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Pranab Mukherjee नहीं रहे, भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति का 84 साल की उम्र में निधन

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार की शाम को निधन हो गया है. कई दिनों से प्रणब मुखर्जी का दिल्ली के अस्पताल में इलाज चल रहा था. उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर पूर्व राष्ट्रपति के निधन की जानकारी दी.

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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का हुआ निधन (फाइल फोटो)
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का हुआ निधन (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन
  • 84 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
  • काफी दिनों से अस्पताल में भर्ती थे
  • मंगलवार को होगा अंतिम संस्कार

'भारत रत्न' पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है. सोमवार शाम को 84 साल की उम्र में प्रणब मुखर्जी ने अंतिम सांस ली. वो पिछले कई दिनों से बीमार थे और दिल्ली के आर्मी अस्पताल में भर्ती थे. बीते दिनों प्रणब मुखर्जी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, उनकी सर्जरी भी हुई थी. प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी के निधन की जानकारी दी.

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प्रणब मुखर्जी कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए थे और उनकी हाल ही में ब्रेन सर्जरी की गई थी. प्रणब मुखर्जी को खराब स्वास्थ्य के कारण 10 अगस्त को दिल्ली के RR अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके मस्तिष्क में खून का थक्का जमने के बाद सर्जरी की गई थी, इसी वक्त उनके कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिली थी.

पिछले कई दिनों से बड़े डॉक्टर उनकी निगरानी कर रहे थे, लेकिन लगातार उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई थी. जिसके बाद सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली. 84 साल के प्रणब मुखर्जी साल 2012 में देश के राष्ट्रपति बने थे, 2017 तक वो राष्ट्रपति रहे. साल 2019 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह 9 बजे दिल्ली के 10 राजाजी मार्ग में श्रद्धांजलि देने के लिए रखा जाएगा. सुबह सवा 9 बजे से गणमान्य व्यक्तियों द्वारा श्रद्धांजलि दी जाएगी. 11 बजे से 12 बजे के बीच आम जनता अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित कर सकेंगे. कोरोना संकट को देखते हुए लोगों से सामाजिक दूरी का पालन करने का निर्देश दिया गया है. दिल्ली के लोधी श्मशान घाट पर दोपहर 2.30 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त किया. पीएम मोदी ने लिखा कि प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूरा देश दुखी है, वह एक स्टेट्समैन थे. जिन्होंने राजनीतिक क्षेत्र और सामाजिक क्षेत्र के हर तबके की सेवा की है. प्रणब मुखर्जी ने अपने राजनीतिक करियर के दौरान आर्थिक और सामरिक क्षेत्र में योगदान दिया. वह एक शानदार सांसद थे, जो हमेशा पूरी तैयारी के साथ जवाब देते थे.

 

राष्ट्रपति समेत कई दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि
प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी. रामनाथ कोविंद ने ट्वीट में लिखा कि प्रणब मुखर्जी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ. उनका जाना एक युग का अंत है. प्रणब मुखर्जी ने देश की सेवा की, आज उनके जाने पर पूरा देश दुखी है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि प्रणब मुखर्जी को देश के हर तबके का सम्मान प्राप्त था. उनका निधन एक निजी क्षति है, जिनके पास सार्वजनिक जीवन के हर क्षेत्र का ज्ञान था. राजनाथ सिंह ने लिखा कि प्रणब मुखर्जी का जीवन बेहद साधारण था, इसी तरह उन्होंने देश की सेवा की.

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पिता के निधन पर बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्वीट किया, 'सभी को नमन. बाबा, सबको को आपका अंतिम अलविदा कहने के लिए आपके पसंदीदा कवि को उद्धृत करने की स्वतंत्रता ले रही हूं. आपने राष्ट्र की सेवा में एक सार्थक जीवन जिया. मैं खुद को धन्य समझती हूं कि मैंने आपकी बेटी के तौर पर जन्म लिया.'

पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी शोक जताया, उन्होंने कहा, एक कुशल प्रशासक, स्टेट्समैन, राष्ट्रहित की भावना के रक्षक, राजनीतिक विचारधारा में फर्क के बावजूद सभी से जुड़े रहने वाले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज अपना जीवन पूरा कर स्वर्ग की ओर चले गए. 

वहीं संघकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा, भरत के राजनीतिक-सामाजिक जीवन में इस शून्य को भरना आसान नहीं होगा. संघ (आरएसएस) के बारे में उनकी देखभाल और रुचि के कारण वह हमारे लिए एक मार्गदर्शक थे. उनका जाना संघ के लिए भी एक असहनीय पीड़ा है. वहां कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, मेरी उनके साथ काम करने के दौरान निजी तौर पर कई यादें हैं. मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी. राहुल ने ट्वीट कर लिखा कि प्रणब मुखर्जी के निधन की खबर सुनकर पूरा देश दुखी है, देशवासियों के साथ मैं भी उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं.

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गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने लिखा कि भारत रत्न प्रणब मुखर्जी एक शानदार नेता थे, जिन्होंने देश की सेवा की. प्रणब जी का राजनीतिक करियर पूरे देश के लिए गर्व की बात है. अमित शाह ने लिखा कि प्रणब मुखर्जी ने अपने जीवन में देश की सेवा की, उनके निधन के बाद देश के सार्वजनिक जीवन को बड़ी क्षति हुई है. 

प्रणब मुखर्जी के राजनीतिक सफर के कुछ पहलू...

प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर, 1935 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुआ था, शुरुआती पढ़ाई भी उन्होंने गृह जिले से ही की थी. लेकिन बाद में कोलकाता में राजनीतिक शास्त्र की पढ़ाई करने आ गए. करीब 6 दशक तक के अपने राजनीतिक जीवन में प्रणब मुखर्जी ने हर वो मंत्रालय और पद संभाला है, जो राजनीतिक जीवन में काफी बड़ा माना जाता है.

प्रणब मुखर्जी 1969 से पांच बार राज्यसभा के सांसद चुने गए, फिर 2004 में उन्होंने चुनावी राजनीति में कदम रखा और लोकसभा सांसद भी चुने गए. इंदिरा गांधी की मदद से राजनीति में प्रवेश करने वाले प्रणब मुखर्जी कांग्रेस का सबसे बड़ा और भरोसेमंद चेहरा भी बने.

साल 1973 में प्रणब मुखर्जी पहली बार केंद्रीय मंत्री बने, उसके बाद लगातार वो इंदिरा गांधी की सरकार, फिर राजीव गांधी की सरकार में मंत्री बनते रहे. 1980 में प्रणब मुखर्जी का राज्यसभा में कांग्रेस का नेता बना दिया गया और प्रधानमंत्री के बाद उनकी ही धमक पार्टी में दिखी.

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साल 2012 में प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बनाया गया, वो 2017 तक इस पद पर रहे. इस दौरान शुरुआती साल में मनमोहन सिंह और अंतिम वर्षों में नरेंद्र मोदी के साथ उन्होंने काम किया. नरेंद्र मोदी और प्रणब मुखर्जी की जोड़ी हमेशा चर्चा में रही, अंत में मोदी सरकार ने ही उन्हें भारत रत्न से नवाजा. 2019 में जब प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिया गया.

 

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