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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रधानमंत्री को दी बधाई, पीएम मोदी ने कही ये बात

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा से पहले चिट्ठी लिखी है. उन्होंने प्रधानमंत्री को 22 जनवरी की अयोध्या यात्रा के लिए बधाई दी है. पीएम मोदी ने भी राष्ट्रपति मुर्मू की चिट्ठी का जवाब दिया और एक्स पोस्ट को शेयर करते हुए राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया.

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राष्ट्रपति मुर्मू, पीएम मोदी
राष्ट्रपति मुर्मू, पीएम मोदी

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा से पहले 21 जनवरी की शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को 22 जनवरी की अयोध्या यात्रा के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा, 'आपके द्वारा किया गया 11 दिवसीय कठिन अनुष्ठान, पवित्र धार्मिक पद्धतियों का अनुसरण मात्र नहीं है बल्कि त्याग की भावना से प्रेरित सर्वोच्च आध्यात्मिक कृत्य है और प्रभु श्री राम के प्रति सम्पूर्ण समर्पण का आदर्श है.'

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, 'अयोध्या धाम में नए मंदिर में प्रभु श्री राम की जन्म-स्थली पर स्थापित मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आप विधिवत तपश्चर्या कर रहे हैं.' इस अवसर पर, मेरा ध्यान इस महत्वपूर्ण तथ्य पर है कि उस पावन परिसर में, आपके द्वारा सम्पन्न की जाने वाली अर्चना से हमारी अद्वितीय सभ्यतागत यात्रा का एक ऐतिहासिक चरण पूरा होगा.'

पीएम मोदी ने दिया राष्ट्रपति मुर्मू का धन्यवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रपति मुर्मू की बधाई पर उनका धन्यवाद दिया. पीएम ने राष्ट्रपति के एक्स पोस्ट को शेयर करते हुए कहा, 'अयोध्या धाम में राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर शुभकामनाओं के लिए आपका बहुत-बहुत आभार.' मुझे विश्वास है कि यह ऐतिहासिक क्षण भारतीय विरासत एवं संस्कृति को और समृद्ध करने के साथ ही हमारी विकास यात्रा को नए उत्कर्ष पर ले जाएगा.'

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'राष्ट्र के पुनरुत्थान के एक नए काल-चक्र के बन रहे साक्षी'

राष्ट्रपति मुर्मू ने साथ ही कहा, 'आपकी अयोध्या धाम की यात्रा के इस पावन अवसर पर मैं आपको अपनी हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करती हूं.' उन्होंने कहा, 'अयोध्या धाम में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर के उद्घाटन से जुड़े देशव्यापी उत्सवों के वातावरण में, भारत की चिरंतन आत्मा की उन्मुक्त अभिव्यक्ति दिखाई देती है. यह हम सभी का सौभाग्य है कि हम सब अपने राष्ट्र के पुनरुत्थान के एक नए काल-चक्र के शुभारम्भ के साक्षी बन रहे हैं.'

राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा, 'प्रभु श्री राम हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के सर्वोत्तम आयामों के प्रतीक हैं. वे बुराई के विरुद्ध निरंतर युद्धरत अच्छाई का आदर्श प्रस्तुत करते हैं. हमारे राष्ट्रीय इतिहास के अनेक अध्याय, प्रभु श्री राम के जीवन चरित और सिद्धांतों से प्रभावित रहे हैं और राम-कथा के आदर्शों से राष्ट्र-निर्माताओं को प्रेरणा मिली है.'

राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी के कथन को किया याद

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 'गांधीजी ने बचपन से ही रामनाम का आश्रय लिया और उनकी अंतिम सांस तक रामनाम उनकी जिह्वा पर रहा. गांधी जी ने कहा था 'यद्यपि मेरी बुद्धि और हृदय ने, बहुत पहले ही, ईश्वर के सर्वोच्च गुण और नाम को, सत्य के रूप में अनुभव कर लिया था, मैं सत्य को राम के नाम से ही पहचानता हूं. मेरी अग्नि परीक्षा के सबसे कठिन दौर में राम का नाम ही मेरा रक्षक रहा है और अब भी वह नाम ही मेरी रक्षा कर रहा है.'

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