Prashant Kishor Interview: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का कहना है कि अभी राजनीति में बारीक समझ और तर्कों की भारी कमी है. उन्होंने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के समर्थक बाइनरी बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे विपक्ष को चोट पहुंच रही है.
प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने ये बातें इंडिया टुडे के ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर (पब्लिशिंग) राज चेंगप्पा को दिए इंटरव्यू में कहीं. उन्होंने कहा कि तुरंत सुधार करने से काम नहीं होगा. उन्होंने कहा, 'कई सारी चुनौतियां बड़ी और जटिल हैं और आपके पास बारीक समझ, तर्क और फॉर्मेशन होना चाहिए जो बाइनरी होने की बजाय बहु-स्तरीय (मल्टी लेयर्ड) हो.'
उन्होंने कहा, 'राजनीति में किसी भी बारीकी तर्क की जगह नहीं है. या तो आप मोदी भक्त हैं या फिर राहुल गांधी के समर्थक. यही बाइनरी विपक्ष को चोट और नुकसान पहुंचा रही है.'
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर ने कहा, 'एक राष्ट्र के तौर पर आज हम टी-20 मोड में चले गए हैं, जहां सबकुछ एक ही दिन में होना चाहिए, हर चीज हां या न में होना चाहिए. एक वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी है जहां एक लाइन में सारी बातें कह दी जाती हैं.'
ये भी पढ़ें-- BJP को हराने का फॉर्मूला और PM मोदी की तारीफ! विपक्ष के लिए क्या है प्रशांत किशोर का ब्लू प्रिंट?
क्या कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ से राहुल गांधी को हट जाना चाहिए? इस सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा, 'मैंने सोनिया गांधी की लीडरशिप में कांग्रेस का रिकॉर्ड देखा है, क्योंकि वो लंबे समय से कांग्रेस की अध्यक्ष हैं. उनका स्ट्राइक रेट 31-32% के आसपास है. जब राहुल गांधी अध्यक्ष थे तो उनका स्ट्राइक रेट 34-35% था. दोनों का अच्छा रिकॉर्ड रहा है. लेकिन 2019 के बाद से जब किसी को नहीं पता कि अध्यक्ष कौन है तो स्ट्राइक रेट 10% और उससे भी नीचे आ गया.'
उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस वाकई बीजेपी के लिए चुनौती बनना चाहती है तो उसे बीजेपी को वोट नहीं देने वाले 60% वोटर्स में से 40% को कैप्चर करना होगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल कांग्रेस का वोट शेयर 19% है और इसे 25-30 तक ले जाने के लिए पार्टी को रणनीति बदलने की जरूरत है.