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गंजापन दूर करने की 'जादुई दवाई' से इंफेक्शन... कैंप लगाने वाले पर FIR, सलून भी सील

Punjab: पीड़ितों की शिकायत पर संगरूर पुलिस ने कैंप आयोजक तेजिंदर पाल सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जबकि खन्ना में प्रशासन ने आरोपी के सलून को सील कर दिया.

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बाल उगाने वाली दवा से खराब हो गई आंखें!
बाल उगाने वाली दवा से खराब हो गई आंखें!

पंजाब के संगरूर में गंजेपन के इलाज के नाम पर आयोजित एक कैंप लोगों के लिए मुसीबत बन गया. स्थानीय काली देवी मंदिर में हुए इस कैंप में हजारों लोग अपने गंजेपन का इलाज कराने पहुंचे, लेकिन दवा लगाने के कुछ घंटों बाद ही उनकी आंखों में गंभीर इन्फेक्शन शुरू हो गया. पीड़ितों की शिकायत पर संगरूर पुलिस ने कैंप आयोजक तेजिंदर पाल सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जबकि खन्ना में प्रशासन ने आरोपी के सलून को सील कर दिया.
 
कैंप में एक व्यक्ति ब्रश से लोगों के सिर पर दवा लगा रहा था. तस्वीरों में भारी भीड़ दिखाई दी, जहां एक ही ब्रश से सैकड़ों लोगों पर दवा का इस्तेमाल किया गया. शाम होते-होते लोगों की आंखों में जलन और इन्फेक्शन शुरू हो गया. बड़ी संख्या में प्रभावित लोग संगरूर सिविल अस्पताल और बरनाला के अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचे. पीड़ितों ने बताया कि उनके सिर की चमड़ी में भी इन्फेक्शन फैल गया है.

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पुलिस और प्रशासन का एक्शन
संगरूर के डीएसपी सुखदेव सिंह ने बताया, "हमें शिकायत मिली थी कि खन्ना से एक व्यक्ति गंजेपन का इलाज करने संगरूर आया था. कैंप का आयोजन तेजिंदर पाल सिंह ने किया था, जिसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. दूसरा व्यक्ति अमनदीप सिंह, जो खुद को वैद्य बताता है और इलाज करता है, उसकी तलाश जारी है." खन्ना में प्रशासन ने आरोपी के सलून पर ताला जड़ दिया है.

पीड़ित की आपबीती
शिकायतकर्ता सुखबीर सिंह ने कहा, "मैंने सोशल मीडिया पर इस कैंप के बारे में सुना और इलाज के लिए गया. वहां एक मेहंदी जैसे प्रोडक्ट को एक ही ब्रश से सबके सिर पर लगाया गया. शाम तक मेरी आंखों में इन्फेक्शन शुरू हो गया, सिर में दर्द होने लगा और चमड़ी खराब हो गई. अब मैं अपना चेहरा भी नहीं दिखा सकता. मेरा नुकसान तो हो गया, लेकिन ऐसे जालसाजों पर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि दूसरों को बचाया जा सके." सुखबीर का इलाज संगरूर सिविल अस्पताल में चल रहा है.

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पुलिस ने कैंप में इस्तेमाल दवा की जांच शुरू कर दी है. पीड़ितों की संख्या 65 से अधिक हो चुकी है और कई अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं. यह घटना नकली इलाज के नाम पर लोगों की सेहत से खिलवाड़ का गंभीर उदाहरण बन गई है. प्रशासन ने लोगों से ऐसे दावों पर भरोसा न करने की अपील की है.

(इनपुट : कुलवीर सिंह)

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