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क्षेत्रीय भाषाओं में भी आदेश उपलब्ध कराएगा सुप्रीम कोर्ट, PM मोदी ने की तारीफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की कॉपी क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराए जाने की तैयारी पर खुशी जाहिर की है. पीएम ने रविवार को चीफ जस्टिस (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के बयान की सराहना की. PM ने कहा- भारत में कई भाषाएं हैं, जो हमारी सांस्कृतिक जीवंतता को जोड़ती हैं. केंद्र सरकार भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रयास कर रही है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट जल्द ही अपने जजमेंट की कॉपी क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है. इस संबंध में खुद चीफ जस्टिस (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में जानकारी दी है. उनके इस फैसले का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वागत किया है. PM मोदी ने रविवार को CJI के भाषण का एक वीडियो ट्वीट किया और कहा- ये एक प्रशंसनीय सोच है और इससे खासकर युवाओं को मदद मिलेगी.

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पीएम मोदी ने ट्वीट किया- 'हाल ही में एक समारोह में माननीय CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने क्षेत्रीय भाषाओं में SC के फैसलों को उपलब्ध कराने की दिशा में काम करने की बात कही है. उन्होंने इसके लिए तकनीक के उपयोग का भी सुझाव दिया है. यह एक प्रशंसनीय सोच है, जिससे कई लोगों, खासकर युवाओं की मदद मिलेगी. 

पीएम मोदी भी दे रहे हैं क्षेत्रीय भाषाओं पर जोर

बता दें कि मुंबई में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड ने हिस्सा लिया और यहां कार्यक्रम को संबोधित किया था. पीएम ने सीजेआई के भाषण की क्लिप को ट्विटर पर शेयर किया है. बताते चलें कि इससे पहले प्रधानमंत्री खुद कई मौकों पर कोर्ट के फैसले क्षेत्रीय भाषाओं में दिए जाने के सुझाव दे चुके हैं. पीएम का कहना था कि जजमेंट को क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराए जाने से आम आदमी को ज्यादा सुलभता होगी और वो निर्णय को आसानी से समझ सकेंगे. 

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'सांस्कृतिक जीवंतता को बढ़ाती हैं भाषाएं'

मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा- भारत में कई भाषाएं हैं, जो हमारी सांस्कृतिक जीवंतता को बढ़ाती हैं. केंद्र सरकार भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रयास कर रही है, जिसमें इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे विषयों को अपनी मातृभाषा में पढ़ने का विकल्प शामिल है.

मुंबई में CJI चंद्रचूड़ ने क्या कहा...

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को मुंबई में कहा कि हमारा अगला लक्ष्य है कि सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट की कॉपी को भारत की प्रत्येक क्षेत्रीय भाषाओं में ट्रांसलेट करके दिया जाए. इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग करने का संकेत दिया है. उन्होंने इस काम में टेक्नोलॉजी की मदद लेने की बात कही है. इससे पहले सितंबर 2022 में CJI चंद्रचूड़ के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी संविधान पीठ की सुनवाई को लाइव-स्ट्रीम करना शुरू किया था.

सीजेआई चंद्रचूड़ ने लाइव-स्ट्रीमिंग के फायदे का भी जिक्र किया और कहा- कानून के शिक्षक और छात्र अदालत के समक्ष लाइव मुद्दों को देख और चर्चा कर सकते हैं. तब आपको एहसास होता है कि जब आप लाइव मुद्दों पर चर्चा करते हैं. CJI ने कहा- हमारे पास लाइव स्ट्रीमिंग होनी चाहिए. टेक्नोलॉजी के महत्व पर जोर देते हुए सीजेआई ने कहा कि हमारा मिशन उन लोगों तक पहुंचना है जिनके पास पहुंच नहीं है. पहुंच में और अंतर पैदा नहीं करना है. विचार वकीलों को मुफ्त में जानकारी उपलब्ध कराने का है. लेकिन तब अंग्रेजी की बारीकियां ग्रामीण वकीलों की मदद नहीं करेंगी, इसलिए विचार सभी के लिए जानकारी को सुलभ बनाना है. 

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सीजेआई ने कहा कि उन्होंने मद्रास के एक प्रोफेसर से मुलाकात की जो एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) में काम करते हैं. अगला कदम सभी भारतीय भाषाओं में निर्णयों की अनुवादित प्रतियां देना है. CJI ने युवा वकीलों से कहा- हमें सिस्टम में जो कुछ भी गलत है, उसकी खामियों को ढंकने की जरूरत नहीं है. हमें कोशिश करनी चाहिए और इसकी मरम्मत करनी चाहिए. मैं आपके लिए कामना करूंगा कि आप ऊंची उड़ान भरें. आप अपने सपनों को साकार करें.

उन्होंने 20वीं सदी के प्रसिद्ध कवि अल्लामा इकबाल की एक लाइन सुनाकर संबोधन का समापन किया. कहा- 'सितारों के आगे जहां और भी है, अभी इश्क के इम्तिहान और भी हैं, तू शाहीन है परवाज है, काम तेरा भी आसमान है.'

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