कोरोना संकट के बीच मॉनसून सत्र आज सोमवार से शुरू हो गया. संसदीय कार्यवाही के दौरान संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में कहा कि कोरोना महामारी की वजह से इस सत्र में प्रश्न काल और निजी सदस्य के कार्य को शामिल नहीं किया गया है और इसके बारे में सभी दलों को बता दिया गया था.
लोकसभा में संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि देश जानता है कि 1975 में क्या हुआ था. कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार प्रश्न काल और निजी सदस्य का कार्य (प्राइवेट मेंबर्स बिजनेस) को शामिल नहीं किया गया. हमने इस पर फैसला करने से पहले सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने वाले सभी नेताओं से बात की थी.
प्रश्न काल खत्म किए जाने को लेकर उठ रहे सवालों के बीच संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने लोकसभा में कहा कि सरकार चर्चा से भाग नहीं रही है. उन्होंने कहा कि यह एक असाधारण स्थिति है. जब विधानसभाएं एक दिन के लिए भी बैठक करने को तैयार नहीं हैं, हम करीब 800-850 सांसदों के साथ बैठक कर रहे हैं. सरकार से सवाल करने के कई तरीके हैं, सरकार चर्चा से भाग नहीं रही है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सुझाव दिया है कि शून्यकाल में सरकार से सवाल किया जा सकता है.
संसदीय कार्यमंत्री जोशी ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, केरल और पंजाब जैसे कई अन्य राज्यों ने भी प्रश्न काल स्थगित कर दिया और बुनियादी ढांचे का पालन किए बिना दो-तीन दिनों में 20-25 विधेयक (बिल) पारित किए.
शर्मनाक दिनः ओवैसी
लोकसभा में प्रश्न काल स्थगित करने के सरकार के फैसले ने मॉनसून सत्र के शुरुआती दिन विपक्षी दलों के सांसदों ने कहा कि यह कदम 'लोकतंत्र का गला घोंटने का' प्रयास है. विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसी भी प्रकार की जवाबदेही से बचने के लिए कोविड-19 महामारी का उपयोग कर रही है.
लोकसभा में प्रश्न काल नहीं होने का मुद्दा उठाते हुए सदन के कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि प्रश्न काल को रद्द करना सांसदों को राष्ट्रीय महत्व के मामले उठाने से रोकने के बराबर है. प्रश्न काल को संसदीय लोकतंत्र के सार के रूप में मान्यता प्राप्त है. इतना ही नहीं, प्रश्न काल घंटे की व्याख्या सदन की आत्मा के रूप में की जा सकती है. यह सांसदों को आम लोगों की समस्या का प्रतिनिधित्व करने का अवसर देता है. यही हमारे लिए गोल्डन आवर्स होता है. यह लोकतंत्र का गला घोंटने का एक प्रयास है.
अधीर ही नहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी निराशा जताते हुए कहा कि प्रश्न काल और निजी सदस्य का कार्य हमारे लोकतंत्र की 'बुनियाद' है और ये बेहद जरूरी है. कोरोना के नाम पर प्रश्न काल स्थगित करने पर सांसद ओवैसी ने इसे एक शर्मनाक दिन करार दिया.