जलता, कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत न आती, बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं न होती, देश के सामान्य आदमी को मूल सुविधाओं के लिए इतने साल इंतजार न करना होता.''
गोवा के साथ कांग्रेस ने जुल्म किया
पीएम मोदी ने गोवा का उदाहरण देते हुए कांग्रेस को घेरा. मोदी ने कहा, ''सरदार पटेल से प्रेरणा लेकर गोवा के लिए रणनीति बनाई गई होती तो भारत की आजादी के 15 साल तक गोवा को गुलामी की जंजीरों में न रहना पड़ता. नेहरू अपनी छवि को लेकर चिंतित थे, और गोवा में जब सत्याग्रहियों पर गोलियां चल रही थीं, तब हमारे देश के प्रधानमंत्री ने कहा था कि मैं सेना नहीं भेजूंगा. गोवा के साथ कांग्रेस ने ये जुल्म किया.'' पीएम मोदी ने नेहरू के 15 अगस्त के भाषण का भी जिक्र किया.
लता मंगेशकर के भाई का किस्सा सुनाया
पीएम मोदी ने बोलने की आजादी पर भी कांग्रेस को घेरा. उन्होंने कहा, ''लता मंगेशकर के छोटे भाई पंडित हृदयनाथ को ऑल इंडिया रेडियो से निकाल दिया गया. उनका गुनाह ये था कि उन्होंने वीर सावरकर की एक देशभक्ति से भरी कविता की रेडियो पर प्रस्तुति कर दी थी. 8 दिन के अंदर उन्हें निकाल दिया गया था.'' ये उदाहरण देते हुए पीएम मोदी ने बोलने की आजादी को लेकर होने वाली आचोचना का जवाब दिया.
पार्टी का नाम बदल ले कांग्रेस-PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस को नेशन से भी समस्या है. पीएम ने कहा कि अगर ऐसा है तो आपकी पार्टी का नाम इंडियन नेशनल कांग्रेस क्यों है, अगर दिक्कत है तो पार्टी का नाम बदल लीजिए और फेडरेशन ऑफ कांग्रेस कर देना चाहिए.
मेरे ऊपर बहुत जुल्म हुए- मोदी
केंद्र और राज्यों को लेकर जवाब देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने अतीत की कई राजनीतिक घटनाएं गिनाईं और पलटवार किया. पीएम ने कहा कि जब राज्य प्रगित करते हैं तब देश की तरक्की होती है. इसके साथ ही उन्होंने अपने मुख्यमंत्री काल का भी जिक्र किया. मोदी ने कहा, ''मैं गुजरात में था, मुझ पर क्या-क्या जुल्म हुए दिल्ली की सरकार द्वारा, इतिहास गवाह है, क्या कुछ नहीं हुआ मेरे साथ, गुजरात के साथ क्या नहीं हुआ. लेकिन उस कालखंड में भी मैं एक ही बात कहता था कि देश के विकास के लिए गुजरात का विकास. दिल्ली में किसकी सरकार है ये सोचकर नहीं चलते थे.''
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने किसी को नहीं छोड़ा, अपने नेताओं तक को नहीं छोड़ा.
रोजगार पर क्या बोले पीएम
पीएम मोदी ने रोजगार पर बताया कि 2021 में एक करोड़ 20 लाख लोग EPFO से जुड़े हैं, ये सब फॉर्मल जॉब हैं. इनमें से भी 65 लाख 18-25 आयु के हैं यानी इन लोगों की पहली बार जॉब मार्केट में एंट्री हुई है. कोविड प्रतिबंध खुलने के बाद हायरिंग दोगुनी हो गई हैं.
महंगाई पर क्या बोले पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि अमेरिका 40 साल में सबसे ज्यादा महंगाई का दौर झेल रहा है, ब्रिटेन 30 साल की रिकॉर्ड महंगाई झेल रहा है, ऐसे माहौल में भी हमने महंगाई को एक लेवल पर रोकने का बहुत प्रयास किया है. 2014 से 2020 तक ये दर 4-5 प्रतिशत के पास थी और इसकी तुलना यूपीए दौर से करें तो पता चलेगा महंगाई क्या होती है. यूपीए के समय महंगाई डबल डिजिट छू रही थी.
इतिहास नहीं बदल रहे, मेमोरी तेज कर रहे हैं- मोदी
पीएम मोदी ने कहा, ''कांग्रेस अर्बन नक्सल के जंजाल में फंस गई है. उनके सोचने के तरीकों पर अर्बन नक्सलों ने कब्जा कर लिया है. और ये देश के लिए चिंता का विषय है. अर्बन नक्सल ने कांग्रेस की दुर्दशा का फायदा उठाकर ये किया है. हम इतिहास नहीं बदलना चाहते हैं, बस कुछ लोगों की मेमोरी बढ़ाना चाहते हैं.''
परिवारवाद को लेकर घेरा
पीएम मोदी ने कहा, ''सदन में कहा गया कि कांग्रेस ने भारत की बुनियाद डाली और भाजपा वालों ने झंडा गाड़ दिया. कुछ लोग यही मानते हैं कि हिंदुस्तान 1947 में पैदा हुआ, इसी सोच के कारण दिक्कत पैदा होती है और जिन लोगों को 50 साल काम करने का मौका मिला उन्होंने कुछ नहीं किया. 1975 में डेमोक्रेसी का गला घोंटने वालों को डेमोक्रेसी पर नहीं बोलना चाहिए. कांग्रेस ने डायनेस्टी के आगे सोचा ही नहीं है. भारत के लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा है, परिवारवादी पार्टियों का है, ये मानना पड़ेगा. पार्टी में भी जब कोई परिवार सर्वोपरि हो जाता है, तो सबसे पहली कैजुएल्टी टैलेंट की होती है.''
राज्यसभा में पीएम मोदी के भाषण की अन्य बातें
-पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि कोरोना एक वैश्विक महामारी है और पिछले 100 साल में मानव जाति ने इतना बड़ा संकट नहीं देखा है. अभी भी ये संकट नए-नए रूप लेकर आफतें लेकर आ रहा है. पूरी दुनिया इससे जूझ रही है. पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तारीफ करते हुए कहा कि आज पूरे विश्व में भारत के कामों की सराहना हो रही है.
- गरीब को राशन देने का काम किया. इस कोरोना काल में 80 करोड़ से भी अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन देकर दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है. गरीब लोगों को घर देने काम हमारी सरकार करती रही.
-कोरोना काल में पांच करोड़ गरीब परिवारों को नल से जल पहुंचाने का काम किया गया.
-किसानों ने कोरोना काल में बंपर पैदावार की और MSP पर रिकॉर्ड खरीदारी भी की गई.
-सरकार ने तय किया है कि 200 करोड़ तक के टेंडर बाहर के लोगों को नहीं दिए जाएंगे, जिससे देश के MSME सेक्टर को भी बड़ा फायदा मिलेगा.
कोरोना काल में इन दो क्षेत्रों पर विशेष फोकस
पीएम मोदी ने बताया कि कोरोना काल में MSME सेक्टर और खेती-किसानी पर सरकार ने विशेष फोकस किया. किसानों को ज्यादा MSP मिला, पैसा सीधा बैंक खातों में जमा हुआ. पंजाब के लोगों के मैंने कई वीडियो भी देखे, उन्होंने कहा कि हमारी मेहनत तो उतनी ही है, लेकिन खाते में इतना पैसा एक साथ आता है, ये पहली बार देखा है.
सोमवार को दिया था लोकसभा में बयान
लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर अहंकार का आरोप लगाया था. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का लोकसभा में जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस की आलोचना में एक कविता भी कही थी. मोदी ने कहा, ‘वो जब दिन को रात कहें, तो तुरंत मान जाएं, नहीं मानेंगे तो वो दिन में नकाब ओढ़ लेंगे. जरूरी हुआ तो वो हकीकत को थोड़ा बहुत मरोड़ देंगे, वो मगरूर हैं खुद की समझ पर बेइंतहा, इन्हें आईना मत दिखाओ, वो आईना को भी तोड़ देंगे.'
सोमवार को लोकसभा ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को सोमवार को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 31 जनवरी को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा दो फरवरी से शुरू हुई थी.
सोमवार को प्रधानमंत्री के जवाब के बाद सदन ने 13 सदस्यों की ओर से पेश संशोधनों को नामंजूर करते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.