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BJP शासित राज्यों में विपक्षी राज्यों की तुलना में कितना सस्ता-महंगा है पेट्रोल-डीजल?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र की ओर से पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने के बावजूद कई राज्यों ने वैट नहीं घटाया, जिससे उन राज्यों में तेल की कीमतें बढ़ रही हैं. पीएम मोदी ने इस दौरान महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, झारखंड और केरल का नाम लिया.

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देश के लगभग सभी राज्यों में पेट्रोल की कीमत 100 का आंकड़ा पार कर चुकी है. (फाइल फोटो-PTI)
देश के लगभग सभी राज्यों में पेट्रोल की कीमत 100 का आंकड़ा पार कर चुकी है. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मुंबई में पेट्रोल की कीमत 120 रुपये से ज्यादा
  • बीजेपी शासित राज्यों में भी पेट्रोल 100 के पार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. इस बैठक में उन्होंने पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की बढ़ती कीमतों (Price Hike) का भी जिक्र किया और गेंद विपक्षी मुख्यमंत्रियों के पाले में डाल दी. उन्होंने कहा कि पिछले साल नवंबर में केंद्र ने एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) घटाकर आम जनता को राहत दी थी. गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों ने वैट कम करके और राहत दी, लेकिन फिर भी कुछ राज्यों ने वैट (VAT) नहीं घटाया, जिसका भार आम जनता पर पड़ा.

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प्रधानमंत्री मोदी ने जिन राज्यों का नाम लिया, उनमें महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और झारखंड का नाम लिया. इन सभी राज्यों में विपक्षी पार्टियों की सरकार है. जाहिर है कि इन प्रदेशों की सरकार पर अब वैट घटाने का दबाव है ताकि यहां पेट्रोल-डीजल की कीमतें कर हो सकें. 

aajtak.in ने उन सभी राज्यों की राजधानियों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें निकालीं. साथ ही उन राज्यों की भी जहां बीजेपी की सरकार है और जिन्होंने अपने यहां वैट में कटौती की थी.

जो तथ्य सामने आए उनके मुताबिक अलग-अलग जगहों पर आज के रेट के हिसाब से गैर बीजेपी शासित राज्यों में पेट्रोल की कीमत 108 से लेकर 121 रुपये तक तथा डीजल की कीमत 99 से लेकर 105 रुपये तक है. जबकि, बीजेपी शासित राज्यों में पेट्रोल की कीमत 108 से लेकर 118 रुपये और डीजल की कीमत 91 से लेकर 101 रुपये प्रति लीटर तक है.

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दरअसल, पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये एक्साइज ड्यूटी घटाई थी. इसके बाद कई राज्यों ने वैट को भी घटा दिया. अभी एक लीटर पेट्रोल पर 27.90 रुपये और डीजल पर 21.80 रुपये एक्साइज ड्यूटी लगती है. केंद्र की तरह ही राज्य सरकारें भी पेट्रोल-डीजल पर वैट, सेल्स और अलग-अलग तरह के टैक्स वसूलती हैं. 

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वैट घटाने और नहीं घटाने से क्या फर्क आया?

केंद्र की ओर से एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद कई राज्यों ने वैट में कटौती की थी. सरकार ने आज कुछ आंकड़े दिए हैं, जिसमें बताया है कि वैट घटाने और नहीं घटाने से राज्यों की कमाई में क्या फर्क आया है?

सरकार की ओर से जो आंकड़े दिए गए हैं, उसके मुताबिक वैट घटाने से 6 महीने में कर्नाटक को 5,314 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. इसी तरह गुजरात को 3,555 करोड़, यूपी को 2,806 करोड़, राजस्थान को 2,415 करोड़, मध्य प्रदेश को 2,114 करोड़, पंजाब को 1,949 करोड़, ओडिशा को 1,154 करोड़, हरियाणा को 973 करोड़, असम को 789 करोड़, बिहार को 700 करोड़ और जम्मू-कश्मीर को 506 करोड़ का नुकसान हुआ है.

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वहीं, वैट नहीं घटाने से महाराष्ट्र को 3,472 करोड़, दिल्ली को 173 करोड़, पश्चिम बंगाल को 1,343 करोड़, तमिलनाडु को 2,924 करोड़, तेलंगाना को 1,302 करोड़, आंध्र प्रदेश को 1,371 करोड़, केरल को 1,187 करोड़, झारखंड को 664 करोड़ और लक्षद्वीप को 5 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई हुई है.

 

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