प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार सुबह केरल पहुंचे. उन्होंने वायनाड में भूस्खलन प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया, राहत और पुनर्वास प्रयासों की समीक्षा की और उस अस्पताल का दौरा किया जहां घायलों का इलाज किया जा रहा है. गत 30 जुलाई को हुए भूस्खलन में केरल के इस पहाड़ी जिले में 400 से अधिक लोग मारे गए हैं और सैकडों लोग घायल हुए हैं. वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और प्रभावित लोगों के लिए मुआवजा बढ़ाने की विपक्ष की मांग के बीच पीएम मोदी यहां पहुंचे थे.
हवाई सर्वेक्षण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी मौजूद थे. पीएम मोदी का आज दोपहर भूस्खलन से प्रभावित गांवों का जमीनी दौरा करने का भी कार्यक्रम है. यहां वह वर्तमान में चल रहे इवैकुएशन ऑपरेशन के संबंध में रेस्क्यू टीमों से जानकारी प्राप्त करेंगे. इसके बाद प्रधानमंत्री उन राहत शिविरों में जाएंगे, जहां भूस्खलन से प्रभावित लोग वर्तमान में रह रहे हैं. पीएम प्रभावित लोगों से बातचीत करेंगे और उनकी परेशानियों के बारे में जानेंगे.
वह अस्पताल का दौरा करेंगे और भूस्खलन में घायल उन लोगों से मुलाकात करेंगे, जिनका इलाज चल रहा है. बाद में प्रधानमंत्री एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे जहां उन्हें इस प्राकृतिक आपदा और चल रहे राहत प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी. इससे पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता और वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने घातक भूस्खलन के बाद क्षेत्र का दौरा करने का निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि अपने दौरे के बाद प्रधानमंत्री वायनाड भूस्खलन को 'राष्ट्रीय आपदा' घोषित करेंगे.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी के वायनाड आने की घोषणा की थी. उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार इसे राष्ट्रीय और गंभीर आपदा घोषित करेगी. 30 जुलाई को वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ, जिससे व्यापक तबाही हुई. भूस्खलन में 400 से अधिक लोगों की जान चली गई, जबकि 150 लोग अब भी लापता हैं. सीएम ने कहा कि मौत के अंतिम आंकड़ों की पुष्टि बरामद शवों के डीएनए टेस्ट के बाद हो पाएगी.