पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में हुए चुनाव पर विदेश मंत्रालय की तरफ से तल्ख टिप्पणी की गई है. उन्होंने साफ कहा है कि गैरकानूनी तरीके से वहां पर चुनाव कराए गए हैं जिसे वहां की जनता ने ही सिरे से खारिज कर दिया है. उनकी तरफ से स्पष्ट कहा गया है कि पाकिस्तान भारत के उन तमाम इलाकों को तुरंत खाली करे और वहां पर जारी मानव अधिकारों के हनन को रोके.
PoK चुनाव को भारत ने बताया गैरकानूनी
जारी बयान में कहा गया है कि पाक अधिकृत कश्मीर में कराए गए चुनाव गैरकानूनी है और पाकिस्तान द्वारा सिर्फ उस सच को छिपाने का प्रयास है कि उन्होंने इन इलाकों पर गैरकानूनी कब्जा जमा रखा है. भारत की तरफ से पाक अधिकारियों को इस बारे में विरोध जता दिया गया है. जो देकर कहा गया है कि ये चुनाव इस सच्चाई को नहीं छिपा सकते कि पाक अधिकृत कश्मीर में लोगों के साथ कैसा सुलूक किया जा रहा है, वहां पर कैसे मानव अधिकारों का हनन किया जा रहा है.
पाकिस्तान को कड़ा संदेश
कड़ा संंदेश देते हुए पाकिस्तान को बताया गया है कि PoK पर उनका कोई अधिकार नहीं है और उन्हें उन तमाम इलाकों को तुरंत खाली कर देना चाहिए जहां पर गैरकानूनी तरीके से कब्जा जमाया गया है. बता दें कि जिस चुनाव को लेकर भारत ने तल्ख टिप्पणी दी है उसमें इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं. लेकिन उस चुनाव में बड़े स्तर पर धांधली के आरोप लगे हैं. ऐसे में PoK में उस चुनाव को लेकर विवाद है तो वहीं भारत ने उसे सिरे से खारिज कर दिया है.
चीन को दिखाया आईना
विदेश मंत्रालय द्वारा सिर्फ PoK चुनाव पर ही तल्ख टिप्पणी नहीं की गई है. CPEC ( चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) पर स्पष्ट संदेश दिया गया है कि उनका वो कॉरिडोर भारत की जमीन से होते हुए गुजरता है, ऐसे में भारत यथास्थिति को बदलने वाले हर कदम का पुरजोर रूप से विरोध करता है. इससे पहले भी भारत ने इस प्रोजेक्ट का हर स्तर पर विरोध किया है.
अफगानिस्तान पर पैनी नजर
वैसे पीसी में विदेश मंत्रालय की तरफ से अफगानिस्तान पर भी विस्तार से बात की गई है. तालिबान की सक्रियता से बिगड़ी परिस्थितियों पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उन्होंने स्थिति पर पैनी नजर बनाई हुई है. वहीं ये भी कहा गया है कि अफगानिस्तान में किसी भी फैसले के लिए एकतरफा कार्रवाई नहीं होनी चाहिए और बातचीत के जरिए समाधान निकलना चाहिए. जोर देकर कहा गया है कि भारत ने हमेशा से ही एक सुरक्षित और स्वतंत्र अफगानिस्तान की मांग की है.