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लोकसभा चुनाव 2024 से जुड़ी अपनी 4 भविष्यवाणियां गलत होने पर क्या बोले प्रशांत किशोर?

चुनावों के नतीजे आने पर सबसे ज्यादा चर्चा एग्जिट पोल और राजनीतिक विश्लेषकों के बयानों की हो रही है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी निशाने पर हैं क्योंकि नतीजों से जुड़ी उनकी भविष्यवाणी भी गलत हुई है. उन्होंने मतदान के दौरान दिए गए इंटरव्यू में बीजेपी को बहुमत मिलने का दावा किया था, जो कि गलत साबित हुआ. 

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चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर से इंडिया टुडे की खास बातचीत
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर से इंडिया टुडे की खास बातचीत

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद एनडीए एक बार फिर केंद्र में सरकार बनाने जा रहा है. हालांकि इस बार के चुनाव में बीजेपी को बहुमत नहीं मिल सका, जिसके चलते नरेंद्र मोदी एनडीए गठबंधन के सहयोग से तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. चुनावों के नतीजे आने पर सबसे ज्यादा चर्चा एग्जिट पोल और राजनीतिक विश्लेषकों के बयानों की हो रही है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी निशाने पर हैं क्योंकि नतीजों से जुड़ी उनकी भविष्यवाणी भी गलत हुई है. उन्होंने मतदान के दौरान दिए गए इंटरव्यू में बीजेपी को बहुमत मिलने का दावा किया था, जो कि गलत साबित हुआ. 

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उठ रहे सवालों पर अब प्रशांत किशोर ने जवाब दिया है. इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल और कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से बातचीत में PK ने माना कि उनकी भविष्यवाणी गलत हुई.
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प्रशांत किशोर से पूछा गया, आपने कहा था कि बीजेपी 2019 के 303 सीटों के आंकड़े के बराबर या उससे ज्यादा ला सकती है, आप गलत साबित हुए, आपने कहा कि कांग्रेस के 100 से कम सीटों पर जीतने की संभावना है, आप गलत साबित हुए. आपने कहा कि बीजेपी पश्चिम बंगाल में नंबर-1 पार्टी बनकर सामने आएगी, आप गलत साबित हुए. आपने सुझाव दिया था कि महाराष्ट्र और राजस्थान में बीजेपी इतनी सीटें नहीं हारेगी लेकिन आप गलत साबित हुए. क्या यह एक सीख है कि आप रणनीतिकार हैं लेकिन नंबरों (कितनी सीट आएगी वाली भविष्यवाणी) में मत पड़िए. क्योंकि अब लोग कह रहे हैं कि प्रशांत किशोर बुरी तरह से गलत साबित हुए हैं.

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यह भी पढ़ें: '400 पार का नारा अधूरा, बीजेपी को इससे नुकसान हुआ', नतीजों पर बोले प्रशांत किशोर

जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा, 'इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. कोई भी गलत हो सकता है. अखिलेश यादव जो इस चुनाव में हीरो बनकर उभरे हैं. उन्होंने विधानसभा चुनाव में कहा था कि 400 सीटें आएंगी लेकिन 125 आईं. इसका मतलब ये नहीं है कि अखिलेश की राजनीतिक समझ और पकड़ खत्म हो गई. अमित शाह ने कहा कि बंगाल में 200 सीटें आएंगी, नहीं आईं. इसका मतलब यह नहीं है कि अमित शाह को राजनीति की समझ नहीं है. राहुल गांधी ने कहा कि मध्य प्रदेश में हमारी बहुमत की सरकार आ रही है, 200 सीटें जीतने जा रहे हैं, लेकिन मध्य प्रदेश बुरी तरह हार गए. इसका मतलब यह नहीं है कि राहुल गांधी की कोई राजनीतिक समझ नहीं है. इस चुनाव में भी, मैं मानता हूं कि हमारे नंबर गलत साबित हुए हैं लेकिन जिन्होंने कहा था कि बीजेपी की सिर्फ 180 सीटें आएंगी, वो भी तो गलत साबित हुए हैं.'

'हमें ट्रोल किया जा रहा है'

उन्होंने कहा कि हम जो कह रहे थे कि बीजेपी जीते रही है और गलत साबित हुए. हमारा 20 प्रतिशत आंकलन गलत हुआ, हमें ट्रोल किया जा रहा है कि भैया तुम बिके हुए हो, माहौल बना रहे हो बीजेपी आदि. लेकिन अगर ऐसा होता तो पांचवें राउंड के बाद तो बीजेपी हारी है. मैंने इंटरव्यू दिया था पांचवें फेज के बाद और बीजेपी का खराब प्रदर्शन रहा सातवें राउंड में. जबकि हमारे इंटरव्यू से पहले जो चार राउंड हुए, उसमें बीजेपी आगे रही है. मुझे लग रहा है कि भारत में हम लोगों से दो गलती हो रही है. एक मौजूदा व्यवस्था में वोट शेयर को सीट में बदलने का का जो तरीका है, वो सटीक नहीं है. दूसरा, जिसमें मैंने फील्ड में काम करते वक्त महसूस किया वो डर के कारण अपनी बात को खुलकर नहीं रख पाना है. जहां सरकारें जितनी मजबूत रहेंगी, वहां लोग खुलकर अपने मन की बात नहीं रख पाते हैं. 

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PK ने आंध्र प्रदेश का उदाहरण दिया

उन्होंने उदाहरण के लिए आंध्र प्रदेश की बात करते हुए कहा कि 6 महीने पहले ही मैंने कह दिया था कि वहां जगनमोहन रेड्डी बुरी तरह हारने वाले हैं. लेकिन जब आपने दौरा किया तो कहा कि महिलाएं और गरीब जगमोहन सरकार के साथ हैं. लेकिन जो रिजल्ट सामने आया, वो आपके और हमारे अनुमान से बिल्कुल उलट था. यानी जिन लोगों ने जगन को वोट देने की बात कही, उन्होंने जगनमोहन को वोट नहीं दिया. ये जो फियर फैक्टर है कहीं न कहीं मोदी सरकार या फिर कोई और सरकार है, जिनसे लोगों को लगता है कि कोई नुकसान हो सकता है तो ऐसे में डेटा अलग होता है क्योंकि लोग वोट देने की बात तो कहते हैं, पर सही में वोट नहीं देते. और जब मैं पूरी तरह से फील्ड पर रहकर ही ये काम करता था तो हम लोग लोगों से इस डर को लोगों के मन को टटोलकर निकालते थे.

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मैं चार राज्यों के आंकड़ों में गलत साबित हुआ: प्रशांत किशोर

बंगाल में भी गलत साबित होने के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरा आंकलन चार राज्यों में गलत हुआ है. मैं बंगाल में गलत हुआ, यूपी में गलत हुआ, राजस्थान में गलत हुआ और महाराष्ट्र में भी गलत साबित हुआ. अगर चार राज्य गलत न होते तो मेरा आंकलन 20 प्रतिशत गलत न हुआ होता. लेकिन सरकार तो बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए की ही बनी. मेरा डायरेक्शन सही रहा. सरकार बीजेपी की बनी. 300 के साथ नहीं बनी लेकिन 240 सीटों के साथ बनी, जो कि बड़ी बात है. मैं ये भी मानता हूं. लेकिन अगर आप उन्हें देखें जो कह रहे थे कि INDIA ब्लॉक की सरकार बन रही है तो उसके मुकाबले मेरा सही है. योगेंद्र यादव और मैं अच्छे दोस्त हैं और हमारे आंकड़ों को लेकर आपस में कोई प्रतियोगिता नहीं है. हां उनका आंकलन सही साबित हुआ मैं मुझे इस बात की खुशी है. 

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एग्जिट पोल के लिए साहस की जरूरत

उन्होंने कहा कि इस समय सबसे बड़ा विलेन कौन बना दिया गया है, प्रदीप गुप्ता. जबकि देशभर के लोग प्रदीप गुप्ता के आंकड़े आने का इंतजार करते थे. लेकिन अब सब बहुत चालाक बन रहे हैं कि हमें तो पता था ये गलत है. ऐसा नहीं है. एग्जिट पोल करने के लिए बहुत की साहस, मेहनत और समय लगता है. कभी-कभी आप गलत भी हो सकते हैं. हमें यह समझने के जरूरत है कि भारत जैसे बड़े देश में हम उसी का आंकलन करते हैं जो हम लोगों के बीच जाकर पता करते हैं. आप डेटा कलेक्शन में बहुत की सटीक हो सकते हैं लेकिन जब लोग ही सर्वे में किसी भी वजह से गलत जानकारी देंगे तो हमें ये भी समझने की जरूरत है.

यहां देखें प्रशांत किशोर का पूरा इंटरव्यू-

 

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