चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को भारत की अध्यक्षता में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट को संबोधित किया. चीनी राष्ट्रपति ने इस दौरान अमेरिका का नाम लिए बिना उस पर निशाना साधा. जिनपिंग ने कहा, क्षेत्र में नए कोल्ड वॉर को शुरू करने की कोशिशों का सामना करने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने क्षेत्र के देशों के मामलों में बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप के विरोध की बात भी कही.
पीएम मोदी की अध्यक्षता में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के प्रमुखों की 23वीं बैठक को वर्चुअली संबोधित करते हुए राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपील की, ''सदस्य देशों को एक-दूसरे के मूल हितों और प्रमुख चिंताओं का वास्तव में सम्मान करना चाहिए.'' शी जिनपिंग ने एससीओ सदस्य देशों से क्षेत्रीय शांति की रक्षा करने और संयुक्त अभियानों के माध्यम से आतंकवाद पर नकेल कस कर आम सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की. इस बैठक में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ और ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी सहित अन्य लोग शामिल हुए.
शी जिनपिंग ने SCO देशों से आधिपत्यवाद और सत्ता की राजनीति का विरोध करने और वैश्विक शासन प्रणाली को निष्पक्ष और अधिक न्यायसंगत बनाने की अपील की. उन्होंने कहा, हमें अपने क्षेत्र के समग्र और दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रखना चाहिए और अपनी विदेश नीतियां स्वतंत्र रूप से बनानी चाहिए. हमें अपने क्षेत्र में नए कोल्ड वॉर या कैप्म-आधारित टकराव को बढ़ावा देने के बाहरी प्रयासों के प्रति अत्यधिक सतर्क रहना चाहिए.
अमेरिका पर साधा निशाना
अमेरिका के साथ जारी तनावपूर्ण संबंधों के बीच शी जिनपिंग ने कहा, हमें अपने आंतरिक मामलों में किसी भी हस्तक्षेप और किसी भी देश द्वारा किसी भी बहाने से 'कलर रेवोल्यूशन' के उकसावे को दृढ़ता से खारिज करना चाहिए. हमारे विकास का भविष्य दृढ़ता से हमारे हाथों में होना चाहिए.
चीनी राष्ट्रपति ने कहा, इस क्षेत्र में शांति और सुरक्षा कायम रखना हमारी साझा जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, चीन बातचीत और परामर्श के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय विवादों के निपटारे को बढ़ावा देने के लिए उनके द्वारा प्रस्तावित वैश्विक सुरक्षा पहल (जीएसआई) को लागू करने के लिए सभी पक्षों के साथ काम करने को तैयार है. चीन ने आरोप लगाया कि शिनजियांग क्षेत्र में एक्टिव उइगर आतंकवादी संगठन तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआईएम) अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़ा चरमपंथी संगठन है.
तालिबान द्वारा शासित अफगानिस्तान में फिर से आतंकवादी समूहों के संगठित होने पर SCO देशों ने चिंता जाहिर की. इस पर शी जिनपिंग ने कहा कि एससीओ राज्यों को अफगानिस्तान के पड़ोसियों के बीच समन्वय और सहयोग के तंत्र जैसे प्लेटफार्मों का इस्तेमाल जारी रखना चाहिए.
जिनपिंग ने उठाया BRI का मुद्दा
जिनपिंग ने इस दौरान बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का भी जिक्र किया. उन्होंने विभिन्न देशों के क्षेत्रीय सहयोग पहलों की बात की. BRI एक अरबों डॉलर की आर्थिक-गलियारा पहल है, जिसे राष्ट्रपति शी ने 2013 में सत्ता में आने पर शुरू किया था. इसका उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप को भूमि और समुद्री मार्गों के नेटवर्क से जोड़ना है.
60 बिलियन अमेरिकी डॉलर का चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (बीआरआई) प्रमुख परियोजना है. यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजर रहा है. ऐसे में भारत सीपीईसी का चीन के समक्ष कड़ा विरोध जताता रहा है. भारत बीआरआई का भी आलोचक है.