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ट्रैक्टर जलाने पर मोदी का वार- जिसकी पूजा करता है किसान, विपक्ष ने उसे आग लगा दी

नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में कई योजनाओं की शुरुआत की. हरिद्वार और ऋषिकेश के आसपास आधा दर्जन STP का निर्माण किया गया है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PTI)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नमामि गंगे के तहत कई प्रोजेक्ट की शुरुआत
  • पीएम मोदी ने दी उत्तराखंड को कई सौगात

गंगा सफाई का अभियान मोदी सरकार के लिए शुरुआत से ही काफी अहम रहा है. आज इसी कड़ी में नया आयाम जुड़ने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 'नमामि गंगे मिशन' के तहत उत्तराखंड में छह मेगा परियोजनाओं का वीडियो कांफ्रेंसिंग से उद्घाटन किया. 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जल जीवन मिशन से हर घर तक शुद्ध जल पहुंचाया जाएगा. गंगा हमारी विरासत का प्रतीक है, गंगा देश की आधी आबादी को समृद्ध करती है. पहले भी गंगा की सफाई को लेकर बड़े अभियान चलाए, लेकिन उनमें जनभागीदारी नहीं थी. अगर वही तरीके अपनाते तो गंगा साफ ना होती. 

साफ पानी को लेकर पीएम ने कहा कि अब उत्तराखंड में एक रुपये में पानी का कनेक्शन मिल रहा है. मोदी बोले कि पहले दिल्ली में फैसले होते थे, लेकिन जल जीवन मिशन से अब गांव में ही फैसला हो रहा है. पीएम ने कहा कि विरोध करने वाले किसानों को आजाद नहीं होने देना चाहते हैं, किसान जिनकी पूजा करता है उसे ही आग लगाई जा रही है. पीएम मोदी ने कहा कि देश में MSP रहेगी और विपक्ष जो MSP पर दावा कर रहा है वो झूठा है. 

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पीएम मोदी बोले कि अब गंगा जल में गंदे पानी को गिरने से रोका जा रहा है. ये प्लांट भविष्य को देखते हुए बनाए गए, साथ ही गंगा के किनारे बसे सौ शहरों को खुले में शौच से मुक्त किया. गंगा के साथ सहायक नदियों को साफ किया जा रहा है. पीएम ने कहा कि नमामि गंगे के तहत 30 हजार करोड़ से अधिक योजनाओं का काम चल रहा है. 

 

पीएम ने कहा कि पहले उत्तराखंड में 130 नाले गंगा में गिरते थे, लेकिन अब इन्हें रोक दिया गया. प्रयागराज कुंभ में गंगा की सफाई लोगों ने सराहा और अब हरिद्वार कुंभ के लिए भी आगे प्रयास हो रहे हैं. मोदी बोले कि अब किसानों को जैविक खेती की ओर आकर्षित किया जा रहा है. साथ ही मैदानी इलाकों में मिशन डॉल्फिन से मदद मिलेगी. पीएम ने कहा कि पहले पैसा पानी की तरह बहता था, लेकिन सफाई नहीं होती थी. अब पैसा ना पानी में बहता है और ना पानी की तरह बहता है. 



इन परियोजनाओं में 68 मिलियन लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले एक नए अपशिष्ट जल शोधन संयंत्र (एसटीपी) का निर्माण, हरिद्वार के जगजीतपुर में स्थित 27 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी के अपग्रेडेशन और हरिद्वार के ही सराई में 18 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी का निर्माण शामिल है.

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जगजीतपुर का 68 एमएलडी क्षमता वाला एसटीपी, सार्वजनिक निजी भागीदारी से पूरी की गई पहली हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल वाली परियोजना है. ऋषिकेश में लक्कड़घाट पर 26 एमएलडी क्षमता वाले एक एसटीपी का भी उद्घाटन किया जाएगा.

उत्तराखंड में हरिद्वार-ऋषिकेश क्षेत्र से गंगा नदी में लगभग 80 प्रतिशत अपशिष्ट जल बहाया जाता है, ऐसे में यहां कई एसटीपी परियोजनाओं का निर्माण गंगा नदी को स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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