प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 'समुद्री सुरक्षा बढ़ाने- अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक मामला' पर हाई लेवल ओपन डिबेट की अध्यक्षता करेंगे. यह डिबेट शाम साढ़े पांच बजे होगी. बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के कई राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों आदि के भाग लेने की उम्मीद है. ओपन डिबेट में इस बात पर फोकस होगा कि कैसे समुद्री अपराध और असुरक्षा का प्रभावी ढंग से मुकाबला और समुद्री क्षेत्र में समन्वय को मजबूत किया जा सकता है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने समुद्री सुरक्षा और समुद्री अपराध के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की है और प्रस्तावों को पारित किया है. हालांकि, यह पहली बार होगा जब इस तरह की हाई लेवल ओपन डिबेट में एक विशेष एजेंडे के रूप में समुद्री सुरक्षा पर समग्र रूप से चर्चा की जाएगी. यह देखते हुए कि कोई भी देश अकेले समुद्री सुरक्षा के विविध पहलुओं को संबोधित नहीं कर सकता है, इस विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में समग्र रूप से विचार करना काफी महत्वपूर्ण है.
मालूम हो कि सिंधु घाटी सभ्यता के समय से ही महासागरों ने भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2015 में सागर (SAGAR) के विजन को सामने रखा था. सागर का अर्थ सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन है. इस विजन का फोकस महासागर के लगातार इस्तेमाल के लिए सहकारी उपाय, सुरक्षा और स्थिर समुद्री क्षेत्र के लिए एक रूपरेखा प्रदान करने पर है.
वहीं, साल 2019 में, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में, समुद्री पारिस्थिति सहित समुद्री सुरक्षा के सात स्तंभों पर ध्यान देने के साथ इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव के जरिए से इस पहल को और विस्तृत किया गया था. वहीं, नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओपन डिबेट की अध्यक्षता करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे. कार्यक्रम का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की वेबसाइट पर सीधा प्रसारण किया जाएगा.