राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी के आदिवासी कार्ड ने विपक्षी दलों को भी राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन के मुद्दे पर पशोपेश में डाल दिया है. ओडिशा से आने वाली आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू ने विपक्षी खेमे में सेंध लगा दी है.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान कर दिया है. यूपी की राजधानी लखनऊ में बसपा प्रमुख मायावती ने ऐलान किया कि हमने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का फैसला किया है.
मायावती ने एनडीए कैंडिडेट के समर्थन को लेकर उठाए जा सकने वाले सवालों के जवाब भी दिए. उन्होंने कहा कि हमने ये फैसला ना तो बीजेपी या एनडीए के पक्ष में, ना ही विपक्ष के विरोध में लिया है. मायावती ने ये भी साफ किया कि हमने ये फैसला अपनी पार्टी और आंदोलन को ध्यान में रखते हुए ही लिया है.
ये भी पढ़ें- Presidential Election: द्रौपदी मुर्मू को नवीन पटनायक का समर्थन, AIMIM और RJD करेंगे विरोध
गौरतलब है कि बसपा, दलित मूवमेंट से उपजी पार्टी है. पार्टी का बेस वोट बैंक भी दलित है. एनडीए कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से आती हैं. ऐसे में बसपा भी इस उहापोह में फंसी थी कि द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करें कि विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का.
बसपा प्रमुख मायावती ने आखिरकार ये ऐलान कर दिया कि हमने अपनी पार्टी और मूवमेंट का ध्यान रखते हुए द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का फैसला किया है. दूसरी तरफ, मायावती के ऐलान को एनडीए उम्मीदवार की ओर से विपक्षी खेमे में सेंध लगाने की शुरुआत माना जा रहा है.
झामुमो की बैठक में होगा समर्थन पर फैसला
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की भी आज बैठक होनी है. इस बैठक में राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन को लेकर फैसला लिया जाना है. माना जा रहा है कि झामुमो भी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान कर सकती है. झामुमो का बेस वोट भी आदिवासी समुदाय है और एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू खुद भी आदिवासी समुदाय से ही आती हैं. ओडिशा की सत्ताधारी बीजू जनता दल ने पहले ही द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान कर दिया था.
एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने एक दिन पहले ही यानी 24 जून को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. द्रौपदी मुर्मू ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी बात कर समर्थन मांगा था.
18 जुलाई को होना है मतदान, 21 जुलाई को मतगणना
देश का अगला राष्ट्रपति चुनने के लिए 18 जुलाई को मतदान होना है. मतगणना 21 जुलाई को होगी. गौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल समाप्त होने से पहले देश के अगले राष्ट्रपति को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी.