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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोविड संकट पर मुख्यमंत्रियों से बात करते हुए विपक्षी मुख्यमंत्रियों पर महंगाई बम फोड़ दिया. मोदी ने कुछ राज्यों का नाम लेकर खुले तौर पर कहा कि उन्होंने वैट नहीं घटाया जिसकी वजह से उन राज्यों में पेट्रोल-डीजल के दाम उनके पड़ोसी राज्यों की तुलना में ज्यादा हैं. जिन राज्यों का पीएम ने नाम लिया उनमें कोई भी बीजेपी शासित नहीं है.
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाई थी और राज्यों से वैट कम करने को कहा था. लेकिन कई राज्यों ने ऐसा नहीं किया. मोदी बोले, 'मैं किसी की आलोचना नहीं कर रहा हूं. बल्कि आपके राज्य के लोगों की भलाई के लिए प्रार्थना कर रहा हूं.'
पीएम मोदी ने लिया इन राज्यों का नाम
मोदी ने आगे महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड, तमिलनाडु का नाम लेकर कहा कि इन्होंने किसी न किसी वजह से केंद्र सरकार की बातों को नहीं माना मतलब वैट नहीं घटाया, जिसकी सीधा बोझ आम लोगों पर पड़ता रहा. मोदी ने यह भी कहा कि कुछ राज्यों ने वैट नहीं घटाया जिसका नुकसान उन पड़ोसी राज्यों को हुआ जिन्होंने पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाया.
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मोदी ने कुछ उदाहरण भी गिनाए. वह बोले कि चेन्नई में पेट्रोल 111 रुपये, जयपुर में 118 से भी ज्यादा, हैदराबाद में 119 से ज्यादा, कोलकाता में 115 से ज्यादा और मुंबई में 120 से ज्यादा है. ये उन राज्यों के शहर हैं जिन्होंने वैट में कटौती नहीं की.
#WATCH | Centre reduced the excise duty on fuel prices last November and also requested states to reduce tax. I am not criticizing anyone but request Maharashtra, West Bengal, Telangana, Andhra Pradesh, Kerala, Jharkhand, TN to reduce VAT now and give benefits to people: PM Modi pic.twitter.com/IPIuOJyTGK
— ANI (@ANI) April 27, 2022
मोदी ने आगे कहा कि वहीं जिन्होंने कटौती की उनकी बात करें तो मुंबई के ही बगल में दमन-दीव में पेट्रोल के दाम 102 रुपये है. इसी तरह कोलकाता में 115 वहीं लखनऊ में 105, हैदराबाद में 119 तो जम्मू में 106, जयपुर में 118 वहीं गुवाहाटी में 105 रुपये पेट्रोल की कीमत है.
मोदी ने इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि मेरी प्रार्थना है कि नंवबर में जो करना था, अब वैट कम करके आप नागरिकों को इसका लाभ पहुंचाएं. मोदी बोले, 'आग्रह करता हूं कि 6 महीने में जो रेवेन्यू बढ़ा, वह राज्य के काम आएगा. लेकिन अब पूरे देश का सहयोग करें.'
मोदी ने आगे फर्टिलाइजर (खाद) का भी जिक्र किया. वह बोले कि को वैश्विक संकट के समय में दिक्कतें बढ़ गई हैं क्योंकि खाद के लिए भारत दूसरे देशों पर निर्भर है. मोदी ने कहा कि सरकार किसानों पर बोझ ट्रांसफर नहीं करना चाहती इसलिए कई गुना सब्सिडी बढ़ रही है. ऐसे में राज्य सरकारें भी अपनी तरफ से संभव प्रयास करें.
विपक्षी राज्यों ने कैसे कमाया राजस्व
किस तरह वैट न घटा कर विपक्ष के शासन वाले राज्यों ने पिछले साल नवंबर से लेकर अब तक राजस्व कमाया है उसका डेटा भी सामने आया है. इसके मुताबिक वैट में कटौती न करने से इन राज्यों को पिछले छह महीने में पेट्रोल पर 4772 और डीजल पर 7669 करोड़ रुपए का राजस्व मिला जो कि कुल मिला कर 12,441 करोड़ रुपए बनता है.
इनमें सबसे अधिक महाराष्ट्र को 3472 करोड़ रुपए मिले. तमिलनाडु को 2924, पश्चिम बंगाल को 1343, आंध्र प्रदेश को 1371, तेलंगाना को 1302, केरल को 1187, झारखंड को 664, दिल्ली को 173 और लक्षद्वीप को पांच करोड़ रुपए का राजस्व मिला. दिल्ली ने पेट्रोल पर वैट कम कर दिया था लेकिन डीजल पर नहीं किया था.
दूसरी तरफ बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के शासन वाले राज्यों ने पिछले साल नवंबर में केंद्र के एक्साइज में कटौती के साथ ही वैट में कटौती कर दी थी. इससे उन्हें 16 हजार करोड़ से अधिक रुपए की राजस्व हानि हुई.
हालांकि उस समय कांग्रेस के शासन वाले राजस्थान और पंजाब तथा बीजेडी के शासन वाले ओडीशा ने भी वैट में कमी की थी. बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल नवंबर में पेट्रोल पर पांच रुपए और डीजल पर दस रुपए एक्साइज की कटौती की थी.