कृषि कानूनों के मसले पर जारी किसानों के आंदोलन के बीच केंद्र सरकार द्वारा एक अहम फैसला लिया गया है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को रफ्तार देने के लिए अब कृषि मंत्रालय द्वारा ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा गुरुवार को इसकी जानकारी दी गई.
नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक, देश के करीब सौ जिलों में जहां चावल-गेहूं की खेती अधिक होती है उन स्थानों पर ड्रोन का प्रयोग किया जाएगा. कृषि मंत्रालय के प्रपोजल पर डीजीसीए ने मंजूरी दे दी है.
कृषि मंत्री के मुताबिक, ड्रोन की मदद से इन जिलों में हुए नुकसान का डाटा निकालने में आसानी होगी. ताकि किसानों को बीमा योजना के तहत मिलने वाले मुआवजे को जल्द से जल्द उन्हें दिया जा सके. कृषि मंत्री का कहना है कि इस तरह की तकनीक का केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में चलाई जा रही अन्य योजनाओं में भी उपयोग किया जाएगा.
देखें आजतक LIVE TV
आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना चलाई जा रही है, जिसके मुताबिक अगर किसी किसान की फसल का प्राकृतिक आपदा से नुकसान होता है तो इस बीमा के तहत आने वाले किसानों को मुआवजा दिया जाता है.
Use of UAV data in scheme will bring new dimension to ensure timely settlement of claims in the scheme as well as for crop area estimation, losses due to localized calamities and to resolve yield dispute between different stakeholders under the scheme: Union Agriculture Minister
— ANI (@ANI) February 4, 2021
अब अगर ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा तो तकनीक के माध्यम से कम वक्त में ऐसे नुकसान का जायजा लिया जा सकेगा. यही वजह है कि केंद्र सरकार ने इस कदम को बढ़ाया है.
गौरतलब है कि कृषि मंत्रालय पिछले काफी वक्त से सुर्खियों में बना हुआ है. केंद्र द्वारा बीते वर्ष कृषि क्षेत्रों में सुधार के नाम पर तीन कृषि कानून लाए गए, लेकिन पंजाब और हरियाणा के किसानों ने इसका विरोध किया. अब अलग-अलग संगठनों के किसान पिछले दो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं.