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कांग्रेस के साथ फिर काम नहीं करेंगे प्रशांत किशोर, हाथ जोड़कर बोले- मेरा ट्रैक रिकॉर्ड खराब किया

प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा है कि ये पार्टी खुद तो सुधरती नहीं है, लेकिन दूसरे को जरूर डुबो देती है. उनकी माने तो कांग्रेस ने उनका ट्रैक रिकॉर्ड खराब कर दिया है.

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प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • प्रशांत ने कांग्रेस के लिए यूपी चुनाव की रणनीति बनाई थी
  • चुनाव में बीजेपी की आंधी के आगे पस्त हुई थी कांग्रेस

कांग्रेस का ऑफर ठुकराकर अपनी खुद की पार्टी बनाने वाले प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में सक्रिय होने का प्रयास कर रहे हैं. उनके बयान लगातार चर्चा का विषय बन रहे हैं और उन पर बहस भी हो रही है. सोशल मीडिया पर उनका एक और वीडियो तेजी से वायरल हो गया है. उस वीडियो में प्रशांत कांग्रेस को लेकर बड़ा बयान दे रहे हैं. वे कसम खा रहे हैं कि वे कांग्रेस के साथ कभी काम नहीं करेंगे.

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वायरल वीडियो में प्रशांत कहते सुनाई दे रहे हैं कि 2011 से 2021 तक मैं 11 चुनावों के साथ जुड़ा हुआ था, सिर्फ एक चुनाव ही हारे जो कांग्रेस के साथ लड़ा था. उसके बाद से ही मैंने कसम खा ली थी कि कांग्रेस के साथ काम नहीं करने वाला हूं. उन्होंने मेरा ट्रैक रिकॉर्ड ही खराब कर दिया. प्रशांत ने यहां तक कह दिया कि कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो खुद तो सुधर नहीं रही है, दूसरों को भी डुबो देगी. उनका ये तंज काफी मायने रखता है क्योंकि कुछ दिन पहले ही उन्होंने कांग्रेस में जाने का ऑफर ठुकरा दिया था. उनकी तरफ से 2024 के चुनाव के लिए कांग्रेस को एक रोडमैप दिया गया था, प्रेसेंटेशन भी दिखाई गई थी. तब हाईकमान प्रशांत को पार्टी में शामिल करना चाहता था. लेकिन पीके ने साफ इनकार करते हुए उस ऑफर को सिरे से खारिज कर दिया.

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उस एक ना के बाद कई मौकों पर पीके ने इंटरव्यू दिए लेकिन कभी भी स्पष्ट रूप से कांग्रेस ज्वाइन ना करने की वजह नहीं बताई. अब वायरल वीडियो में प्रशांत ने वो कारण बता दिया है. एक तरफ उन्हें वर्तमान कांग्रेस की कार्यशैली से समस्या है तो वहीं दूसरी तरफ उन्हें ऐसा लगता है कि पार्टी ने उनका ट्रैक रिकॉर्ड खराब कर दिया है.

जानकारी के लिए बता दें कि साल 2017 में उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के साथ काम किया था. उस चुनाव में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ रही थी. लेकिन बीजेपी की ऐसी आंधी चली कि कांग्रेस-सपा का गठबंधन 100 सीटें भी नहीं जीत पाया और बीजेपी ने अपना आंकड़ा 300 पार कर लिया. 

लेकिन अब प्रशांत पोल मैनेजमेंट से अलग राजनीति की दुनिया में कदम रख चुके हैं. चंपारण से दो अक्टूबर को वे पदयात्रा की शुरुआत भी करने जा रहे हैं. बिहार के सभी वर्गों से संवाद स्थापित करने के बाद वे इस पदयात्रा पर निकलेंगे. चुनाव लड़ने को लेकर कोई फैसला भी वे उस पदयात्रा के बाद ही लिया जाएगा.

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