पश्चिम बंगाल में चुनावी अभियान शुरू हो चुका है और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ममता बनर्जी की सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस को हराने की कोशिशों में लगी हुई है. चुनावी बिगुल बजने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल में 20 चुनावी जनसभाओं और पड़ोसी राज्य असम में छह रैलियों को संबोधित करेंगे.
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी ने इन रैलियों की योजना इस तरह से बनाई है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी जनसभाओं के जरिए इन दो चुनावी राज्यों को ज्यादा से ज्यादा कवर कर सकें.
समाचार एजेंसी एएनआई का कहना है कि दोनों राज्यों में स्थानीय बीजेपी नेताओं की भारी मांग के बाद रैलियों की संख्या तय की गई है. पश्चिम बंगाल के अलावा असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं.
हालांकि, इस समय बीजेपी का सबसे ज्यादा ध्यान पश्चिम बंगाल पर है. यह ऐसा राज्य है जहां पर बीजेपी ने पिछले 5 सालों में ताबड़तोड़ प्रयासों के दम पर खासी पकड़ बना ली है और आज पार्टी ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरी है.
दूसरी ओर, पड़ोसी राज्य असम में विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वह यहां पर पिछले पांच सालों से सत्ता में है.
जबकि दो शेष राज्यों (केरल और तमिलनाडु) और पुडुचेरी में बीजेपी बड़ी खिलाड़ी के रूप में नहीं आंकी जा रही है.
पीएम नरेंद्र मोदी 7 मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड में पश्चिम बंगाल में अपनी पहली चुनावी रैली को संबोधित करेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी के अलावा बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और स्मृति ईरानी जैसे कई बड़े नेता पश्चिम बंगाल में चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव आठ चरणों में होंगे. पहले चरण का मतदान 27 मार्च को और अंतिम चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा. जबकि असम में 27 मार्च से शुरू होने वाले 3 चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे जबकि 6 अप्रैल को अंतिम दौर का मतदान होगा. देश के 4 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेशों में हुए मतदान की मतगणना 2 मई को होगी.