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18 जुलाई को होगा राष्ट्रपति चुनाव, 21 जुलाई को देश को मिलेंगे नए महामहिम

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. चुनाव में वोटिंग के लिए विशेष इंक वाला पेन मुहैया कराया जाएगा. वोट देने के लिए 1,2,3 लिखकर पसंद बतानी होगी. पहली पसंद ना बताने पर वोट रद्द हो जाएगा.

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चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पदस्थ राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा होने से पहले होना है चुनाव
  • पिछली बार 17 जुलाई 2017 को चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी

Presidential Election 2022: चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव के तारीख का ऐलान कर दिया है. 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होंगे और 21 जुलाई को देश को नए राष्ट्रपति मिल जाएंगे. 29 जून नामांकन की आखिरी तारीख होगी. 

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वोट देने के लिए 1,2,3 लिखकर बतानी होगी पसंद
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. चुनाव में वोटिंग के लिए विशेष इंक वाला पेन मुहैया कराया जाएगा. वोट देने के लिए 1,2,3 लिखकर पसंद बतानी होगी. पहली पसंद ना बताने पर वोट रद्द हो जाएगा. कल होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए भी चुनाव आयोग कलम देगा.

राज्यसभा के महासचिव होंगे चुनाव प्रभारी
वहीं, इस दौरान राजनीतिक दल कोई व्हिप नहीं जारी कर सकते हैं. संसद और विधानसभाओं में वोटिंग होगी. राज्यसभा के महासचिव चुनाव प्रभारी होंगे. इसके अलावा कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के भी निर्देश दिए गए हैं.  

पिछली बार 17 जुलाई को हुए थे राष्ट्रपति चुनाव
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (ram nath kovind) का कार्यकाल 24 जुलाई 2022 को खत्म हो रहा है. पिछली बार 17 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति चुनाव हुए थे. राष्ट्रपति को चुनने के लिए आम लोग वोटिंग नहीं करते. इसके लिए जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि और उच्च सदन के प्रतिनिधि वोट डालते हैं. जैसे दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सदस्य राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालेंगे.

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यह भी पढ़ें - जानिए कैसे होता है राष्ट्रपति चुनाव-कौन दे सकता है वोट

इसके अलावा सभी राज्यों की विधानसभा के सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग करते हैं. इसमें केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और पुडुचेरी की विधानसभा के सदस्य भी शामिल होते हैं.

राष्ट्रपति चुनाव में कौन-कौन नहीं दे सकता वोट

  • देश में राष्ट्रपति के चुनाव में जनता वोट नहीं कर सकती है. मनोनीत सदस्यों और विधान परिषद के सदस्यों को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान का अधिकार नहीं है.
  • अगर किसी राज्य का मुख्यमंत्री विधान परिषद का सदस्य है तो वह भी राष्ट्रपति के चुनाव में वोट नहीं कर सकता है. 
  • राष्ट्रपति चुनाव में एकल हस्तांतरणीय मत यानी सिंगल ट्रांसफरेबल वोट प्रणाली के जरिए मतदान होता है. इसका मतलब यह हुआ कि राज्यसभा, लोकसभा और विधानसभा का एक सदस्य एक ही वोट कर सकता है.

राष्ट्रपति चुनाव 2017 में क्या रहे थे नतीजे?
पिछली बार 17 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी. मतगणना 20 जुलाई को पूरी हुई जिसमें रामनाथ कोविंद को निकटतम प्रतिद्वंद्वी मीरा कुमार को 3 लाख 34 हजार 730 वोटों से हराते हुए विजयी घोषित किया गया.

कोविड प्रोटोकॉल का पालन
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति फिलहाल बहुत गंभीर नहीं है, लेकिन मतदान और मतगणना के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पर्यावरण के अनुकूल और बायो-डिग्रेडेबल सामग्री का उपयोग भी सुनिश्चित करेगा. साथ ही प्रतिबंधित प्लास्टिक सामग्री का उपयोग नहीं होगा.

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कहां होगी मतगणना 
मतगणना दिल्ली में संसद भवन परिसर में होगी. इसके लिए मतपेटियां विधान सभाओं से कड़ी सुरक्षा में संसद भवन के strong room तक लाई जाएंगी.

राष्ट्रपति चुनाव पहले था आसान
राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए कम से कम 35 साल की उम्र होना जरूरी है. भारत का कोई भी नागरिक कितनी भी बार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ सकता है. लोकसभा सदस्य होने की पात्रता और किसी भी लाभ के पद पर न होने के साथ-साथ उम्मीदवार के पास कम से कम 50 प्रस्तावक और 50 समर्थक विधायक होने चाहिए.

विधानसभा भंग होने पर क्या होगा?
संविधान के अनुच्छेद 71 (4) में इस बात का उल्लेख मिलता है कि राष्ट्रपति पद का चुनाव किसी भी स्थिति में नहीं रुकेगा. अगर किसी राज्य की विधानसभा भंग हो गई है या कई राज्यों में विधानसभा सीटें रिक्त हैं तो भी राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव तय समय से ही होंगे.

भारत के पिछले पांच राष्ट्रपति

प्रणब मुखर्जी
कार्यकाल: 25 जुलाई, 2012 से 25 जुलाई, 2017

प्रतिभा देवीसिंह पाटिल
कार्यकाल: 25 जुलाई, 2007 से 25 जुलाई, 2012

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
कार्यकाल: 25 जुलाई, 2002 से 25 जुलाई, 2007

के.आर. नारायणन
कार्यकाल: 25 जुलाई, 1997 से 25 जुलाई, 2002

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डॉ शंकर दयाल शर्मा
कार्यकाल: 25 जुलाई, 1992 से 25 जुलाई, 1997

 

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