प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. पीएम ने बताया कि हमारे स्वच्छता अभियान का बहुत मजाक बनाया गया, जैसे कि हमने कोई पाप, कोई गलती कर दी हो. उन्होंने बताया कि लेकिन इस सफाई की वजह से सिर्फ सरकारी दफ्तरों से कबाड़ बेचकर सरकार ने 2300 करोड़ रुपये जुटाए हैं. पीएम ने महात्मा गांधी के एक कथन का भी उदाहरण दिया.
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि महात्मा गांधी कहते थे कि हम ट्रस्टी हैं. ये संपत्ति जनता की है और इसलिए हम पाई-पाई को इसी ट्रस्टीशिप के सिद्धांत के आधार पर बचाने की कोशिश करते हैं. यही वजह है कि हमने कबाड़ बेचकर सरकार के खजाने में 2300 करोड़ रुपये जुटाए हैं.
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हमने इथेनॉल की ब्रांडिंग की और इससे एक लाख करोड़ का फर्क पड़ा!
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि हम जानते हैं कि हम एनर्जी इंडिपेंडेंट नहीं हैं और हमें बाहर से लाना पड़ता है, हमने इथेनॉल की ब्रांडिंग की. सिर्फ इस कदम से एक लाख करोड़ रुपये का फर्क पड़ा है. यह करीब एक लाख करोड़ रुपये किसानों की जेब में गए हैं.
पहले अखबारों में होते थे भ्रष्टाचार के हेडलाइन्स!
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं बचत की तो बात कर रहा हूं, लेकिन पहले अखबारों की हेडलाइन हुआ करती थी कि इतने लाख के घोटाले, इतने लाख के घोटाले. दस साल हो गए ये घोटाले न करके, घोटाले न होने से भी देश के लाखों करोड़ रुपये बचे हैं, जो जनता की सेवा में लगे हैं.
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हमने बचत करके शीशमहल नहीं बनवाए!
पीएम मोदी ने आगे बताया कि हमने जो अलग-अलग कदम उठाए उससे लाखों करोड़ रुपये की बचत हुई है और उस पैसे का इस्तेमाल हमने शीशमहल बनाने के लिए नहीं किया. इसका इस्तेमाल हमने देश बनाने के लिए किया है.