करोड़ों रुपये के पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी और हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul choksi) ने मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट में अर्जी डालते हुए कहा है कि वह कुछ ऐसी वजहों भारत नहीं लौट पाया है, जो उसके नियंत्रण से बाहर हैं. इसलिए उसे 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी (FEO)' नहीं घोषित किया जा सकता है. मेहुल चोकसी ने अपने वकील विजय अग्रवाल के जरिए एक आवेदन दायर कर अदालत से कुछ प्रासंगिक दस्तावेज की मांग की थी.
मेहुल द्वारा मांगे गए दस्तावेज मुंबई के पासपोर्ट कार्यालय से हैं. चोकसी के मुताबिक इन दस्तावेजों से पता चलेगा कि पासपोर्ट को 'भारत के लिए सुरक्षा खतरे' के कारण निलंबित क्यों किया गया है और चोकसी किस वजह से भारत नहीं लौट सका है. यह उसके नियंत्रण से बाहर है और इसलिए, धारा 2(एफ) (ii) के प्रावधान विदेश में होने की वजह से आपराधिक मुकदमे का सामना करने के लिए भारत लौटने से इनकार करते हैं.
क्या कहता है कानून?
भगोड़ा अपराधी अधिनियम की धारा 2(एफ)(ii) के मुताबिक केवल ऐसे व्यक्ति को ही ऐसे अधिनियम के तहत अपराधी घोषित किया जाना चाहिए, यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ अनुसूचित अपराध के संबंध में किसी भारतीय न्यायलय द्वारा गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया हो और वह विदेश में रहते हुए आपराधिक मुकदमे का सामना करने के लिए भारत लौटने से इंकार कर देता हो.
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भारत ना लौटने पर चोकसी का दावा...
चोकसी ने दावा किया कि उसने आपराधिक मुकदमे से बचने के लिए भारत नहीं छोड़ा और न ही वह देश लौटने से इनकार कर रहा है. 22 फरवरी, 2018 को पेश होने के लिए भेजे गए समन के जवाब में चोकसी ने कहा है कि वह भारत लौटने में असमर्थ है क्योंकि उसका पासपोर्ट भारतीय अधिकारियों द्वारा निलंबित कर दिया गया है.
मेहुल के वकील विजय अग्रवाल ने पासपोर्ट कार्यालय द्वारा भेजा गया मेल भी अटैच किया है, जिसमें 2018 में उसे सूचित किया गया था कि उसका पासपोर्ट निलंबित किया जा रहा है और इसका कारण 'भारत के लिए सुरक्षा खतरा' बताया गया था.
विजय अग्रवाल ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में प्रवर्तन निदेशालय का यह रुख कि आवेदक भारत नहीं लौट रहा है, सही नहीं है क्योंकि जब आवेदक का पासपोर्ट निलंबित कर दिया गया है, तो उससे भारत लौटने की उम्मीद नहीं की जा सकती है. इसलिए, मौजूदा मामले के फैसले के लिए यह जरूरी है कि वजह और दस्तावेजों को रिकॉर्ड पर लाया जाए, जो चोकसी के पासपोर्ट के निलंबन को दर्शाता है.
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'इलाज के लिए विदेश...'
चोकसी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के जांच अधिकारी से जांच की डीटेल्स भी मांगी है, जिससे अगर उनके द्वारा कोई सबूत इकट्ठा किया गया हो, तो उसे रिकॉर्ड पर लाया जा सके कि चोकसी को पता था कि कथित बैंक धोखाधड़ी का खुलासा हो रहा है और इसलिए जांच से बचने के लिए देश छोड़ दिया.
ईडी के मुताबिक चोकसी को इस बात का अंदाजा था कि बैंक धोखाधड़ी का खुलासा होने वाला है और उसे धोखाधड़ी के लिए जांच एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया जाएगा. इसलिए, उसने 2 जनवरी, 2018 को देश से भागने से पहले अपनी संपत्तियों को ठिकाने लगाने की कोशिश की थी.
चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि चोकसी ने इसलिए भारत नहीं छोड़ा कि जांच की आशंका थी बल्कि वह इलाज के लिए विदेश गया था.
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ईडी ने कुछ साल पहले चोकसी के खिलाफ FEO यानी भगोड़ा आर्थिक अपराधी कार्रवाई शुरू की थी, जो अभी भी अदालत में चल रही है. इससे पहले ईडी, चोकसी के रिश्तेदार और पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के एक अन्य आरोपी नीरव मोदी को FEO घोषित कराने में कामयाब रही थी.