प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट के जरिए भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक जहाज 'विक्रांत' को 'मेक इन इंडिया' का बेहतरीन नमूना बताया और इसके समुद्री परीक्षण की 'ऐतिहासिक' उपलब्धि पर भारतीय नौसेना को बधाई दी.
विमानवाहक जहाज 'विक्रांत' का समुद्र में बहुप्रतीक्षित परीक्षण बुधवार को शुरू हो गया. यह देश में निर्मित सबसे बड़ा और विशालकाय युद्धपोत है.
प्रधानमंत्री ने बुधवार को अपने एक ट्वीट में कहा, 'भारतीय नौसेना द्वारा डिजायन किए गए और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित स्वदेशी विमानवाहक जहाज 'विक्रांत' ने आज अपना पहला समुद्री परीक्षण आरंभ किया. यह 'मेक इन इंडिया' का नायाब नमूना है. भारतीय नौसेना और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई.'
The Indigenous Aircraft Carrier 'Vikrant', designed by Indian Navy's Design Team and built by @cslcochin, undertook its maiden sea sortie today. A wonderful example of @makeinindia. Congratulations to @indiannavy and @cslcochin on this historic milestone. pic.twitter.com/AjnafkxOaT
— Narendra Modi (@narendramodi) August 4, 2021
विक्रांत का वजन 40,000 टन
विक्रांत को इसके विमानन परीक्षण पूरे करने के बाद, अगले साल की दूसरी छमाही में भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है. इसे करीब 23,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है.
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स्वदेश निर्मित विमानवाहक जहाज विक्रांत का कुल वजन 40,000 टन है और इसका पहली बार समुद्र में परीक्षण हो रहा है. यह विमानवाहक जहाज करीब 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है और इसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने निर्मित किया है. इसी नाम के एक जहाज ने 50 साल पहले 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभायी थी.
इससे पहले परीक्षण शुरू होने पर भारतीय नौसेना ने इस अवसर को देश के लिए 'गौरवान्वित करने वाला और ऐतिहासिक' दिन बताया और कहा कि इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शुमार हो गया है, जिसके पास स्वदेश में डिजाइन करने, निर्माण करने और अत्याधुनिक विमानवाहक जहाज तैयार करने की विशिष्ट क्षमता है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जून महीने में विक्रांत के निर्माण की समीक्षा की थी. इस जहाज पर 30 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं.