कांग्रेस पार्टी और प्रशांत किशोर को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. पहले कहा गया कि वे कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं, फिर कहा गया कि अब वे अपना मन बदल चुके हैं. इन तमाम अटकलों के बीच अब प्रशांत किशोर ने आजतक से खास बातचीत की है. थर्ड डिग्री कार्यक्रम में प्रशांत ने बताया है कि आखिर क्यों कांग्रेस के साथ बनते-बनते उनकी बात बिगड़ गई.
प्रशांत किशोर ने कहा है कांग्रेस चाहती थी कि वे पार्टी में शामिल हो जाएं. लेकिन उनकी तरफ से पार्टी से कोई पद नहीं मांगा गया था. उनके मुताबिक उन्होंने 8 से 9 घंटे की एक बैठक जरूर की थी. उनकी तरफ से तमाम सुझाव भी दिए गए थे. ये भी बताया गया कि तीन बैठकों के दौरान राहुल गांधी वहां पर मौजूद रहे थे. उन्होंने और पार्टी के दूसरे नेताओं ने उनके सुझावों का स्वागत किया था. उनकी तरफ से किसी भी मौके पर ये नहीं बताया गया कि किसे कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी देनी चाहिए.
पीके की माने तो उनकी सिर्फ इतनी शर्त थी कि एक बार जब चर्चा के बाद उनके सुझावों पर सहमति बन जाए तो फिर उन्हें सही मायनों में लागू किया जाए. बातचीत के दौरान पीके ने बड़ा बयान देते हुए ये भी बता दिया कि उनकी तरफ से कांग्रेस को पहले ही बता दिया गया था कि पांच राज्यों में होने जा रहे चुनाव में उनकी कोई संभावना नहीं है और पार्टी को जमीन पर परिवर्तन करने की जरूरत है.
वैसे बातचीत में प्रशांत किशोर ने ये भी बता दिया कि राहुल गांधी से उनकी अच्छी दोस्ती है. वे मानते हैं कि राहुल ने उनके सुझावों पर ध्यान दिया है. लेकिन उनकी तरफ से एक बार भी कांग्रेस से बातचीत में नेता को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. उनके मुताबिक उन्होंने सिर्फ कुछ सुझाव दिए जिन पर कांग्रेस द्वारा मंथन किया गया. अब पार्टी उन पर अमल करती है या नहीं, ये उनके ऊपर है.